Ballimaran Seat: AAP के Imran Hussain VS कांग्रेस के Harun Yusuf दोनों में से इस बार कौन जीत रहा है?
बल्लीमारान सीट पर मुस्लिम और दलित वोटर जिसके पक्ष में जाएंगे, वही विजेता बनेगा. कभी यह सीट कांग्रेस का गढ़ थी, लेकिन अब AAP के इमरान हुसैन का दबदबा है.
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Ballimaran Seat Analysis: दिल्ली किसका के इस एपिसोड में आज हम आपको उस विधानसभा सीट का समीकरण समझाने जा रहे हैं, जिसकी पहचान उर्दू के महान शायर मिर्जा गालिब की धरती के रूप में भी होती है. बल्लीमारान सीट, जहां मुगलों के समय चकाचौंध रहती थी, आज भी अपनी ऐतिहासिक और सांस्कृतिक धरोहर के लिए जानी जाती है. यहां की राजनीति भी हमेशा चर्चा में रहती है. बीजेपी इस सीट पर आज तक जीत दर्ज नहीं कर पाई है. यह सीट कभी कांग्रेस का गढ़ थी, लेकिन 2020 में आम आदमी पार्टी के इमरान हुसैन ने कांग्रेस के सबसे बड़े मुस्लिम चेहरे हारून यूसुफ को तीसरे स्थान पर धकेलते हुए यहां से बड़ी जीत हासिल की.
इस बार भी इमरान हुसैन और हारून यूसुफ के बीच कांटे की टक्कर है. सवाल है, क्या इमरान अपनी जीत का सिलसिला जारी रख पाएंगे, या कांग्रेस अपनी खोई हुई जमीन वापस हासिल करेगी? आइए, जानते हैं इस सीट के राजनीतिक समीकरण.
बल्लीमारान सीट: आमने-सामने
पार्टी | कैंडिडेट |
AAP | इमरान हुसैन |
CONGRESS | हारुन यूसुफ |
BJP | घोषित नहीं किया |
AIMIM | घोषित नहीं किया |
पिछले 3 चुनावों का हाल
साल | पार्टी | कैंडिडेट | मार्जिन |
2013 | कांग्रेस | हारुन यूसुफ | 8093 वोट |
2015 | AAP | इमरान हुसैन | 33877 वोट |
2020 | AAP | इमरान हुसैन | 36172 वोट |
2020 के विधानसभा चुनाव परिणाम
पार्टी | कैंडिडेट | कुल वोट |
AAP | इमरान हुसैन | 65644 वोट |
BJP | लता | 29472 वोट |
CONGRESS | हारुन यूसुफ | 4802 वोट |
बल्लीमारान सीट का समीकरण
बल्लीमारान विधानसभा क्षेत्र में पुरानी दिल्ली के इलाके शामिल हैं. यहां कुल 1,53,231 मतदाता हैं, जिनमें 49% मुस्लिम और 25% दलित वोटर निर्णायक भूमिका निभाते हैं.
इमरान हुसैन के पक्ष में
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- निगम चुनाव में AAP ने 3 में से 2 वार्ड जीते.
- मंत्री बनने और जनता के काम कराने का परसेप्शन.
- मुस्लिम वोटरों का भरोसा.
इमरान हुसैन के खिलाफ
- दिल्ली दंगों पर केजरीवाल की चुप्पी.
- कांग्रेस का मुस्लिम वोटों पर फोकस.
- AIMIM की एंट्री से मुस्लिम वोटों का बंटवारा.
बल्लीमारान सीट पर मुस्लिम और दलित वोटर जिसके पक्ष में जाएंगे, वही विजेता बनेगा. कभी यह सीट कांग्रेस का गढ़ थी, लेकिन अब AAP के इमरान हुसैन का दबदबा है. कांग्रेस और AIMIM की कोशिशें इस बार मुकाबले को रोमांचक बना रही हैं.