गारंटियों के लिए कर्नाटक ने खोला खजाना! रिस्क लेने के मूड में नहीं सिद्धारमैया, डीके शिवकुमार

रूपक प्रियदर्शी

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Karnataka News: कर्नाटक में भारी बहुमत से कांग्रेस की सरकार तो बन गई, लेकिन कोई सीएम नहीं बन पाया, तो कोई डिप्टी सीएम नहीं, तो कोई मंत्री तक नहीं बन पाया. अब लोकसभा चुनाव से पहले पार्टी में असंतोष को देखते हुए सीएम सिद्धारमैया ने बीच का रास्ता निकाला है. मंत्री पद के दावेदार तीन विधायकों को कैबिनेट मंत्री का दर्जा दे दिया. आर. वी. देशपांडे प्रशासनिक सुधार आयोग का अध्यक्ष , बी. आर. पाटिल को सलाहकार और बसवराज रायरेड्डी को आर्थिक सलाहकार बना दिया.

सीएम के आर्थिक सलाहकार बनते ही बसवराज रायरेड्डी ने बम फोड़ दिया है. कर्नाटक में कांग्रेस जिन गारंटी वाले चुनावी वादे करके चुनाव जीती उसी पर सवाल उठा दिए है. बसवराज ने कहा हैं कि, 58 हजार की गारंटी पूरा करने के लिए सरकार के पास पैसे नहीं हैं. देख रहे हैं कि, आगे क्या किया जा सकता है. वैसे बसवराज के आर्थिक सलाहकार बनने से पहले ही सरकार ने गारंटी वाले वादे पूरा करना शुरू कर दिया था. जुलाई मे पेश बजट में गारंटियों के लिए 52800 करोड़ का फंड भी आवंटित कर दिया था.

कांग्रेस ने कर्नाटक की जनता को 5 गारंटी दी थी. इसका एलान करने वाले राहुल गांधी, प्रियंका गांधी थे. राहुल, प्रियंका के वादों पर जनता ने भरोसा किया और झोली में सत्ता डाल दी. राहुल ने पहली कैबिनेट में गारंटी लागू करने का वादा किया था. सिद्धारमैया और डीके ने ये वादा पूरा भी किया.

आप पहले समझिए कि गारंटी वाले वादे लागू करने में आखिर सरकार को कितना खर्च करना होगा.

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गृह ज्योति योजना में हर परिवार को 200 यूनिट तक मुफ्त बिजली देने में 14 हजार 430 करोड़ रुपये खर्च होंगे.

युवा निधि योजना में ग्रेजुएट बेरोजगार को 3 हजार रुपये मासिक भत्ता देने में सालाना खर्च 3 हजार करोड़ रुपये लगेंगे.

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गृह लक्ष्मी योजना में परिवार की एक महिला को दो हजार रुपये मासिक भत्ता देने में 30 हजार 720 करोड़ रुपये खर्च करने होंगे.

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अन्न भाग्य योजना में हर गरीब व्यक्ति को 10 किलोग्राम मुफ्त अनाज देने में सालाना 5 हजार करोड़ रुपये खर्च होंगे.

योजनाओं से लोगों को मिल रहा फायदा: कर्नाटक सरकार

देश में होने वाला लोकसभा चुनाव में अब ज्यादा वक्त नहीं है. यही वजह है कि सीएम सिद्धारमैया और डिप्टी सीएम डीके शिव कुमार इन गारंटीयों को लागू करने में कोई रिस्क नहीं ले रहे हैं. विकास की बाकी योजनाओं में कटौती करके या उनको ठंडे बस्ते में डालकर सरकार ने इन गारंटीयों को लागू किया है. इंडिया टुडे की एक रिपोर्ट के मुताबिक कांग्रेस की गारंटी वाली योजनाएं प्रदेश के दो तिहाई घरों तक पहुंच भी गई है. सरकार का दावा है कि कर्नाटक के करीब सवा करोड़ परिवार को हर महीने 4 से 5 हजार का फायदा सरकारी योजनाओं से मिल रहा है. गृह ज्योति योजना के लाभार्थी 1.5 करोड़ से ज्यादा हो चुके हैं. अन्न भाग्य के लाभार्थी करीब 44 करोड़, शक्ति योजना में लाभार्थी 60 लाख से ज्यादा और गृह लक्ष्मी में लाभार्थी सवा करोड़ हो चुके हैं.

गृह लक्ष्मी योजना ने बनाया ये रिकार्ड

रिपोर्ट के मुताबिक कर्नाटक की गृह लक्ष्मी योजना देश की सबसे बड़ी डायरेक्ट बेनेफिट ट्रांसफर योजना(DBT) बन गई है. सरकार को उम्मीद थी कि महिलाओं को 2 हजार रुपये वाली स्कीम के लिए रजिस्ट्रेशन धीरे-धीरे बढ़ेगा लेकिन 30 अगस्त को योजना लॉन्च होते-होते एक करोड़ रजिस्ट्रेशन हो चुका था. अक्टूबर तक ये संख्या एक करोड़ 20 लाख तक पहुंच गई. सरकार के 6 महीना पूरा होने पर सीएम सिद्धारमैया ने हिसाब दिया कि 2 हजार वाली गृह लक्ष्मी योजना में महिलाओं के लिए 1 हजार 200 करोड़ रुपये जारी किए गए.

फ्री बस टिकट वाली शक्ति योजना में 2800 करोड फिक्स किए गए लेकिन 23 नवंबर तक महिला यात्रियों को 2 हजार 413 करोड़ के फ्री टिकट देकर बस यात्रा कराई गई. परिवहन मंत्री आर. रामलिंगा रेड्डी के अनुसार योजना के लोकप्रिय होने से हो सकता है बजट से थोड़ा ज्यादा खर्च करना पड़े.

सरकार पहले से ही घाटे में है फिर कहा से आएगा इन योजनाओं के लिए पैसा?

कर्नाटक की कुल आय 2 लाख 26 हजार करोड़ रुपये है और उसका कुल खर्च 2 लाख 87 हजार करोड़ रुपये है. पहले से कर्नाटक की सरकार आय से 60 हजार करोड़ ज्यादा खर्च कर रही है. गारंटी वाले वादे पूरे करने के लिए और 58 हजार करोड़ लगेंगे. इससे सरकार का राजस्व घाटा 1 लाख 14 हजार करोड़ रुपये के पार हो जाएगा. यही वो गणित है जिससे गारंटी वाले वादे लागू करने पर सवाल खड़े कर रहे हैं.

कांग्रेस या मोदी किसकी गारंटी दिखाएगी दम?

हालांकि कर्नाटक सरकार इसकी परवाह किए बगैर अलग-अलग रास्ते निकालकर गारंटीयों को लागू कर रही है. इन गारंटीयों की कामयाबी से ही लोकसभा चुनाव में कर्नाटक की 28 सीटों का नतीजा तय होगा. बीजेपी और जेडीएस का पूरा कैंपेन इसी बात पर है कि कांग्रेस ने कोई गारंटी लागू नहीं की और लोकसभा में कर्नाटक का चुनाव पलटकर बीजेपी के पक्ष में जाएगा. वैसे एमपी, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की गारंटी नहीं चली, लेकिन मोदी की गारंटी हिट हो गई. जिसने लोकसभा चुनाव का भी एजेंडा तय कर दिया है कि बीजेपी अब मोदी गारंटी पर ही चलेगी.

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