सिंधिया के महल को बना देंगे चौपाटी? राज बब्बर के बयान के बीच जयविलास पैलेस की कहानी जानिए

देवराज गौर

जयविलास पैलेस की वेबसाइट के मुताबिक पैलेस को महाराजा जयाजी राव सिंधिया ने 1874 में बनवाया था. ऐसा कहा जाता है कि सिंधिया ने इस महल को 1876 में प्रिंस ऑफ वेल्स के भारत आगमन के दौरान स्वागत के लिए बनाया था.

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जयविलास पैलेस को लेकर कांग्रेस नेता राज बब्बर का बयान आया है.
जयविलास पैलेस को लेकर कांग्रेस नेता राज बब्बर का बयान आया है.
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Jaivilas Palace Gwalior: केंद्रीय उड्डयन मंत्री और ग्वालियर राजघराने के राजा ज्योतिरादित्य सिंधिया को लेकर कांग्रेस नेता राज बब्बर ने ऐसा बयान दिया जो सोशल मीडिया पर वायरल है. राज बब्बर ने कहा कि, ‘हम जैसे कई गरीबों ने महल नहीं देखे हैं.

कांग्रेस सरकार आएगी तो सिंधिया के महल को चौपाटी बनाने का काम किया जाएगा.’ उन्होंने आगे कहा कि महल है तो जनता का ही, ग्वालियर का है ना सब कुछ. फिर ग्वालियर की जनता जब चाहेगी तो वहां पर जायेगी और मजे से चाट खायेगी और वहीं पर दोने फेंक के आएगी, क्योंकि जनता जब तय कर लेती है तो अच्छे से तय कर लेती है.

ज्योतिरादित्य सिंधिया इस समय मध्य प्रदेश से राज्य सभा सांसद हैं. सिंधिया पूर्व कांग्रेस नेता माधवराव सिंधिया के इकलौते बेटे हैं. साल 2001 में एक प्लेन दुर्घटना में माधवराव सिंधिया की असामयिक मौत हो जाने के बाद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने राजनीति में एंट्री ली थी. ज्योतिरादित्य सिंधिया भी पहले कांग्रेस में ही थे, लेकिन, साल 2020 में 22 विधायकों के साथ बीजेपी में शामिल होगए थे. तब मध्य प्रदेश की कांग्रेस सरकार गिर गई थी.

क्या है सिंधिया के महल का इतिहास

सिंधिया के महल का नाम जयविलास पैलेस है. आजादी के समय भारत में करीब 80 पैलेस थे जिनमे सिंधिया पैलेस का भी नाम गिना जाता है.

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जयविलास पैलेस की वेबसाइट के मुताबिक पैलेस को महाराजा जयाजी राव सिंधिया ने 1874 में बनवाया था. इसे पश्चिमी शैली में बनाया गया था. ऐसा कहा जाता है कि सिंधिया ने इस महल को 1876 में प्रिंस ऑफ वेल्स के भारत आगमन के दौरान स्वागत के लिए बनाया था.

इसको बनाने वाले लेफ्टिनेंट कर्नल सर माइकल फिलोज थे. फिलोज ने इसे डॉरिक, टस्कन, कोरिनथियन और पालाडियन स्टाइल में बनाया था. जब इस महल को बनवाया गया था, तब इसकी कीमत करीब 1 करोड़ रुपए आंकी गई थी. 12,40,771 वर्गफुट में फैले इस महल की वर्तमान कीमत करीब 4000 करोड़ रुपए बताई जाती है.

क्या है महल की खासियत

तीन मंजिला महल को अलग अलग थीम के साथ डिजाइन किया गया है. जिसमे पहली मंजिल में टस्कन तो दूसरे फ्लोर में इटालियन डोरिक तो वहीं सबसे आखिरी मंजिल में कोरिंथियन और पल्लाडियन स्टाइल का यूज किया गया है. वहीं महल के कुछ विशेष हिस्सों में खूबसूरती को बढ़ाने के लिए करीब 520 किलो सोने की परत का उपयोग किया गया है. 400 कमरे वाले महल में से 35 कमरों को म्यूजियम के तौर पर उपयोग किया जा रहा है. जिसे देश दुनिया से पर्यटक देखने आते हैं. इस महल में मराठा सिंधिया घराने के इतिहास के साथ साथ मुगल कालीन विशिष्ट वस्तुएं भी देखने को मिलती हैं. इसमें मुगल बादशाह शाहजहां और औरंगजेब की तलवारें भी हैं, जिन्हें ऐतिहासिक धरोहर समझा जाता है.

सिंधिया महल के म्यूजियम को घूमने के लिए भारतीय नागरिकों के लिए 300 रुपए तो वही विदेशी नागरिकों के लिए 850 रुपए किराया रखा गया है. म्यूजियम के खुलने का समय मंगलवार से रविवार सुबह 10 से शाम 6 तक है. सोमवार को मेंटेनेंस के तौर पर म्यूजियम को बंद रखा जाता है. यह सिंधिया परिवार की निजी संपत्ति है. महल की सरंक्षिका ज्योतिरादित्य सिंधिया की पत्नी प्रियदर्शनी राजे सिंधिया हैं

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