‘संपत्ति के सर्वे’ वाले बयान पर घमासान मचने के बाद अब राहुल गांधी ने लिया यू-टर्न!

शुभम गुप्ता

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने दिल्ली के जवाहर भवन में 'सामाजिक न्याय सम्मेलन' को संबोधित करते हुए अपनी 'संपत्ति के सर्वे' टिप्पणी पर यू-टर्न लिया और कहा कि वह केवल यह कहना चाहता हूं कि देश में कितना अन्याय हुआ है.

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Rahul Gandhi: कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने दिल्ली के जवाहर भवन में 'सामाजिक न्याय सम्मेलन' को संबोधित करते हुए अपनी 'संपत्ति के सर्वे' टिप्पणी पर यू-टर्न लिया और कहा कि वह केवल यह कहना चाहता हूं कि देश में कितना अन्याय हुआ है. राहुल ने आगे कहा कि मैने कहा था देखते हैं कि देश में कितना अन्याय हुआ है और इसपर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने क्या प्रतिक्रिया दी. वो कह रहे हैं  कि यह देश को तोड़ने का प्रयास है. उन्होंने कहा कि जो भी लोग खुद को 'देशभक्त' कहते हैं, वो जातिगत जनगणना के 'एक्स-रे' से डरे हुए हैं. उन्होंने कहा कि कोई भी ताकत जातिगत जनगणना को नहीं रोक सकती. 

सरकार बनने पर कराएंगे जाति जनगणना: राहुल

राहुल गांधी ने अपने संबोधन के दौरान कहा कि जैसे ही हमारी सरकार बनेगी, सबसे पहला काम जाति जनगणना किया जाएगा. 90 प्रतिशत आबादी के लिए न्याय सुनिश्चित करना उनके जीवन का मिशन है, जिनके खिलाफ अन्याय हुआ है.उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि 90 प्रतिशत भारतीयों के साथ अन्याय हो रहा है. जैसे ही मैंने इस अन्याय को रोकने का आह्वान किया, प्रधानमंत्री और भाजपा ने मुझ पर हमला करना शुरू कर दिया.

'संपत्ति के सर्वे' को लेकर एक्जेक्टली क्या बोले थे राहुल?

लोकसभा चुनाव लेकर पांच अप्रैल को कांग्रेस ने अपना घोषणापत्र जारी किया था. इस दौरान पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा था कि अगर केंद्र में कांग्रेस की सरकार आती है तो एक सर्वे कराया जाएगा और पता लगाया जाएगा कि किसके पास कितनी संपत्ति है.

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राहुल ने कहा था कि हिंदुस्तान में 50 फीसदी पिछड़े वर्ग की आबादी है. 15-15 फीसदी आबादी दलितों और माइनॉरिटी की है. 8 फीसदी आबादी आदिवासियों की और 5 फीसदी आबादी गरीब जनरल कास्ट की है. इन सबकों मिला देने पर 90 फीसदी आबादी इन लोगों की बनती है. मगर देश के बड़े-बड़े संस्थानों को देखो, इनमें से किसी भी कंपनी और इंस्टीट्यूशन में ये नहीं दिखाई देते हैं.

इसके आगे उन्होंने कहा था कि देश की सबसे बड़ी 200 कंपनियों के मालिकों की लिस्ट निकालेंगे तो एक भी पिछड़ी जाति से आने वाला एक भी व्यक्ति आपको नहीं मिलेगा. इसलिए हमने वादा किया है कि अगर हमारी सरकार बनती है तो कास्ट सेंसिस को पूरे देश में कराया जाएगा. 

पीएम ने बोला था हमला

पीएम मोदी ने 21 अप्रैल को राजस्थान के बांसवाड़ा में एक चुनावी रैली की थी. इस दौरान उन्होंने कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा. पीएम ने कहा था कि, 'अगर कांग्रेस सत्ता में आती है, तो वह लोगों की संपत्ति को मुसलमानों में बांट देगी'. ये शहरी-नक्सली मानसिकता मेरी माताओं और बहनों का मंगलसूत्र भी नहीं छोड़ेगी. उन्होंने कहा कि, कांग्रेस के घोषणापत्र में कहा गया है कि वे माताओं और बहनों के सोने का हिसाब करेंगे, उसके बारे में जानकारी लेंगे और फिर उस संपत्ति को अल्पसंख्यकों को बांट देंगे. इसके साथ ही उन्होंने इस बात की पुष्टि इस बात से की कि, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की सरकार ने कहा था कि देश की संपत्ति पर पहला अधिकार मुसलमानों का है.'

इसका मतलब है कि ये संपत्ति एकत्र कर किसे बांटेंगे? जिनके ज्यादा बच्चे हैं, ये संपत्ति उनको बांटेंगे. ये संपत्ति घुसपैठियों को बांटेंगे, क्या आपकी मेहनत की कमाई घुसपैठियों को दिया जाएगा? क्या आपको यह मंजूर है? 

बांसवाड़ा में पीएम मोदी ने यह भी आरोप लगाया कि, कांग्रेस अब वामपंथियों के चंगुल में फंस गई है और उसका घोषणापत्र चिंताजनक और गंभीर है, क्योंकि यह माओवाद की विचारधारा को जमीन पर लागू करने का एक प्रयास है.

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