1 साल से फरार थी 'फर्जी साध्वी'! महंत कनक बिहारी दास के बैंक खाते से उड़ाए थे 90 लाख रुपए, अब गिरफ्तार

न्यूज तक

महंत कनक बिहारी दास की मौत के बाद उनकी कथित शिष्या साध्वी लक्ष्मी दास ने उनके बैंक खाते से 90 लाख रुपये की ठगी की थी. करीब एक साल से फरार चल रही साध्वी को चंद्रिकापुर गांव से गिरफ्तार कर लिया गया है.

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Sadhvi Laxmi Das alias Reena Raghuvanshi
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मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा में लगभग एक साल तक पुलिस को चकमा देने वाली साध्वी लक्ष्मी दास उर्फ रीना रघुवंशी आखिरकार पकड़ी गई. साध्वी पर रामजानकी मंदिर, लोनीकला के महंत स्व. कनक बिहारी दास के बैंक खाते से करीब 90 लाख रुपये की धोखाधड़ी करने का गंभीर आरोप है.

पुलिस ने उसे नर्मदापुरम जिले के चंद्रिकापुर गांव से गिरफ्तार किया है. उस वक्त वह एक व्यक्ति के घर पर अनुष्ठान कर रही थी. चौरई पुलिस को जब मुखबिर से सूचना मिली तो तुरंत एक टीम भेजी गई और साध्वी को मौके से गिरफ्तार कर लिया गया.

क्या है पूरा मामला?

महंत कनक बिहारी दास की साल 2023 में मृत्यु हो गई थी. उनके बाद साध्वी लक्ष्मी दास, जो खुद को महंत की शिष्या बताती थी, ने कथित रूप से महंत के बैंक खाते को अपने मोबाइल नंबर से लिंक कर लिया. इसके बाद उन्होंने खाते से करीब 90 लाख रुपये अपने और अपने परिचितों के खातों में ट्रांसफर कर लिए.

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जब ये बात सामने आई, तो चौरई थाने में शिकायत दर्ज की गई. मामले की जांच में पता चला कि साध्वी ने पूरे मामले को सुनियोजित तरीके से अंजाम दिया. पुलिस ने इस धोखाधड़ी के मामले में अपराध क्रमांक 603/24 के तहत IPC की धारा 420, 406, 404, 403, 420B और आईटी एक्ट की धारा 66B में केस दर्ज किया.

पहले भी हुई थी एक गिरफ्तारी

इस मामले में एक अन्य आरोपी को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है. जबकि एक अन्य आरोपी अब भी फरार है. साध्वी लक्ष्मी दास खुद पिछले एक साल से फरार थी. चौरई एसडीओपी भारती जाट ने बताया कि उनकी टीम लगातार इस केस पर काम कर रही थी और साध्वी की गिरफ्तारी के लिए कई कोशिशें की गईं.

कोर्ट में पेश होगी साध्वी

गिरफ्तारी के बाद अब साध्वी को न्यायालय में पेश किया जाएगा. अगर जरूरत पड़ी, तो पुलिस रिमांड की मांग भी कर सकती है ताकि पूरे नेटवर्क और पैसे के लेन-देन की जांच की जा सके.

यह मामला ना सिर्फ धोखाधड़ी का है, बल्कि यह एक धार्मिक स्थल से जुड़ा होने के कारण और भी संवेदनशील हो गया है. पुलिस अब यह पता लगाने में जुटी है कि इस धोखाधड़ी में और कौन-कौन शामिल है.

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