Breaking : सरकार के जवाब देने तक वक्फ संपत्तियों की स्थिति में कोई बदलाव नहीं होगा- सुप्रीम कोर्ट

News Tak Desk

एसजी ने सुप्रीम कोर्ट से वक्फ कानून पर प्राथमिक रूप से रोक नहीं लगाने को कहा. उन्होंने कहा कि कोर्ट को इस मुद्दे पर विस्तार से सुनवाई करनी चाहिए. 

ADVERTISEMENT

NewsTak
19 अप्रैल, 2023 को नई दिल्ली में समलैंगिक विवाह याचिका की सुनवाई के दौरान सर्वोच्च न्यायालय का एक सामान्य दृश्य। फोटो मनीष राजपूत द्वारा
social share
google news

वक्फ के नए कानून पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दूसरे दिन सरकार को जवाब देने के लिए 7 दिन का वक्त दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने साफ किया है कि सरकार के जवाब देने तक वक्फ संपत्तियों की यथा स्थिति बनी रहेगी. वक्फ बोर्ड और परिषद में नई नियुक्ति नहीं होगी. वक्फ बाय यूजर में भी बदलाव नहीं होगा. इससे पहले बुधवार को मामले में सुनवाई हुई थी. इसमें मुस्लिम पक्ष और केंद्र सरकार ने अपनी दलीलें दी थी. शीर्ष अदालत ने बुधवार को ही ये संकेत दिया था कि मामने को लेकर अंतरिम आदेश दे सकती है. 

ध्यान देने वाली बात है कि मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस संजीव खन्ना, जस्टिस संजय कुमार और जस्टिस केवी विश्वनाथन की बेंच कर रही है. नए वक्फ कानून के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में 73 याचिकाएं दायर की गई हैं. याचिकाएं दायर करने वालों ने इसकी वैधता को चुनौती दी गई है. इसमें कहा गया है कि संशोधित कानून मुसलमानों के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन करता है. 

अगली सुनवाई 5 मई को

सुप्रीम कोर्ट में मामले की अगली सुनवाई 5 मई को होगी. शीर्ष अदालत ने कहा कि अगली सुनवाई में केवल 5 याचिकाओं पर ही सुनवाई होगी. अगली तारीख पर केवल 5 याचिकाकर्ता ही कोर्ट में मौजूद रहें. अदालत ने कहा कि सभी पक्ष आपस में ये तय कर लें कि उनकी पांच आपत्तियां कौन-कौन सी हैं. सुप्रीम कोर्ट ने साफ किया कि 110-120 फाइलें पढ़ना संभव नहीं है. ऐसे में मुख्य पांच आपत्तियां तय करनी होंगी. 

यह भी पढ़ें...

केंद्र की तरफ से दी गईं ये दलीलें

केंद्र की ओर से कोर्ट में पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सुप्रीम कोर्ट से वक्फ कानून पर प्राथमिक रूप से रोक नहीं लगाने को कहा. उन्होंने कहा कि कोर्ट को इस मुद्दे पर विस्तार से सुनवाई करनी चाहिए. एसजी ने कहा कि अदालत द्वारा वैधानिक प्रावधान पर रोक लगाना दुर्लभ है. ऐसे आदेश के उल्लंघन पर विचार करें. राष्ट्रपति की स्वीकृति से पहले याचिकाएं दायर की गई थीं. यह एक ऐसा प्रश्न है जहां न्यायालयों को सहायता की आवश्यकता है. अदालत सहायता से पहले प्रावधानों पर रोक लगाकर गंभीर और कठोर कदम उठा रहा है. 

कोर्ट ने केंद्र की दलीलों के जवाब में क्या कहा?

सुप्रीम कोर्ट ने कहा- हमने मुद्दों को प्वाइंट आउट किया है.  हमने यह भी कहा कि कुछ सकारात्मक बातें हैं. किसी ने पूर्ण रोक के लिए कहा, हमने भी कहा कि रोक नहीं हो सकती. चिंता यह है कि स्थिति में बदलाव नहीं होना चाहिए. आमतौर पर जब मामला न्यायालय के समक्ष लंबित होता है, तो मौजूदा स्थिति जारी रहनी चाहिए ताकि पक्षकारों के अधिकार प्रभावित न हों.

सुप्रीम कोर्ट ने आगे कहा- न्यायालय द्वारा दर्ज किए गए एसजी का बयान/आश्वासन. वक्फ, वक्फ सहित उपयोगकर्ता द्वारा पंजीकृत या अधिसूचना द्वारा घोषित किया गया कि इसे विमुक्त नहीं किया जाएगा. इन संपत्तियों का स्वरूप नहीं बदला जाएगा. नई धाराओं के तहत किसी भी वक्फ बोर्ड या परिषद में नियुक्ति नहीं की जाएगी. केंद्र को जवाब देने के लिए 7 दिन का वक्त दिया जाता है. अगली सुनवाई पर सुप्रीम कोर्ट प्रारंभिक आपत्तियों और अंतरिम निर्देशों पर विचार करेगा. मुख्य याचिकाओं के रूप में केवल 5 याचिकाओं पर सुनवाई की जाएगी. 

यह भी पढ़ें 

वक्फ संशोधन अधिनियम को चुनौती और समर्थन देने वाली 73 याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई
 

 

    follow on google news
    follow on whatsapp