तिरुपति के लड्डू प्रसाद में पशु चर्बी के दावे पर आया पूर्व CM जगन मोहन का चौंकाने वाला बयान

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आंध्र प्रदेश के पू्र्व सीएम जगन मोहन रेड्डी
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न्यूज़ हाइलाइट्स

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तिरुपति मंदिर के लड्डू प्रसादम को लेकर जगन रेड्डी का बड़ा बयान आया सामने

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विवाद तब शुरू हुआ जब आंध्र प्रदेश के CM चंद्रबाबू नायडू ने किया बड़ा दावा

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प्रसाद में घी की जगह जानवरों की चर्बी और मछली के तेल मिले होने का आरोप

Tirupati Temple Prasadam Controversy: तिरुपति मंदिर के प्रसिद्ध लड्डू प्रसादम को लेकर विवाद बढ़ता जा रहा है. यह विवाद तब शुरू हुआ जब आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने दावा किया कि तिरुपति मंदिर के लड्डू प्रसाद बनाने में घी की जगह पशुओं की चर्बी और मछली के तेल का इस्तेमाल किया जा रहा है. इस आरोप ने धार्मिक और राजनीतिक हलकों में खलबली मचा दी.

चंद्रबाबू नायडू के इस दावे के बाद आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी ने इन आरोपों का कड़ा खंडन किया है. रेड्डी ने इन आरोपों को निराधार बताते हुए कहा कि टीडीपी (तेलुगु देशम पार्टी) धार्मिक मुद्दों का राजनीतिकरण कर रही है. उन्होंने कहा, "भगवान के नाम पर राजनीति की जा रही है, और टीडीपी जानबूझकर इस तरह के झूठे आरोप लगाकर धार्मिक भावनाओं के साथ खिलवाड़ कर रही है."

हमने दी थी घी में गुणवत्ता की जानकारी

जगन मोहन रेड्डी ने बताया कि यह विवादास्पद लैब रिपोर्ट चंद्रबाबू नायडू के ही कार्यकाल की है. यह रिपोर्ट जुलाई महीने की है, और उस समय हमनें घी की गुणवत्ता में कमी की जानकारी तत्कालीन मुख्यमंत्री नायडू को दी थी. उन्होंने कहा कि तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) में घी की आपूर्ति के लिए हर छह महीने में टेंडर प्रक्रिया होती है और इसके मानदंड दशकों से नहीं बदले हैं."

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टीडीपी धार्मिक रंग देने की कोशिश कर रही: जगन रेड्डी

रेड्डी ने आगे कहा कि घी की आपूर्ति के लिए हर सप्लायर को NABL सर्टिफिकेट दिखाना होता है. टीटीडी घी के सैंपल इकट्ठे करता है और जो सैंपल गुणवत्ता टेस्ट में पास होते हैं, उन्हीं का उपयोग लड्डू बनाने के लिए किया जाता है. रेड्डी ने इस बात पर जोर दिया कि उनकी सरकार ने अपने कार्यकाल में 18 बार खराब गुणवत्ता वाले उत्पादों को खारिज किया था. उन्होंने टीडीपी पर आरोप लगाते हुए कहा कि वह धार्मिक मामलों को राजनीतिक रंग देने की कोशिश कर रही है.

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क्या है लड्डू प्रसाद विवाद और कैसे शुरू हुआ?

विवाद की शुरुआत इस हफ्ते की शुरुआत में तब हुई जब चंद्रबाबू नायडू ने आरोप लगाया कि जगन मोहन रेड्डी के कार्यकाल के दौरान तिरुपति लड्डू में जानवरों की चर्बी और अन्य घटिया सामग्री का इस्तेमाल किया गया था. इसके बाद, गुजरात स्थित पशुधन लैब एनडीडीबी सीएएलएफ लिमिटेड ने एक लैब रिपोर्ट जारी की, जिसमें दावा किया गया कि तिरुपति लड्डू बनाने में इस्तेमाल किए गए घी में जानवरों की चर्बी और फिश ऑयल था. इस रिपोर्ट को टीडीपी के प्रवक्ता अनम वेंकट रमण रेड्डी ने सार्वजनिक किया. उन्होंने कहा, "लैब रिपोर्ट में पुष्टि की गई है कि घी में जानवरों की चर्बी और फिश ऑयल था, जिसकी एस-वैल्यू 19.7 पाई गई."

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इस विवाद ने राजनीतिक गर्मी को और बढ़ा दिया, खासकर जब केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू से इस मुद्दे पर बात की और पूरे मामले पर रिपोर्ट मांगी. यह मामला अब राष्ट्रीय स्तर पर चर्चा का विषय बन गया है, और दोनों पक्ष एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप कर रहे हैं.

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राजनीतिक लाभ लेने के लिए टीडीपी लगा रही झूठे आरोप

जगन मोहन रेड्डी ने इन आरोपों को खारिज करते हुए इसे झूठा और अनुचित बताया है. उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने हमेशा तिरुमाला मंदिर के प्रसाद की गुणवत्ता सुनिश्चित की है और उनके कार्यकाल में कोई भी घटिया सामग्री लड्डू बनाने में इस्तेमाल नहीं की गई. उनका कहना है कि टीडीपी सिर्फ राजनीतिक लाभ लेने के लिए इस तरह के झूठे आरोप लगा रही है.

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