कौन हैं परंजॉय गुहा ठाकुरता? जिनके चुनाव आयोग से तीखे सवालों ने किया राहुल गांधी का काम आसान?
राहुल गांधी के आरोपों का जवाब देने के लिए मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने रविवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी. इस दौरान जिन पत्रकारों ने मुख्य चुनाव आयुक्त से सवाल पूछे उनमें परंजॉय गुहा ठाकुरता का नाम सुर्खियों में है. चलिए जानते हैं उनके बारे में.
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चुनाव आयोग ने हाल ही में राहुल गांधी के आरोपों का जवाब देने के लिए एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी. इस दौरान मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने राहुल के आरोपों के जवाब में जो दलीलें पेश की उनका खूब मजाक बन रहा है. प्रेस कॉन्फ्रेंस में जिन पत्रकारों ने ज्ञानेश कुमार से सवाल पूछे गए वो भी अब वायरल हो रहे हैं. इनमें परंजॉय गुहा ठाकुरता के नाम ने खूब चर्चाओं में है. ऐमे में लोग जानना चाहते हैं कि आखिर परंजॉय गुहा ठाकुरता कौन हैं और उनका पत्रकारिता का सफर कैसा रहा है. आपको बता दें कि मुख्य चुनाव आयुक्त बनने के बाद ज्ञानेश कुमार ने पहली बार प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया.
इस दौरान ये इंतजाम किया गया कि जब ज्ञानेश कुमार बोलेंगे तो लाइव टीवी पर दिखाया जाएगा. जब पत्रकार सवाल पूछेंगे तो उनको भी दिखाया जाएगा. यही इंतजाम चुनाव आयोग को बैकफायर कर गया. जितने पत्रकारों ने ज्ञानेश कुमार से सवाल पूछे उसमें सबसे ज्यादा वायरल हो गए हैं सीनियर जर्नलिस्ट परंजॉय गुहा ठाकुरता. परंजॉय गुहा की चर्चा इसलिए हो रही है कि उन्होंने बिना डरे, बिना भूमिका बनाए मुख्य चुनाव आयुक्त से वो सवाल पूछे जो पूछे जाने चाहिए थे. परंजॉय किसी मीडिया ऑर्गनाइजेशन से जुड़े पत्रकार नहीं हैं. उन्होंने अपना परिचय ही ऐसे दिया- मैं परंजॉय गुहा ठाकुरता, फ्रीलांसर. इसीलिए हमारे शो के चर्चित चेहरा बने हैं देश के सबसे वायरल पत्रकार परंजॉय गुहा ठाकुरता.
चुनाव आयोग से पूछे तीखे सवाल
परंजॉय ने एक सवाल में तीन मुद्दों पर मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार से जवाब मांगे. चुनाव आयोग को बिहार में बारिश के समय एसआईआर करने की जरूरत क्या थी. 65 लाख लोगों के नाम क्यों नहीं दिए ? महाराष्ट्र में 40 लाख वोटर कहाँ से आए ? इन्हीं तीन सवालों को लेकर चुनाव आयोग राहुल गांधी की रोज चोट खा रहा है लेकिन जवाब एक का नहीं दे पा रहा है. ज्ञानेश कुमार ने भी जवाब नहीं दिया. परंजॉय गुहा ठाकुरता आज भी उन सवालों के जवाब तलाश रहे हैं. उन्हें बुरा लगा कि मुख्य चुनाव आयुक्त ने राहुल गांधी और कांग्रेस को धमकी क्यों दी.
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अदाणी और अंबानी पर खोजी पत्रकारिता
परंजॉय गुहा ठाकुरता का नाम खोजी पत्रकारिता की दुनिया में कोई नया नहीं है. 2023 में देश में बड़ा तूफान मचा था जब अमेरिकी रिसर्च फर्म हिंडनबर्ग ने देश के बड़े उद्योगपति गौतम अदानी पर धांधली के बड़े-बड़े लगाए थे. हिंडनबर्ग से पूरा अदाणी साम्राज्य हिल गया. राहुल गांधी ने भी अदाणी के खिलाफ हिंडनबर्ग की रिपोर्ट को हथियार बना लिया. हिंडनबर्ग ने अदाणी पर आरोप लगाते हुए जो रिपोर्ट जारी की थी उसमें चार बार परंजॉय गुहा ठाकुरता का नाम आया था. इसलिए कि परंजॉय गुहा ने जो इस्वेस्टिगेटिव रिपोर्टिंग की थी उसे भी हिंडनबर्ग ने अपनी रिपोर्ट का आधार बनाया था. उन्होंने अदाणी ग्रुप को लेकर काफी स्टोरीज की हैं. उन पर कई केसेस लगे. अहमदाबाद कोर्ट से उन्हें मनाही हो रखी है. यानी राहुल गांधी के अदाणी पर हमलावर होने से बहुत पहले परंजॉय ने मुद्दा उठाया था. जिसे हिंडनबर्ग ने इंटरनेशनल रिपोर्ट बनाकर हंगामा मचा दिया.
