बजट में आदिवासियों के लिए बड़ा ऐलान, क्या 2023 के लिए बीजेपी को मिला नया ब्रह्मास्त्र, जानें

नुपूर जारोली

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Rajasthan News: क्या राजस्थान में गहलोत सरकार को घेरने के लिए बीजेपी को बजट के रूप में नया ब्रह्मास्त्र मिल गया है? जी हां, क्योंकि वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट की घोषणा के ऐलान में एक अहम सौगात आदिवासियों को भी दे डाली है. वित्त मंत्री ने ऐलान किया कि सरकार आदिवासियों के विकास के लिए चल रहे एकलव्य मॉडल आवासीय स्कूलों के लिए 38 हजार शिक्षकों की भर्ती करेगी. वित्तमंत्री बताती हैं कि अगले तीन वर्षों में 740 एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालयों के लिए इन शिक्षकों की भर्ती की जाएगी. इससे रोजगार के अवसर बढ़ेंगे. वहीं बच्चों की शिक्षा व्यवस्था भी बेहतर होगी.

गौरतलब है कि राजस्थान में लगभग 40 सीटों पर आदिवासी निर्णायक भूमिका में होते हैं. ऐसा इसलिए क्योंकि बजट को लेकर पूनिया के ट्वीट में आदिवासी, किसान और महिलाएं नजर आईं. सतीश पूनिया ने ट्वीट के जरिए कहा कि जनजातीय समूहों की सामाजिक-आर्थिक स्थिति में सुधार के लिए पीएमपीबीटीजी विकास मिशन शुरू किया जाएगा ताकि पीबीटीजी बस्तियों को मूलभूत सुविधाओं से परिपूर्ण किया जा सके. अगले 3 वर्षों में योजना को लागू करने के लिए 15,000 करोड़ रुपये उपलब्ध कराए जाएंगे.

आम बजट में टैक्स में छूट की घोषणा ने हर किसी का ध्यान खींच लिया. बजट में मध्यम वर्ग ही नहीं बल्कि किसान, आदिवासी और गरीबों के लिए घोषणाएं की गई. किसानों की कर्जमाफी का मुद्दा राजस्थान में कांग्रेस के लिए परेशानी खड़ी करता है. वहीं बीजेपी की केंद्र सरकार ने किसानों को दिए जाने वाले ऋण में बढ़ोतरी की है. आदिवासियों के लिए एकलव्य स्कूल में बढ़ोतरी के साथ अगले 3 साल का लक्ष्य लिया गया. इसके जरिए बीजेपी चुनावी साल में राजस्थान, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश में वोटर पर फोकस कर रही है तो वहीं आदिवासी को साधने का फायदा मोदी को लोकसभा में भी मिलेगा. अब ऐसे में मोदी सरकार की इन घोषणाओं को बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष पूनिया भुनाने की तैयारी कर चुके हैं.

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मात्र 0.5 प्रतिशत वोटों के अंतर से सत्ता में आई थी कांग्रेस
आदिवासियों पर नजर इसलिए क्योंकि राजस्थान में जब कांगेस सत्ता में आई तो कांगेस और बीजेपी के वोट में लगभग 0.5 परसेंट का ही अंतर था. हाल ही में राजेंद्र राठौड़ ने भी विधानसभा में बोला था. महज 0.5 परसेंट वोट के चलते कांगेस सत्ता में आई जिसके बाद सियासी गलियारों में सवाल गूंज रहे हैं कि क्या आदिवासियों और किसानों के जरिए नरेंद्र मोदी कांग्रेस की सत्ता में सेंध लगाएंगे? क्या बजट के जरिए चुनावी साल में आदिवासियों को साधने का मोदी का ये मास्टरस्ट्रोक है?

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आपको बता दें कि 2023 के चुनावी चौसर में 2 बड़े राज्यों राजस्थान, एमपी और लोकसभा चुनाव में गुजरात की सीटों को मिलाकर 99 सीटों पर आदिवासियों का प्रभाव देखने को मिलता है. तो ऐसे में क्या बीजेपी आदिवासियों के जरिए 2023 में होने वाले राजस्थान विधानसभा चुनाव में जीत के लिए निशाना लगा पाएगी? ये देखने वाली बात होगी कि बीजेपी की इस रणनीति का राजस्थान में कितना फायदा मिलता है.

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