देश को ऑपरेशन सिंदूर नहीं, ऑपरेशन तंदूर चाहिए था, लोकसभा में सपा सांसद राजभर ने ऐसा क्यों कहा
सपा सांसद राजभर ने पहलगाम अटैक को याद करते हुए लोकसभा में अपने भाषण के दौरान कहा कि उस दिन जिस तरह से तीर्थयात्रियों पर हमला किया गया था, उसने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है.
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सोमवार यानी 28 जुलाई को लोकसभा में पहलगाम आतंकी हमले और ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को लेकर छिड़ी चर्चा में सपा सांसद रामशंकर राजभर ने भी सरकार से काफी तीखे सवाल किए.
उन्होंने इस ऑपरेशन के दौरान केंद्र सरकार की रणनीति पर सवाल उठाते हुए कहा कि भारत को "ऑपरेशन सिंदूर" नहीं, बल्कि "ऑपरेशन तंदूर" जैसे कड़े जवाब की उम्मीद थी.
17 दिन क्यों लगे जवाब देने में?
सपा सांसद राजभर ने पहलगाम अटैक को याद करते हुए कहा कि उस दिन जिस तरह से तीर्थयात्रियों पर हमला किया गया था, उसने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है. इस हमले ने आम जनता में गुस्सा भर दिया और जनता चाहती थी कि आतंकियों को तुरंत सबक सिखाया जाए. लेकिन केंद्र सरकार को ऑपरेशन शुरू करने में 17 दिन लग गए, जिससे जनता की भावनाओं को ठेस पहुंची है.
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उन्होंने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए सीधा सवाल किया कि "जिन आतंकियों ने हमला किया था, क्या वो उन 100 मारे गए आतंकियों में शामिल थे?
सांप्रदायिक सौहार्द की मिसाल बनी देश की एकता
राजभर आगे कहते हैं कि यह हमला भारत में सांप्रदायिक तनाव फैलाने की साजिश थी, लेकिन देशवासियों ने समझदारी दिखाते हुए आतंकियों की इस योजना नाकाम कर दिया. राजभर ने इसे भारत की असली ताकत बताया और कहा कि यही एकता देश को मजबूत बनाए रख सकती है.
ट्रंप को भी लिया निशाने पर
राजभर ने अपने भाषण में अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का भी जिक्र किया. उन्होंने कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति कई बार कह चुके हैं कि भारत और पाकिस्तान के बीच जो शांति बनी रही, उसमें उनका हाथ था और अमेरिका ने जो हथियार बेचे हैं इसमें अहम भूमिका निभाई. इस पर तंज कसते हुए राजभर ने पूछा, “अगर ये सच है, तो भारत की भूमिका कहां थी? क्या असली विश्वगुरु व्हाइट हाउस में बैठा था?”
सवालों पर अडिग रहें राजभर
सांसद के इस तरह के सवालों पर संसद में कुछ देर तक हलचल मची रही, लेकिन राजभर ने साफ कर दिया वह भारत की जनता की भावनाएं संसद तक पहुंचा रहे हैं. उन्होंने सरकार से अपील की कि देश की सुरक्षा से जुड़े मामलों को गंभीरता से लिया जाए और भविष्य में ऐसे हमलों का जवाब तेजी और सख्ती से दिया जाए.
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