45 साल का लंबा करियर
69 साल के परंजॉय गुहा ठाकुरता पिछले 45 सालों से पत्रकारिता से जुड़े हैं. वे पत्रकार होने के साथ-साथ एक एक्टिविस्ट भी हैं. paranjoy.in के मुताबिक कलकत्ता में जन्मे परंजॉय ने कलकत्ता La Martiniere से अंडर ग्रेजुएशन करने के बाद दिल्ली आकर St. Stephen's College से ग्रेजुएशन और Delhi School of Economics से मास्टर्स की डिग्री की. ये सब करते हुए देश में इमरजेंसी लगी फिर परंजॉय पत्रकारिता में आ गए. पिछले 45 सालों में उन्होंने देश के बड़े मीडिया ऑर्गनाइजेशंस Business India, Businessworld, The Telegraph, India Today and The Pioneer के लिए काम किया. टीवी चैनलों के लिए चैट शो भी होस्ट किए. Indian coal mining industry के घपलों-घोटालों को लेकर डॉक्यूमेंट्री भी बनाई. 8 किताबें लिखीं, 30 डॉक्यूमेंट्रीज बनाई, एज पब्लिशर 30 किताबें छापी भी. अलग-अलग IIM में करीब 20 साल से गेस्ट लेक्चर देते आ रहे हैं.
रिलायंस इंडस्ट्रीज और अदाणी के साथ लीगल फाइट
पत्रकारिता करते हुए परंजॉय ने कई ऐसी किताबें भी लिखीं जिसमें बड़े बिजनेस हाउसेस भी निशाने पर आए. Gas Wars: Crony Capitalism and the Ambanis में किए गए दावों के कारण उन्हें रिलायंस इंडस्ट्रीज के साथ लीगल फाइट में भी उलझना पड़ा. ऐसी ही लीगल लड़ाई अदाणी के साथ भी हुई. कॉरपोरेट प्रेशर में उन्हें मीडिया हाउस की नौकरी भी छोड़नी पड़ी. राफेल डील को सबसे बड़ा डिफेंस स्कैम बताते हुए उन्होंने किताब लिखी flying lies तो अनिल अंबानी नाराज हो गए. खूब सारे कोर्ट केसेस के बाद भी परंजॉय झुके नहीं.
पेड न्यूज के खिलाफ आवाज कह बुलंद
परंजॉय जिस प्रोफेशन में रहे उसकी गड़बड़ियों के खिलाफ भी आवाज उठाते रहे. उन्होंने प्रेस काउंसिल से जुड़े होते हुए पेड न्यूज के खिलाफ Paid News: How Corruption in the Indian Media Undermines Democracy टाइटल की रिपोर्ट भी बनाई जिसको लेकर खूब हंगामा हुआ. परंजॉय मानते रहे कि पेड न्यूज डेमोक्रेसी के लिए खतरा है. जितने विरोधी पेड न्यूज के रहे, उतने ही समर्थक प्रेस की आजादी के. 2023 में जब न्यूज पोर्टल न्यूजक्लिक पर सरकारी एजेंसियों ने दावा बोला तो परंजॉय न्यूज क्लिक के समर्थन में मोर्चे पर आ गए. हालांकि उस मामले में वो भी जांच के घेरे में आए. वो शिकायत करते रहे हैं कि मीडिया के एक हिस्से ने कठिन सवाल पूछना बंद कर दिया है.
सरकार के कई फैसलों पर अपनाया सख्त रुख
देश में 2014 से मोदी की सरकार है. परंजॉय गुहा ठाकुरता ऐसे उन लोगों में शुमार किए जाते हैं जो बीजेपी और पीएम मोदी को लेकर कठोर लाइन लेते हैं. 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले उन्होंने मोदी पर निशाना साधते हुए एक म्यूजिक वीडियो भी बनाया था जिसका टाइटल था साहेब. परंजॉय की राय रही है कि सरकार के कई फैसलों ने देश में बेरोजगारी और रोजगार की स्थिति खराब कर दी. कभी व्यंग्य से कहा कि मोदी जी महान हैं, तो कभी कहा कि मोदी जी भगवान का अवतार हैं.
यूपीए सरकार के खिलाफ भी रहे मुखर
सोशल मीडिया पर उनकी एक फोटो है जिसमें वो राफेल डील पर लिखी किताब राहुल गांधी को देते हुए नजर आए. ऐसे भी लोग हैं जो परंजॉय की पत्रकारिता पर सवाल उठाते हैं लेकिन क्या परंजॉय सिर्फ बीजेपी या मोदी के खिलाफ रहे हैं? ऐसा नहीं है.यूपीए सरकार के समय जिस 2जी घोटाले की चर्चा रही उसमें भी परंजॉय का नाम रहा. कोर्ट में जिन लोगों ने जनहित याचिकाएं लगाई थी, उनमें परंजॉय गुहा भी शामिल थे. कहा जाता है कि 2007 में उन्होंने ही सबसे पहले इकोनॉमिक टाइम्स में 2जी स्कैम को लेकर रिपोर्ट लिखी थी. तब कांग्रेस की यूपीए सरकार थी जिसकी खूब बदनामी हुई 2जी स्कैम को लेकर.