प्रिंसिपल को श्रद्धांजली देने सड़कों पर आए सैंकड़ों छात्र, निकाला कैंडल मार्च; सख्त सजा की लगाई गुहार
Principal Vimukta Sharma: एक ओर जहां प्रिंसिपल और छात्र के रिश्ते को कलंकित करने वाली वारदात हुई, तो दूसरी ओर सैकड़ों छात्रों और प्रोफेसरों ने अपनी प्रिंसिपल को श्रद्धांजली देने के लिए कैंडल मार्च निकाला. बीएम कॉलेज की प्रिंसिपल विमुक्ता शर्मा ने 5 दिनों तक जिंदगी और मौत के बीच जूझने के बाद अस्पताल में […]
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Principal Vimukta Sharma: एक ओर जहां प्रिंसिपल और छात्र के रिश्ते को कलंकित करने वाली वारदात हुई, तो दूसरी ओर सैकड़ों छात्रों और प्रोफेसरों ने अपनी प्रिंसिपल को श्रद्धांजली देने के लिए कैंडल मार्च निकाला. बीएम कॉलेज की प्रिंसिपल विमुक्ता शर्मा ने 5 दिनों तक जिंदगी और मौत के बीच जूझने के बाद अस्पताल में दम तोड़ दिया था. प्रिंसिपल शर्मा की मृत्यु के बाद सैकड़ों छात्रों ने उनको नम आंखों से श्रद्धांजली दी और मिलकर कैंडल मार्च निकाला. स्टूडेंट्स ने नेहरू प्रतिमा से लेकर गांधी प्रतिमा तक कैंडल मार्च किया गया. इसके बाद रीगल चौराहा स्थित गांधी प्रतिमा पर प्रिंसीपल प्रोफेसर विमुक्ता शर्मा को मौन धारण कर श्रद्धांजलि अर्पित की गई.
बीएम कॉलेज की प्रिंसिपल विमुक्ता शर्मा को एक पूर्व छात्र ने दिन दहाड़े पेट्रोल डालकर जला दिया था. हमले में प्रिंसिपल का 80 प्रतिशत शरीर जल गया था. इसके बाद प्रिंसिपल को अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां 5 दिनों तक इलाज चलने के बाद उनकी मौत हो गई थी. जानकारी के मुताबिक आरोपी ने कॉलेज द्वारा मार्कशीट नहीं देने की वजह से प्रोफेसर की हत्या की. उसे गिरफ्तार कर लिया गया था.
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न्याय की मांग
कैंडल मार्च में शामिल प्रोफेसर सतनाम उवेजा ने कहा कि प्राचार्य मैडम को श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए हम आज यहां पर आए हैं. हम भगवान से यही प्रार्थना करते हैं कि उनके परिवार को भगवान संबल प्रदान करें, प्राचार्य मैडम के साथ हुए घटनाक्रम को घटित करने वाले आरोपी को सख्त से सख्त सजा मिले, ताकि प्राचार्य मैडम को जस्टिस मिल सके.
उम्र कम लेकिन अपराध बड़ा
कॉलेज की अनम नाम की छात्रा ने प्रिंसिपल की हत्या की घटना को कलंकित करने वाला बताया. उसने कहा कि भारत की इस पावन भूमि में जहां पर सर्वे गुरु परंपरा चलती आ रही है, वहां इस तरह का कृत्य कभी भी स्वीकार नहीं किया जा सकता है. इस तरह के अपराध के लिए माफी स्वीकार नहीं है. आरोपी को कठोर से कठोर दंड दिया जाना चाहिए. उसने कहा कि आरोपी को दंडित करते वक्त आरोपी की उम्र को नहीं देखा जाना चाहिए, क्योंकि भले ही उम्र कम हो, लेकिन उसने अपराध बहुत ही बड़ा किया है.
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