'वोट चोरी' और 'ड्यूल वोटिंग' के आरोपों को ECI ने किया खारिज, कहा- 'जब सबूत मांगा गया तो कोई जवाब नहीं दिया'

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भारतीय चुनाव आयोग ने 'वोट चोरी' और 'ड्यूल वोटिंग' जैसे आरोपों को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सिरे से खारिज कर दिया. इस दौरान मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने साफ कहा कि इतनी पारदर्शी प्रक्रिया में किसी भी तरह की वोट चोरी संभव नहीं है.

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भारतीय चुनाव आयोग (ECI) ने रविवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर 'वोट चोरी' के आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया. मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने कहा कि चुनाव आयोग सभी राजनीतिक दलों को समकक्ष मानता है और किसी भी पक्ष या विपक्ष का साथ नहीं देता. उन्होंने 'वोट चोरी' जैसे शब्दों के इस्तेमाल को गलत बताया और कहा कि ऐसे गंभीर आरोपों के लिए कोर्ट में याचिका दायर करनी चाहिए थी.

हकीकत को नजरअंदाज कर भ्रम फैलाने की कोशिश

ज्ञानेश कुमार ने जोर देकर कहा कि किसी भी शिकायत के लिए चुनाव आयोग के दरवाजे के लिए हमेशा खुले हैं. उन्होंने कहा कि जमीनी स्तर पर सभी मतदाता, राजनीतिक दल और बूथ लेवल अधिकारी (BLO) मिलकर पारदर्शी तरीके से काम कर रहे हैं. उन्होंने इस बात पर चिंता जताई कि राजनीतिक दलों के जिला अध्यक्षों और उनके द्वारा नामित बीएलओ के ये सत्यापित दस्तावेज, प्रशंसापत्र या तो उनके अपने राज्य स्तर या राष्ट्रीय स्तर के नेताओं तक नहीं पहुंच रहे हैं या फिर जमीनी हकीकत को नजरअंदाज करके भ्रम फैलाने की कोशिश की जा रही है.

मतदाताओं की विश्वसनीयता पर सवाल उठाना गलत

मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि जब बिहार के सात करोड़ से अधिक मतदाता चुनाव आयोग के साथ खड़े हैं तो न तो आयोग की विश्वसनीयता पर और न ही मतदाताओं की विश्वसनीयता पर कोई सवाल उठाया जा सकता है. उन्होंने कुछ नेताओं द्वारा मतदाताओं की तस्वीरें और पहचान सार्वजनिक करने की भी आलोचना की और इसे पूरी तरह से गलत बताया.

मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने कहा, 

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'हमने कुछ दिन पहले देखा कि कई मतदाताओं की तस्वीरें बिना उनकी इजाजत के मीडिया के सामने पेश की गईं. उन पर आरोप लगाए गए, उनका इस्तेमाल किया गया. क्या चुनाव आयोग को किसी भी मतदाता, चाहे वह उनकी मां हो, बहू हो, बेटी हो, के सीसीटीवी वीडियो साझा करने चाहिए? जिनके नाम मतदाता सूची में हैं, वे ही अपने उम्मीदवार को चुनने के लिए वोट डालते हैं.'

मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने कहा, 

 'लोकसभा चुनाव की प्रक्रिया में एक करोड़ से अधिक कर्मचारी, 10 लाख से अधिक बूथ लेवल एजेंट, उम्मीदवारों के 20 लाख से अधिक पोलिंग एजेंट काम करते हैं. इतने सारे लोगों के सामने इतनी पारदर्शी प्रक्रिया में क्या कोई मतदाता वोट चुरा सकता है?'

झूठे आरोपों से नहीं डरता आयोग

ज्ञानेश कुमार ने कहा कि लोकसभा चुनाव की प्रक्रिया में एक करोड़ से ज्यादा कर्मचारी और 10 लाख से ज्यादा बूथ लेवल एजेंट शामिल होते हैं. इतनी पारदर्शी प्रक्रिया में किसी भी तरह की वोट चोरी संभव नहीं है. उन्होंने 'डुअल वोटिंग' जैसे आरोपों को भी बेबुनियाद बताया और कहा कि सबूत मांगे जाने पर कोई जवाब नहीं दिया गया. उन्होंने साफ किया कि चुनाव आयोग किसी भी नेता के झूठे आरोपों से नहीं डरता और हमेशा बिना किसी भेदभाव के सभी मतदाताओं के साथ खड़ा रहेगा.

'ड्यूल वोटिंग' का सबूत मांगा तो कोई जवाब नहीं आया

ज्ञानेश कुमार कहा कि कुछ नेताओं ने ड्यूल 'वोटिंग' का आरोप लगाया. लेकिन जब इसका सबूत मांगा गया तो कोई जवाब नहीं आया. उन्होंने कहा कि ऐसे झूठे आरोपों से न तो चुनाव आयोग मतदाता डरता है और न ही कोई वोटर डरता है. उन्होंने आगे कहा कि जब चुनाव आयोग के कंधे पर बंदूक रखकर भारत के मतदाताओं को निशाना बनाकर राजनीति की जा रही है तो आज चुनाव आयोग सभी को यह साफ करना चाहता है कि चुनाव आयोग निडर होकर बिना किसी भेदभाव के गरीब, अमीर, बुजुर्ग, महिला, युवा सहित सभी वर्गों और सभी धर्मों के मतदाताओं के साथ चट्टान की तरह खड़ा था, खड़ा है और खड़ा रहेगा.
 

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