अवैध शराब की पोल खोली तो अदिवासी की जबरदस्त पिटाई कर दी

छतरपुर में ढाबा संचालक ने पूर्व कर्मचारी को सरेआम पीटा और वीडियो वायरल किया. पुलिस ने कार्रवाई करते हुए दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है.

छत्तरपुर का आया मामला
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मध्यप्रदेश के छतरपुर जिले के सिविल लाइन क्षेत्र से एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है, जिसमें एक ढाबा संचालक ने अपने पूर्व कर्मचारी की सरेआम लात-घूंसे और डंडों से बेरहमी से पिटाई कर दी. इतना ही नहीं, मारपीट का वीडियो खुद बनवाकर सोशल मीडिया पर वायरल भी कर दिया गया. यह वीडियो सामने आने के बाद पुलिस हरकत में आई और दो आरोपियों को हिरासत में लिया.

पीड़ित युवक उमेश आदिवासी, जो कुपी गांव का रहने वाला है, कुछ समय पहले सिविल लाइन स्थित एक ढाबे में काम करता था. लगभग दो महीने पहले उसने ढाबे की नौकरी छोड़ दी थी. उमेश का आरोप है कि ढाबा संचालक जंटू चौहान को शक था कि उसने ढाबे में अवैध शराब की जानकारी पुलिस को दी थी. इसी शक के चलते उसे सरेआम पीटा गया.

लात घुंसों और डंडो से कर रहा पिटाई

वायरल वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि दो युवक उमेश की लात-घूंसों, डंडों और चप्पलों से पिटाई कर रहे हैं. वहीं तीसरा व्यक्ति इस पूरे घटनाक्रम का वीडियो बना रहा है. मारपीट के दौरान आरोपी लगातार गालियां दे रहे थे और यहां तक कह रहे थे कि "पुलिस भी हमारा कुछ नहीं बिगाड़ सकती". पीड़ित बार-बार हाथ जोड़कर रहम की भीख मांगता रहा, लेकिन आरोपी नहीं माने.

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उमेश ने बताया कि आरोपियों ने यह भी कहा कि “तू ठाकुर से लड़ता है?” और उसे उसकी जाति को लेकर भी अपमानित किया गया. उमेश का कहना है कि वह इन धमकियों से इतना डर गया है कि अब वह अपने बच्चों को लेकर किसी दोस्त के कमरे में छिपकर रह रहा है.

आरोपी गिरफ्तार 

घटना के बाद उमेश ने सिविल लाइन थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई. थाना प्रभारी सतीश सिंह ने बताया कि आरोपियों के नाम जीतन सेन और संटू राजा हैं. दोनों को गिरफ्तार कर लिया गया है. वहीं ढाबा संचालक सत्येंद्र सिंह उर्फ जंटू चौहान पर पहले से ही 23 से अधिक आपराधिक मामले दर्ज हैं. जंटू पर आरोप है कि उसी ने मारपीट करवाई और वीडियो भी बनवाया.

पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए तत्काल कार्रवाई करते हुए आरोपियों को गिरफ्तार कर पूछताछ शुरू कर दी है. उमेश ने प्रशासन से सुरक्षा और न्याय की मांग की है.

यह घटना न सिर्फ इंसानियत को शर्मसार करती है, बल्कि यह सवाल भी उठाती है कि जब आरोपी खुलेआम हिंसा कर उसका वीडियो वायरल कर रहे हैं, तो आम लोगों को कानून व्यवस्था पर भरोसा कैसे होगा?

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