क्या राजस्थान में कांग्रेस फंस गई है? कैंडिडेट्स की लिस्ट में देरी की वजह समझिए
टिकट बंटवारे को लेकर गहलोत के सामने दोहरी चुनौती हैं. पहली- ऐसे कैंडिडेट्स को टिकट मिले जो चुनाव जीत सकें. दूसरी – ऐसे विधायकों का टिकट कटने से बचाना जिन्होंने 2020 में सरकार पर संकट के समय उनका साथ दिया था.
ADVERTISEMENT
Rajasthan Election 2023: राजस्थान विधानसभा चुनाव के लिए 3 नवंबर को वोटिंग है. पर कांग्रेस अभी कैंडिडेट्स के नाम फाइनल कर कोई लिस्ट जारी नहीं कर पाई है. इसके उलट मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और तेलंगाना के लिए कांग्रेस की पहली लिस्ट आ चुकी है. सवाल है की राजस्थान में ऐसी क्या चुनौती है जो कांग्रेस के कैंडिडेट्स तय नहीं पा रहे?
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कुछ महीने पहले एक सभा में बोला था कि प्रत्याशियों के नाम दो महीने पहले फाइनल हो जाने चाहिए. अब खुद उनकी पार्टी ही ये काम नहीं कर पाई. वजह बताई जा रही है कि टिकट बंटवारे को लेकर पार्टी में कई सुर हैं.
दोहरी चुनौती में फंसे हैं गहलोत
टिकट बंटवारे को लेकर गहलोत के सामने दोहरी चुनौती हैं. पहली- ऐसे कैंडिडेट्स को टिकट मिले जो चुनाव जीत सकें. दूसरी – ऐसे विधायकों का टिकट कटने से बचाना जिन्होंने 2020 में सरकार पर संकट के समय उनका साथ दिया था. गहलोत इसी चक्रव्यूह में फंसे हुए नजर आ रहे हैं. कई मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया है की सर्वे के आधार पर कई विधायकों का टिकट काटा जाना चाहिए. इनमें गहलोत के करीबी विधायकों के भी नाम हैं. पेच यहीं फंसता नजर आ रहा है और इसे टिकट बंटवारे में हो रही देरी की एक बड़ी वजह माना जा रहा है.
सर्वे में आई टिकट के दावेदारों की बाढ़
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक राजस्थान में 200 सीटों के लिए कांग्रेस के पास 3000 से अधिक दावेदारी है. प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटरसा का कहना है कि इतनी ज्यादा संख्या में नाम आ गए है, इसलिए नाम फाइनल करने में समय लग रहा है. उन्होंने बताया कि स्क्रीनिंग कमेटी ने प्रत्येक सीट पर उम्मीदवारी के लिए तीन नाम CWC को भेज दिया है. जल्द ही लिस्ट आ सकती है. अब सवाल यह है कि राजस्थान कांग्रेस में अगर टिकट बंटवारे में ही इतनी पेच है तो कहीं ये बात चुनाव में भारी न पड़ जाए.
ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT