राहुल गांधी, राजनाथ सिंह, रोहिणी आचार्य... पांचवे चरण में दांव पर इन दिग्गजों की साख, जानिए
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी 2004 से 2014 तक अमेठी सीट से चुनाव जीतकर संसद पहुचें. 2019 के चुनाव में उन्हें अमेठी में बीजेपी की स्मृति ईरानी के हाथों हार का सामना करना पड़ा.
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Lok Sabha Election Phase 5 Voting: लोकसभा चुनाव के पांचवें चरण में आठ राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की 49 लोकसभा सीटों पर वोटिंग हो रही है. लोकसभा चुनाव के इस फेज में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी, पीयूष गोयल, बृजभूषण शरण सिंह से लेकर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और लालू यादव की बेटी रोहिणी आचार्य सहित कई दिग्गजों की साख दांव पर है. इस चरण में 49 सीटों पर कुल 695 उम्मीदवार मैदान में हैं. आइए आपको बताते हैं 5th फेज के प्रमुख उम्मीदवारों के बारे में.
राजनाथ सिंह लखनऊ से लगा पाएंगे हैट्रिक?
भारतीय जनता पार्टी के पूर्व अध्यक्ष और मोदी सरकार की कैबिनेट में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह लखनऊ सीट से चुनावी मैदान में हैं. बीजेपी का गढ़ मानी जाने वाली लखनऊ सीट से पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी 5 बार संसद पहुंच चुके हैं. राजनाथ सिंह 2014 में पहली बार लखनऊ से चुनाव मैदान में उतरे थे और उन्हें जीत मिली थी. फिर 2019 के बाद इस बार भी पार्टी ने उन्हें इसी सीट से मैदान में उतारा है. राजनाथ सिंह के सामने बीजेपी का गढ़ को बचाए रखने की चुनौती है.
रायबरेली से राहुल गांधी मैदान में
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी 2004 से 2014 तक अमेठी सीट से चुनाव जीतकर संसद पहुचें. 2019 के चुनाव में उन्हें अमेठी में बीजेपी की स्मृति ईरानी के हाथों हार का सामना करना पड़ा. हालांकि वो केरल एक वायनाड से सांसद चुने गए. राहुल इस बार भी वायनाड के साथ यूपी के रायबरेली सीट से चुनाव लड़ रहे हैं. बता दें कि, इस सीट से राहुल की मां सोनिया गांधी संसद पहुंचती रही हैं. हालांकि इस बार उन्होंने लोकसभा का चुनाव न लड़ने का फैसला किया और राजस्थान से राज्यसभा के लिए चुनी गई. रायबरेली में राहुल का मुकाबला बीजेपी के दिनेश प्रताप सिंह से है. 2019 में सोनिया गांधी के खिलाफ भी बीजेपी से दिनेश ही उम्मीदवार थे जिन्हें हार मिली थी.
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अमेठी में अपनी जीत दुहरा पायेंगी स्मृति ईरानी?
केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी 2019 में यूपी की अमेठी सीट से निर्वाचित हुई थीं. ईरानी ने तब कांग्रेस के तत्कालीन अध्यक्ष राहुल गांधी को कांटे के टक्कर में शिकस्त दी थी. स्मृति ईरानी इस बार भी अमेठी सीट से चुनाव मैदान में हैं. हालांकि कांग्रेस ने इस बार गांधी परिवार के इस गढ़ में उनके खिलाफ गैर गांधी उम्मीदवार उतारा है. पार्टी ने अमेठी सीट से किशोरी लाल शर्मा को टिकट दिया है. बता दें कि, किशोरी लाल रायबरेली से सांसद रहीं सोनिया गांधी के संसदीय क्षेत्र प्रतिनिधि हुआ करते थे.
श्रीकांत शिंदे लगा पाएंगे जीत की हैट्रिक?
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के बेटे श्रीकांत शिंदे 2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव में शिवसेना के टिकट पर कल्याण सीट से संसद पहुंचे थे. 2019 में 2014 के मुकाबले श्रीकांत की जीत का अंतर बढ़ा लेकिन तब और अब के हालात बहुत अलग है. तब श्रीकांत अविभाजित शिवसेना के टिकट पर मैदान में थे. अब शिवसेना दो धड़ों में बंट चुकी है. नाम, निशान और शिवसेना की कमान श्रीकांत शिंदे के पिता एकनाथ शिंदे के हाथ में है. वहीं उद्धव ठाकरे ने शिवसेना (यूबीटी) नाम से अपनी पार्टी बनाई हैं.
