MP: कभी स्कूल नहीं गए, लेकिन घूम आए दुनिया के 112 देश, जयसूर्या से लेकर बिग बी तक हैं 'TATA' के दीवाने
Ayurvedacharya Dr. Prakash Indian Tata: 84 साल के बुजुर्ग आयुर्वेदाचार्य प्रकाश इंडियन टाटा छिन्दवाड़ा में आठवीं की परीक्षा दे रहे हैं. प्रकाश टाटा उन लोगों के लिए प्रेरणादायक हैं, जो किसी वजह से अपनी पढ़ाई को बीच में ही छोड़ देते हैं.
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Ayurvedacharya Dr. Prakash Indian Tata: कहते हैं पढ़ाई की कोई उम्र नहीं होती, बस आगे पढ़ने का जज्बा होना चाहिए. 84 साल के बुजुर्ग आयुर्वेदाचार्य प्रकाश इंडियन टाटा छिन्दवाड़ा में आठवीं की परीक्षा दे रहे हैं. प्रकाश टाटा उन लोगों के लिए प्रेरणादायक हैं, जो किसी वजह से अपनी पढ़ाई को बीच में ही छोड़ देते हैं. आयुर्वेद के ज्ञान और जड़ी-बूटियों से कई सेलिब्रिटीज की गंभीर बीमारियों का इलाज करने वाला प्रकाश टाटा कभी स्कूल नहीं जा पाए थे.
डॉ. प्रकाश इंडियन टाटा तब सुर्खियों में आये थे, जब उन्होंने बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री के चमत्कार पर 1 करोड़ का चैलेंज किया था. इसके बाद डॉ प्रकाश इंडियन टाटा का काफी विरोध हुआ था. बता दें कि आयुर्वेदाचार्य प्रकाश इंडियन 'टाटा' के अमिताभ बच्चन से लेकर महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे से लेकर क्रिकेटर सनथ जयसूर्या तक टाटा के दीवाने हैं. ये लिस्ट काफी लंबी है.
अमरकंटक में प्राप्त किया ज्ञान
आयुर्वेदाचार्य डॉ. प्रकाश इंडियन टाटा पहले कभी स्कूल नहीं गए. वे 5 वर्ष की उम्र में अमरकंटक चले गए थे और 20 वर्ष तक अपने गुरु के आश्रम में रहकर गुरु के सानिध्य में आयुर्वेद और जड़ी बूटियों का ज्ञान प्राप्त किया. डॉ प्रकाश इंडियन टाटा दावा करते हैं कि उन्होंने जड़ी-बूटियों से देश विदेशों में जाकर आयुर्वेद के माध्यम से लोगों को स्वस्थ किया है.
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112 देशों की यात्रा की, लेकिन कभी स्कूल नहीं गए
आयुर्वेदाचार्य डॉ प्रकाश इंडियन टाटा का कहना है, "हर इंसान को शिक्षित होना बहुत जरूरी है, क्योंकि हम पांच वर्ष की आयु से अमरकंटक में बीस सालों तक आश्रम में रहे गुरु आश्रम में जहां में आयुर्वेद योगा मेडिटेशन का ज्ञान प्राप्त किया, जड़ी बूटियों का हमने भरपूर ज्ञान प्राप्त किया. उन्हीं जड़ी बूटियों के कारण 112 देशों की यात्रा हुई है. क्योंकि आज तक स्कूल नहीं गए, तो हमने सोचा भारत सरकार की इतनी अच्छी नियम हैं.
आप किसी भी उम्र में शिक्षा ग्रहण कर सकते हैं, तो मैंने सोचा क्यों न कक्षा पांचवीं पास की जाए. हम पांचवी परीक्षा में पास हो गए हैं अब आठवीं पास कर रहे हैं. इसके बाद दसवी के लिए परीक्षा देंगे. इसके बाद बारहवी की परीक्षा देंगे.
जब तक जिंदा हैं, पढ़ाई करते रहेंगे
प्रकाश इंडियन टाटा आगे कहते हैं, "भारत सरकार ने इतनी छूट दी हुई है, इसमें किसी प्रकार का उम्र का कोई प्रावधान नहीं है इसी को देखते हुए हमने सोचा क्यों न हम शिक्षित हों और शिक्षक होने के उद्देश्य से हम यहां पर आये हुए हैं. हर घर में शिक्षित होना बहुत जरूरी है, क्योंकि पूरी दुनिया का दौरा करने के बाद हमारे भारत के कुछ लोगों ने कहा कि आप पढ़े-लिखे नहीं हो, तो हमने सोचा क्यों न हम पढ़ाई करके लोगों को दिखाएं. हर उम्र में आप पढ़ाई कर सकते हैं, इसी उद्देश्य को लेकर जब तक हम जीवित हैं पढ़ाई करते जाएंगे."
क्रिकेटर्स और सेलिब्रिटीज को ठीक किया
प्रकाश इंडियन टाटा बताते हैं कि उनके गुरु 108 अमृत प्रसाद तिवारी ने उनका नाम डॉ. प्रकाश इंडियन टाटा रखा था. उनका असल नाम प्रकाश विश्वकर्मा है. वे कहते हैं, उन्हें बचपन से ही डॉ. प्रकाश इंडियन टाटा के नाम से जानते हैं. कई कॉलेजों से डॉ. की उपाधि दी गई है. अभी अमेरिका के कॉलेज से भी डॉ की उपाधि मिलने वाली है. हमारा आयुर्वेद जो ग्राफ है, वो पूरी दुनिया में फैल रहा है. प्रकाश टाटा कई फिल्मी हस्तियों ओर क्रिकेटरों को अपनी जड़ी बूटियों से इलाज कर उन्हें स्वस्थ्य कर चुके हैं.
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