दो साल पहले अजमेर में लगे थे 'सिर तन से जुदा' के नारे, अब कोर्ट ने सुनाया ये फैसला
मामला 17 जून 2022 का है, जब अजमेर दरगाह के बाह 'सिर तन से जुदा' के नारे लगाए गए थे.
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अजमेर (Ajmer News) में सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती की दरगाह के बाहर 'गुस्ताखी ए नबी की एक ही सजा सर तन से जुदा सर तन से जुदा' के नारे (Controversial Slogans) लगाने वाले मुख्य आरोपी खादिम गोहार चिश्ती समेत 6 अन्य आरोपियों को अजमेर कोर्ट ने मंगलवार को बरी कर दिया. इस मामले में अहसान उल्लाह फरार है जिसकी गिरफ्तारी होने के बाद उस पर ट्रायल चलेगा.
दरअसल, यह मामला 17 जून 2022 का है जब नुपूर शर्मा (Nupur Sharma) के विवादित बयान के बाद सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती की दरगाह के बाहर मौन जुलुस का आयोजन किया गया था. इस दौरान जब मुस्लिम समाज के लोग दरगाह के निजाम गेट पर एकत्रित हो रहे थे उसी समय गोहार चिश्ती व अन्य लोगों ने विवादित नारा 'सर तन से जुदा' लगाया था.
कन्हैयालाल के हत्यारों ने भी लगाया था यही नारा
दरगाह के बाहर लगे इन नारों के बाद उदयपुर में कन्हैयालाल की हत्या (kanhaiyalal murder case) करने वालों ने भी यही नारा लगाते हुए एक वीडियो बनाया था. पुरे मामले में अजमेर पुलिस ने 25 जून को मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू की थी. लेकिन गौहर चिश्ती अजमेर से भागने में सफल हो गया था. अजमेर पुलिस प्रशासन ने विभिन्न टीमों का गठन करते हुए कार्रवाई शुरू की और गौहर चिश्ती को 14 जुलाई 2022 को हैदराबाद के पिलिखान से गिरफ्तार कर लिया. इसके बाद सभी आरोपियों को अजमेर की हाई सिक्योरिटी जेल में रखा गया था जहा कन्हैयालाल हत्याकांड के मुख्य आरोपी भी बंद हैं.
हाईकोर्ट में की जाएगी अपील: सरकारी वकील
मामले की पैरवी कर रहे सरकारी वकील गुलाम नजमी फारुकी ने बताया कि मजबूत पैरवी के बावजूद कोर्ट ने आज खादिम गौहर चिश्ती, ताजिम सिद्दीकी, फखर जमाली, नासिर, फरयाद हसन और मोईन को बरी कर दिया गया. सभी पर आईपीसी की धारा 302 व 115 के तहत सुनवाई चल रही थी. डिटेल में फैसला सामने आने के बाद हाईकोर्ट में अपील की जाएगी.