Narendra Modi 75th Birthday : जानिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जीवन यात्रा और राजनीतिक करियर की पूरी कहानी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज 75वां जन्मदिन मना रहे हैं. साधारण चाय बेचने वाले बच्चे से लेकर विश्व के सबसे प्रभावशाली नेता बनने तक की उनकी यात्रा, उपलब्धियां और चुनौतियां पढ़ें.
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इस समय देश ही नहीं वैश्विक मंचों पर भी एक नाम की चर्चा खूब है. वो हैं भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र दामोदर दास मोदी. इनके जन्मदिन पर देश-दुनिया से बधाईयां आ रही हैं. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भी पीएम मोदी को बधाई संदेश भेजा है. वे लिखते हैं- 'अभी-अभी मेरे मित्र, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से फ़ोन पर बहुत अच्छी बातचीत हुई. मैंने उन्हें जन्मदिन की ढेर सारी शुभकामनाएं दीं! वे बहुत अच्छा काम कर रहे हैं. नरेंद्र: रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध समाप्त करने में आपके सहयोग के लिए धन्यवाद!'
भारत की राजनीति में नरेंद्र दामोदर दास मोदी ने साधारण पृष्ठभूमि से निकलकर असाधारण ऊंचाइयों को छुआ. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का 75वां जन्मदिन 17 सितंबर यानी आज मनाया जा रहा है. साल 1950 को गुजरात के वडनगर में जन्मे पीएम नरेंद्र मोदी भारत ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में पसंदीदा राजनेता के तौर पर जाना जाता है. चाय बेचने वाले एक साधारण बच्चे से लेकर विश्व की सबसे बड़ी लोकतांत्रिक व्यवस्था के सर्वाधिक प्रभावशाली नेता बनने तक की उनकी यात्रा प्रेरणादायी और ऐतिहासिक है.
उनका 75वां जन्मदिवस केवल एक व्यक्तिगत उत्सव नहीं, बल्कि राष्ट्र की उस आकांक्षा का प्रतीक है जो भारत को वैश्विक महाशक्ति बनाने की दिशा में आगे बढ़ रही है.
संघर्षों से भरा बचपन, आरएसएस से मिली शिक्षा
मोदी का बचपन संघर्षों से भरा हुआ था. उन्होंने वडनगर स्टेशन पर पिता के साथ चाय बेची और सीमित संसाधनों में शिक्षा प्राप्त की. कठिनाइयों के बावजूद उनमें आत्मविश्वास, मेहनत और नेतृत्व की जिजीविषा रही. स्कूली दिनों से ही आरएसएस की शाखाओं में सक्रिय रहकर उन्होंने अनुशासन और राष्ट्रवाद की शिक्षा पाई.
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मोदी अक्सर अपने बचपन की कहानियां मंचों पर साझा करते हैं. उन्होंने कई बार बताया कि किस तरह वे अपने पिता के साथ वडनगर स्टेशन पर चाय बेचते थे. एक इंटरव्यू में उन्होंने याद किया- 'पिता जी सुबह-सुबह स्टेशन पर चाय लेकर जाते थे. मैं भी उनके साथ रहता. लोगों से बातें करना, उनकी समस्याएं सुनना, वहीं से मैंने जीवन की पहली शिक्षा ली.'
उनका बचपन बेहद साधारण था, कच्चे घर, सीमित संसाधन और संघर्षों से भरा हुआ. लेकिन मोदी हमेशा कहते हैं कि उन्हीं परिस्थितियों ने उनमें आत्मविश्वास और मेहनत करने का जज़्बा भरा. उन्होंने एक संस्मरण में बताया था कि छात्र जीवन में NCC और डिबेट प्रतियोगिताओं में हिस्सा लेकर उन्हें अनुशासन और नेतृत्व की ट्रेनिंग मिली.
राजनीति की सीढ़ियां
मोदी 1970 के दशक में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े. 'मन की बात' में उन्होंने एक बार बताया था कि शाखा में मिलने वाला अनुशासन और सुबह की प्रार्थनाएं उनके जीवन को दिशा देने वाली थीं. युवा अवस्था में वे हिमालय गए और साधु-संतों के बीच कुछ समय गुजारा. मोदी ने इसे अपनी आत्मचेतना और सेवा भावना को निखारने वाला अनुभव बताया है.
गुजरात लौटकर उन्होंने संघ और बाद में भाजपा संगठन में काम किया. 1990 के दशक में पार्टी में उनकी भूमिका बढ़ी. उनके संस्मरणों में उल्लेख मिलता है कि किस तरह वे कार्यकर्ताओं के साथ जमीन पर रहते, साधारण भोजन करते और गांव-गांव घूमकर संगठन को मजबूत करते थे.
भाजपा में औपचारिक प्रवेश ने मोदी को राजनीति का नया मार्ग दिया. संगठन कौशल और जमीन से जुड़े दृष्टिकोण के कारण वे जल्द ही पार्टी में उभरे. गुजरात में 2001 में मुख्यमंत्री बनने के बाद उनकी प्रशासनिक क्षमताएं पूरे देश की निगाहों में आईं. मुख्यमंत्री के रूप में मोदी ने गुजरात को उद्योग, कृषि और आधारभूत ढांचे के क्षेत्र में नई ऊंचाइयां दीं. गुजरात मॉडल की चर्चा राष्ट्रीय राजनीति में होने लगी, जिसने उन्हें प्रधानमंत्री पद की ओर अग्रसर किया.
