मध्य प्रदेश में आया कुत्ता-बिल्ली पालने का नया नियम, भरनी होगी इतनी फीस; जानें आदेश में और क्या-क्या?
MP News: मध्य प्रदेश के शहरीय इलाकों में अब अगर कोई व्यक्ति कुत्ता-बिल्ली, गाय-बैल या अन्य जानवर पालतू के तौर पर घर में रखना चाहता है तो उसे उस पशु का रजिस्ट्रेशन कराना होगा और इसे लिए उसे रकम भी चुकानी पड़ेगी. रजिस्ट्रेशन नगर निगम और नगर पालिका, परिषद से कराना होगा. मध्य प्रदेश नगरीय […]
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MP News: मध्य प्रदेश के शहरीय इलाकों में अब अगर कोई व्यक्ति कुत्ता-बिल्ली, गाय-बैल या अन्य जानवर पालतू के तौर पर घर में रखना चाहता है तो उसे उस पशु का रजिस्ट्रेशन कराना होगा और इसे लिए उसे रकम भी चुकानी पड़ेगी. रजिस्ट्रेशन नगर निगम और नगर पालिका, परिषद से कराना होगा. मध्य प्रदेश नगरीय विकास और आवास विभाग ने यह व्यवस्था मध्यप्रदेश नगरपालिका (रजिस्ट्रीकरण तथा आवारा पशुओं का नियंत्रण) नियम 2023 के तहत की है. इस संबंध में सरकार ने आदेश जारी कर दिया है.
आदेश के मुताबिक, कुत्ता-बिल्ली के रजिस्ट्रेशन में 150 रुपये, गाय-बैल के रजिस्ट्रेशन में 200 रुपए सालाना शुल्क देना होगा. वहीं अन्य जानवरों के रजिस्ट्रेशन में 50 रुपये देने होंगे. यह रजिस्ट्रेशन एक साल के लिए किया जाएगा और रजिस्ट्रेशन के दौरान पशु का पहचान चिन्ह भी जारी किया जाएगा. इसके बाद हर साल रजिस्ट्रेशन रिन्यू कराने के लिए कुत्ता-बिल्ली के 50 रुपये, गाय-बैल के 100 रुपये और अन्य पशुओं के रिन्यूअल में 25 रुपये सालाना रकम चुकानी होगी.
नए आदेश नियम नगर निगम, नगरपालिका और नगर परिषद सभी स्थानों पर लागू होंगे. इसमें पशुओं की जो श्रेणी तय की गई है. उसमें कुत्ता, बैल, घोड़ा, सुअर, ऊंट, खच्चर, बकरी, भेड़ या अन्य पशु शामिल हो सकते हैं. इसको लेकर नोटिफिकेशन जारी कर दिया गया है. नियमों में कहा गया है कि शहरी क्षेत्र में रहने वाले हर पशु को एक ब्रांडिंग कोड दिया जाएगा, जिससे उसकी पहचान और संख्या का निर्धारण हो सकेगी.
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ऐसे होगा रजिस्ट्रेशन
नियम में कहा गया है कि पशु स्वामी विभाग के नियम के नोटिफिकेशन के तीन माह के भीतर या उसे नगर सीमा में लाने के 7 दिन के भीतर पशु का रजिस्ट्रेशन नगरीय निकाय में कराएगा. ऐसा नहीं किया गया तो पशु स्वामी से तय अवधि के बाद पशु के रजिस्ट्रेशन पर दस गुना पेनाल्टी ठोंकी जाएगी. रजिस्ट्रेशन के दौरान पशु चिकित्सक का सर्टिफिकेट देना होगा कि पशु को किसी तरह का संक्रामक रोग नहीं है. पशु के लिए जारी किए जाने वाले ब्रांडिंग कोड को पशु चिकित्सक की देखरेख में माइक्रोचिप या टैग या किसी अन्य साधन से पशु को लगाया जाएगा.
इसकी जानकारी नगरीय निकाय के रजिस्टर में दर्ज रहेगी. एक साल बाद फिर रजिस्ट्रेशन कराना होगा और इसमें देरी होने पर प्रतिदिन के हिसाब से 10 प्रतिशत की पेनाल्टी लगाई जाएगी.
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पशु आवारा घूमते मिला तो मिलेगा नोटिस, लगेगी पेनाल्टी
नियमों में यह भी कहा गया है कि नगरीय निकाय क्षेत्र में आवारा पशुओं के रखने के लिए कांजी हाउस पर्याप्त संख्या में होने चाहिए. आवारा भटकने वाले पशुओं को कांजी हाउस में रखा जाएगा. यदि किसी पशु मालिक का पशु दो बार से अधिक आवारा रूप से भटकते पाया जाएगा तो पशु स्वामी को 7 दिन में नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण मांगा जाएगा. इसके बाद पशु को जब्त कर पेनाल्टी वसूली जाएगी. यह नियम पशुओं के प्रदर्शन के लिए लाए जाने के मामले में भी प्रभावी होंगे. अगर कोई व्यक्ति अपने पालतू पशु को सार्वजनिक स्थान पर ले जाता है तो जंजीर या रस्सी से बांधे बिना नहीं ले जा पाएगा. ताकि किसी व्यक्ति को परेशानी या नुकसान की स्थिति नहीं बने.
पशु पालक को देनी होगी जानकारी
नियम में यह भी है कि जो भी व्यक्ति शहरी इलाके में पशु पालते हैं, उन्हें रजिस्ट्रेशन कराने के दौरान अपना और पिता का नाम, पता, पशुओं की संख्या, प्रकार, उनके पानी, प्रकाश और मल निष्कासन की व्यवस्था के बारे में बताना होगा.