मिलेट्स पर लिखा गाना ग्रैमी अवॉर्ड के लिए हुआ नॉमिनेट, इसका पीएम मोदी से कैसा कनेक्शन?
‘एबंडेंस इन मिलेट्स’ (Abundance In Millets) को बेस्ट ग्लोबल म्यूजिक परफॉर्मेंस कैटिगरी में ग्रैमी अवॉर्ड के लिए नॉमिनेट किया गया है.
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Millet song news: भारत की कोशिशों की वजह से संयुक्त राष्ट्र संघ ने साल 2023 को इंटरनेशनल मिलेट ईयर (अंतरराष्ट्रीय मोटा अनाज वर्ष) घोषित कर रखा है. अब मिलेट्स यानी मोटे अनाज को प्रमोट करने की भारतीय कोशिशों को एक और पहचान मिली है. मिलेट्स के फायदे को बढ़ावा देने के लिए लिखे गए एक गाने ‘एबंडेंस इन मिलेट्स’ (Abundance In Millets) को बेस्ट ग्लोबल म्यूजिक परफॉर्मेंस कैटिगरी में ग्रैमी अवॉर्ड के लिए नॉमिनेट किया गया है. रोचक बात यह है कि ये गाना पीएम नरेंद्र मोदी के सहयोग से लिखा गया है.
‘एबंडेंस इन मिलेट्स’ की पूरी कहानी
पीटीआई-भाषा की रिपोर्ट के मुताबिक इस गीत को भारतीय-अमेरिकी गायक फाल्गुनी शाह ने पीएम मोदी के सहयोग से लिखा है. गायिका और गीतकार फाल्गुनी शाह का जन्म मुंबई में हुआ है. फाल्गुनी ने अपने गायक पति गौरव शाह के साथ इस गीत को पेश किया है. इस साल मार्च में नई दिल्ली में ग्लोबल मिलेट्स (श्री अन्न) सम्मेलन 2023 का आयोजन किया गया था. पीएम मोदी ने इस सम्मेलन का उद्घाटन किया और भाषण दिया था. ग्रैमी अवॉर्ड के लिए नॉमिनेट मिलेट्स सॉन्ग में मोदी के भाषण के कुछ हिस्से का इस्तेमाल किया गया है.
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इसकी गीतकार फाल्गुनी शाह को उनके स्टेज नाम फालू से जाना जाता है. फालू शाह पहले भी ग्रैमी अवॉर्ड के लिए नॉमिनेट हो चुकी हैं. 2022 में उन्हें उनके एल्बम ‘A Colorful World’ के लिए बेस्ट चिल्ड्रेन एल्बम कैटिगरी में ग्रैमी अवॉर्ड भी मिल चुका है.
क्या होता है मिलेट्स और कैसे इसे लेकर भारत का प्रयास बना ग्लोबल कैंपेन?
संयुक्त राष्ट्र की महासभा ने इस साल 5 मार्च को साल 2023 को इंटरनेशन मिलेट्स ईयर के रूप में घोषित किया. भारत ने इस प्रस्ताव को पेश किया था और इसे 72 देशों का समर्थन मिला. केंद्र सरकार ने मिलेट्स को घरेलू और वैश्विक स्तर पर प्रमोट करने की तमाम कोशिशें की हैं. भारत के अलावा दुनिया के दूसरे हिस्सों में बहुतायत में पैदा होने वाले मोटे अनाजों को मिलेट्स कहा जाता है. इसमें मुख्य रूप से बाजरा, ज्वार, रागी, कंगनी, सांवा, कोडो और कुटकी जैसे अनाज शामिल हैं. इसकी एक पहचान गरीबों के अनाज के रूप में होती है.
इन अनाजों को गेहूं और चावल से बेहतर माना जाता है क्योंकि ये प्रोटीन, विटामिन और खनिजों से भरपूर होते हैं. ये ग्लूटेन-फ्री होते हैं और इनका ग्लाइसेमिक इंडेक्स काफी कम होता है. इस वजह से इन्हें सीलिएक डिज़ीज़ या मधुमेह रोगियों के लिए बेहतर माना जाता है. भारत विश्व में श्री अन्न (मिलेट्स) के टॉप 5 निर्यातकों में से एक है.
ग्रैमी अवॉर्ड के बारे में भी जान लीजिए
ग्रैमी अवॉर्ड को म्यूजिक इंडस्ट्री के बेस्ट अवॉर्ड्स में से एक माना जाता है. इसे अमेरिका की द रिकॉर्डिंग एकेडमी देती है. पहला ग्रैमी अवॉर्ड समारोह 4 मई 1959 में आयोजित किया गया था. शुरुआत में इसे ग्रामोफोन अवॉर्ड कहा जाता था. 66वां ग्रैमी अवॉर्ड समारोह 4 फरवरी 2024 को आयोजित होने जा रहा है. इस समारोह में कुल 94 कैटिगरी में अवॉर्ड दिए जाएंगे.