Lok Sabha Election: जब नामांकन के लिए 9200 के सिक्के लेकर पहुंचा प्रत्याशी तो देखकर सब रह गए हैरान, जानें

राजेश भाटिया

ADVERTISEMENT

सिक्के लेकर नामांकन भरने पहुंचा प्रत्याशी
सिक्के लेकर नामांकन भरने पहुंचा प्रत्याशी
social share
google news

Lok Sabha Election 2024: चुनाव के दौरान एमपी में अजब-गजब नजारे देखने को मिलते हैं. ऐसा ही एक नजारा गुरुवार को मध्य प्रदेश के बैतूल (Betul) में देखने को मिला. जहां एक प्रत्याशी नामांकन दाखिल करने के लिए जमानत राशि के रूप में सिक्के लेकर पहुंच गया. 12500 की जमानत राशि जमा करने के लिए प्रत्याशी 9200 के सिक्के पॉलीथिन में लेकर पहुंचा था. बाकी 3300 नोट के रूप में जमा किए. सिक्के देखकर निर्वाचन के कर्मचारी भी हैरान हो गए. 

बारस्कर सुभाष कोरकू बैतूल संसदीय सीट से किसान स्वतंत्र पार्टी से चुनाव लड़ रहे हैं. उन्होंने गुरुवार को नामांकन जमा करने की आखिरी तारीख में अपना नामांकन जमा किया. जब सुभाष निर्वाचन कार्यालय में नामांकन दाखिल करने पहुंचे तो उन्हें देखकर सब हैरान रह गए, क्योंकि सुभाष जमानत राशि जमा करने के लिए सिक्के लेकर गए थे. 

मजदूरी करते हैं लोकसभा प्रत्याशी

सुभाष का कहना है कि वे मजदूरी का काम करते हैं और घर में थोड़ी सी खेती है, उसका भी काम करते हैं. गरीब परिस्थिति के हैं, लेकिन आदिवासी क्षेत्र की समस्याओं को देखकर चुनाव लड़ रहे हैं. सुभाष का मानना है कि सिस्टम को सुधारने के लिए सिस्टम में जाना पड़ेगा और चुनाव जीतकर ही सिस्टम में पहुंच सकते हैं. पर समस्या यह है कि सुभाष के पास नामांकन जमा करने के लिए जमानत राशि भी नहीं थी, उन्होंने लोगों से सहयोग लेकर जमानत राशि का इंतजाम किया. 

सुभाष ने बताया कि जमानत राशि के 12500 रुपए लेकर आया था , जिसमें 9200 के सिक्के थे. सिक्के में एक, दो, पांच ,दस और बीस के सिक्के थे इसके साथ ही 3300 नोट में थे. यह राशि लोगों से सहयोग के रूप में ली थी, एक-एक रुपए जमा किए, वह नोट नहीं है वोट बैंक है. 

सुभाष का कहना है, इसके पहले मैंने घोड़ाडोंगरी विधानसभा से चुनाव लड़ा है और मैं अपनी बाइक से ही प्रचार करता हूं. किसान का बेटा हूं. हमारे आदिवासी क्षेत्र में बहुत सारी समस्याएं हैं. बिजली की समस्या है, इसी को लेकर चुनाव लड़ रहा हूं. पहले पंचायत का, विधानसभा का और अब लोकसभा का चुनाव लड़ रहा हूं.

ADVERTISEMENT

क्या दे पाएंगे चुनौती?

देश का यह लोकतंत्र है जहां चुनाव में अमीर आदमी लड़ सकता है तो वही गरीब आदमी भी चुनाव लड़ सकता है. किसी के पास करोड़ों की संपत्ति होती है तो कोई जन सहयोग से चुनाव लड़ता है. बारस्कर सुभाष  भी ऐसे व्यक्ति हैं, जो जन सहयोग से चुनाव लड़ रहे हैं. अब देखना है कि आगे क्या होता है वे मैदान में रहेंगे या नहीं.
 

    follow on google news
    follow on whatsapp

    ADVERTISEMENT