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पिता के गढ़ सारण पर कब्जे के लिए बेटी रोहिणी आचार्य मैदान में
लालू यादव की बेटी रोहिणी आचार्य बिहार की सारण सीट से चुनाव मैदान में हैं. रोहिणी अपने पिता लालू को किडनी दान कर चर्चा में आई थीं. आरजेडी ने रोहिणी को लालू की कर्मभूमि रहे सारण से मैदान में उतारा है. सारण सीट से 2009 में लालू यादव जीते थे जबकि 2014 में राबड़ी देवी को यहां हार मिली थी. लालू और राबड़ी के बाद परिवार की तीसरी सदस्य रोहिणी का मुकाबला बीजेपी के राजीव प्रताप रूडी से है.
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बृजभूषण शरण सिंह बचा पाएंगे अपना गढ़?
बाहुबली सांसद बृजभूषण शरण सिंह 2009 से 2019 तक यूपी की कैसरगंज लोकसभा सीट से लगातार संसद पहुंचते रहे हैं. इस बार बीजेपी ने उनकी जगह उनके बेटे करन भूषण सिंह को चुनाव मैदान में उतारा है. WFI के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण पर महिला पहलवानों ने यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए थे. WFI चुनावों के समय भी बृजभूषण विवादों में रहे थे. यही वजह रही की बीजेपी ने उनका टिकट काट उनके बेटे को मैदान में उतारा. बृजभूषण सिंह के सामने अपना गढ़ बचाने की चुनौती है.
हाजीपुर से चिराग पासवान मैदान में
लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के प्रमुख चिराग पासवान हाजीपुर लोकसभा सीट से चुनाव मैदान में हैं. 2019 के चुनाव में अविभाजित लोक जनशक्ति पार्टी के टिकट पर चिराग जमुई सीट से संसद पहुंचे थे. चिराग के पिता रामविलास पासवान की परंपरागत सीट रही हाजीपुर से उनकी मृत्यु के बाद पशुपति पारस संसद पहुंचे थे. LJP के दो धड़े में बंटने के बाद चिराग लगातार हाजीपुर सीट पर दावा कर रहे थे. NDA की सीट शेयरिंग में यह सीट चिराग के हिस्से आई और वह इस सीट से खुद मैदान में हैं.
बारामूला में उमर अब्दुल्ला ठोंक रहे दांव
जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला बारामूला लोकसभा सीट से चुनाव लड़ रहे हैं. जम्मू कश्मीर राज्य पुनर्गठन और अनुच्छेद 370 हटने के बाद हो रहे पहले लोकसभा चुनाव में नेशनल कॉन्फ्रेंस के टिकट पर मैदान में उतरे उमर अब्दुल्ला का मुकाबला पैंथर पार्टी के पीरजादा मुदासिर रशीद शाह और पीडीपी के मीर मोहम्मद फयाज से है. पीपुल्स कॉन्फ्रेंस से सज्जाद गनी लोन उम्मीदवार हैं.
8 राज्यों की 49 सीटों पर हो रहा मतदान
लोकसभा चुनाव के पांचवे चरण में कुल 49 सीटों के लिए मतदान हो रहा है. इसमें सबसे अधिक 14 सीटें उत्तर प्रदेश की है. महाराष्ट्र की 13, पश्चिम बंगाल की 7, बिहार की 5, ओडिशा की 5, झारखंड की 3 और केंद्र शासित जम्मू कश्मीर, लद्दाख की एक-एक सीट के लिए वोट डाले जा रहे है. चुनाव आयोग के मुताबिक इस चरण में मतदान संपन्न कराने के लिए 9 लाख 47 हजार कर्मचारियों को चुनाव ड्यूटी पर तैनात किया गया है. पांचवें चरण में कुल 8 करोड़ 95 लाख से ज्यादा मतदाता 695 उम्मीदवारों की किस्मत का फैसला EVM में कैद करेंगे.
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