2001 में गुजरात के सीएम बने मोदी
2001 में जब मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री बने, तब उनके सामने प्रशासनिक चुनौतियां थीं. उन्होंने एक अवसर पर कहा था- 'मैंने तय किया कि गुजरात की ताकत गांव, किसान और युवा हैं. इन्हीं को आधार बनाकर विकास का रास्ता तय करना होगा.' साल 2014 में पीएम मोदी के नेतृत्व में पूर्ण बहुमत की सरकार भाजपा ने बनाई.
2014 का आम चुनाव राजनीति का टर्निंग प्वाइंट
कहा जाता है कि 2014 का लोकसभा चुनाव भारतीय राजनीति का टर्निंग प्वाइंट था. यह केवल सत्ता परिवर्तन नहीं था, बल्कि भारतीय राजनीति की दिशा और स्वरूप बदलने वाला क्षण था. 2014 का लोकसभा चुनाव नरेंद्र मोदी की राजनीतिक यात्रा का शिखर था. पूर्ण बहुमत के साथ प्रधानमंत्री बनने के बाद संसद में दिए पहले भाषण का संस्मरण आज भी लोगों के जेहन में है. उन्होंने कहा था, 'मैं यहां प्रधानमंत्री के रूप में नहीं, प्रधान सेवक के रूप में आया हूं.'
मोदी सरकारी की प्रमुख उपलब्धियां
- आर्थिक सुधार और डिजिटल भारत
मोदी सरकार ने जनधन योजना, मेक इन इंडिया, स्टार्टअप इंडिया और डिजिटल इंडिया जैसे कार्यक्रमों से आर्थिक सुधारों की नई बुनियाद रखी. करोड़ों लोगों को बैंकिंग सिस्टम से जोड़ा गया, भारत स्टार्टअप हब बना और डिजिटल भुगतान की क्रांति आई.
- सामाजिक कल्याण
प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना से गरीब महिलाओं को गैस कनेक्शन मिला, स्वच्छ भारत अभियान ने स्वच्छता को सामाजिक आंदोलन बना दिया. प्रधानमंत्री आवास योजना और आयुष्मान भारत जैसी योजनाओं ने करोड़ों परिवारों तक राहत पहुंचाई.
- अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की पहचान
मोदी ने विदेश नीति को नई ऊंचाई दी. अमेरिका, जापान, यूरोप से लेकर खाड़ी देशों तक भारत की साख मजबूत हुई. अंतरराष्ट्रीय मंचों पर मोदी ने भारत को निर्णायक और आत्मविश्वासी राष्ट्र के रूप में प्रस्तुत किया.
- राष्ट्रीय सुरक्षा और आत्मनिर्भरता
सर्जिकल स्ट्राइक और एयर स्ट्राइक ने भारत की सैन्य नीति को नई परिभाषा दी. ‘आत्मनिर्भर भारत’ का नारा केवल आर्थिक ही नहीं बल्कि सामरिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण साबित हुआ.
- संवैधानिक और ऐतिहासिक फैसले
धारा 370 को हटाना, तीन तलाक कानून और राम मंदिर निर्माण की दिशा में सकारात्मक कदम मोदी सरकार के ऐसे फैसले रहे जिन्होंने दशकों पुराने मुद्दों का समाधान किया.
चुनौतियों का सामना
मोदी का कार्यकाल चुनौतियों से भरा रहा. नोटबंदी, जीएसटी की शुरुआती दिक्कतें, कोरोना महामारी और वैश्विक आर्थिक संकट. इन सभी परिस्थितियों ने उनकी राजनीतिक और प्रशासनिक क्षमता को परखा. आलोचनाएं भी हुईं, परंतु संकट की घड़ी में उनके दृढ़ नेतृत्व और निर्णायक शैली ने उन्हें अलग खड़ा किया.
जननेता और संचार कौशल
मोदी का सबसे बड़ा गुण है जनता से संवाद. ‘मन की बात’ जैसे कार्यक्रमों ने उन्हें सीधे करोड़ों लोगों से जोड़ा. सोशल मीडिया और डिजिटल प्लेटफॉर्म्स के कुशल उपयोग ने उन्हें 21वीं सदी का आधुनिक जननेता बना दिया.
75 वर्ष की उम्र में नई ऊर्जा
आज जब नरेंद्र मोदी 75 वर्ष के हो रहे हैं, तब भी उनका राजनीतिक और प्रशासनिक उत्साह युवा नेताओं से कम नहीं दिखता. उनका फोकस 'विकसित भारत 2047' पर है, यानी स्वतंत्रता के शताब्दी वर्ष तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने का सपना.
उन्होंने हाल ही में कहा था, 'मेरी उम्र बढ़ रही है, लेकिन मेरा उत्साह और ऊर्जा युवाओं से कम नहीं है. मेरा लक्ष्य है 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाना.'