BJP का सत्ता पाने का कामयाब फॉर्मूला! राजस्थान समेत 4 राज्यों में कांग्रेस को पछाड़ा, कर्नाटक की हार से लिया था बड़ा सबक

ललित यादव

बीजेपी ने पिछले डेढ़ वर्षों में चुनाव जीतने के लिए नया फॉर्मूला अपनाया है. कर्नाटक विधानसभा चुनाव के बाद बीजेपी ने इस फॉर्मूला पर काम करना शुरू किया. जिसका नतीजा यह रहा कि बीजेपी ने मध्यप्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़ और अब हरियाणा में जीत दर्ज की. इसके पीछे बीजेपी द्वारा किए गए फ्रीबीज वादे मुख्य रहे. 

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बीजेपी ने पिछले डेढ़ वर्षों में चुनाव जीतने के लिए नया फॉर्मूला अपनाया है. कर्नाटक विधानसभा चुनाव के बाद बीजेपी ने इस फॉर्मूला पर काम करना शुरू किया. जिसका नतीजा यह रहा कि बीजेपी ने मध्यप्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़ और अब हरियाणा में जीत दर्ज की. इसके पीछे बीजेपी द्वारा किए गए फ्रीबीज वादे मुख्य रहे. आइए देखते हैं कैसे बीजेपी के इस फॉर्मूले से 4 राज्यों में जीत मिली. 

हरियाणा में क्या वादे किए

बीजेपी ने हरियाणा में महिलाओं को 2100 रुपए प्रति महीने और स्कूली लड़कियों को स्कूटी देने का वादा किया था. ऐसे ही अन्य वादों में 24 फसलों को एमएसपी पर खरीदना, हर अग्निवीर को सरकारी नौकरी देना, आयुष्मान योजना के तहत दस लाख का स्वास्थ्य बीमा, युवाओं को दो लाख नौकरियां देना और घर गृहिणी योजना के तहत 500 रुपए में सिलेंडर देना शामिल है. एक अनुमान के मुताबिक इन सभी चुनावी वादों को पूरा करने से राज्य के राजकोषीय घाटे में दो प्रतिशत की बढ़ोत्तरी होगी.

बीजेपी की जीत के पीछे ऐसे लोक लुभावनवादों को भी बड़ा कारण माना जा रहा है. कांग्रेस के ऐसे ही वादों की काट के लिए बीजेपी ने हरियाणा में ऐसे वादे किए जिन्हें रेवड़ियो की श्रेणी में रखा जा सकता है. बीजेपी पीछे नहीं रहना चाहती थी लिहाजा उसे ऐसे वादे करने पड़े.

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कर्नाटक हार से लिया सबक

2023 में कर्नाटक में विधानसभा चुनाव में मिलीं हार से सबक लेते हुए बीजेपी ने मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान तेलंगाना के विधानसभा चुनावों में फ्रीबीज के वादे किए और विधानसभा चुनाव में बीजेपी को फायदा मिला भी और मध्यप्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ तीनों राज्यों में सरकारें बनाई.

लोकसभा चुनाव में फ्रीबीज से बची बीजेपी

लोकसभा चुनाव के साथ ही हुए ओडिशा विधानसभा चुनाव में भी बीजेपी ने इसी तरह के कई फ्रीबीज वादे किए और वहां उसे पहली बार सरकार बनाने का मौका मिला. दिलचस्प बात यह है कि लोक सभा चुनाव में बीजेपी ने राष्ट्रीय स्तर पर इस तरह का कोई लोकलुभावन वादा नहीं किया. जबकि कांग्रेस ने महिलाओं को साल में एक लाख रुपए देने का वादा किया था. पार्टी ने कहा था कि खटाखट पैसे आएंगे लेकिन बीजेपी ने दस साल सरकार चलाने के बावजूद इस तरह का कोई वादा करने से परहेज किया था. बाद में बीजेपी की सीटें घट गईं और अब तीसरे कार्यकाल में सरकार चलाने के लिए वह सहयोगी दलों के समर्थन पर आश्रित है.कांग्रेस ने कुछ राज्यों में ओपीएस (ओल्ड पेंशन स्कीम) जाने की बात भी कही थी और अब मोदी सरकार ने यूपीएस (यूनिफ़ाइड पेशन स्कीम) का ऐलान किया है.

अब महाराष्ट्र और झारखंड की बारी

महाराष्ट्र और झारखंड में अगले महीने विधानसभा चुनाव होंगे. महाराष्ट्र में बीजेपी के समर्थन से चल रही शिंदे सरकार पहले ही लाड़ली बहनी योजना चला रही है जिसमें महिलाओं को हर महीने 1500 रुपए दिए जा रहे हैं. झारखंड में भी बीजेपी ने गोगो दीदी योजना के तहत सत्ता में आने पर महिलाओं को हर महीने 2100 रुपए देने का वादा किया है.

जाहिर है कि चाहे बीजेपी कांग्रेस, आम आदमी पार्टी और अन्य विपक्षी सरकारों पर रेवड़ियां बांटने का आरोप लगाती हो लेकिन कहीं न कहीं उसे भी इस बात का एहसास है कि चुनावी सफलता के लिए अब जनता की जेब में सीधे पैसे डालना एक कामयाब फार्मूला बनता जा रहा है.

रिपोर्ट: हिमांशु मिश्रा

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