झालावाड़ के मोर सिंह ने दिखाया बड़ा दिल, स्कूली बच्चों के लिए दान किया अपना घर, खुद झोपड़ी में रहेंगे!

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Mor Singh Jhalawar: 25 जुलाई 2025 को पीपलोदी गांव के राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय की जर्जर छत अचानक ढह गई. इस हादसे में 7 मासूम बच्चों की जान चली गई और कई घायल हो गए थे.

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Mor Singh Jhalawar: राजस्थान के झालावाड़ जिले के पीपलोदी गांव में एक गरीब किसान मोर सिंह की कहानी आज हर किसी की जुबान पर है. एक कहावत है कि तकलीफ वही समझ सकता है, जिसने इसे खुद झेला हो. मोर सिंह ने न सिर्फ इस कहावत को सच साबित किया बल्कि अपने त्याग और समर्पण से समाज के लिए एक मिसाल कायम की है.

स्कूल हादसे ने बदली जिंदगी

25 जुलाई 2025 को पीपलोदी गांव के राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय की जर्जर छत अचानक ढह गई. इस हादसे में 7 मासूम बच्चों की जान चली गई और कई घायल हो गए थे. इस त्रासदी ने सभी को झकझोर कर रख दिया था. राष्ट्रपति से लेकर प्रधानमंत्री तक ने इस घटना पर दुख जताया था. 

हादसे के बाद स्कूल की बिल्डिंग को पूरी तरह ध्वस्त कर दिया गया है, जिसके कारण बच्चों की पढ़ाई पर संकट खड़ा हो गया. गांव में सवाल गूंजने लगा कि अब बच्चे कहां पढ़ेंगे?

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मोर सिंह का अनोखा बलिदान

ऐसे में गांव के आदिवासी भील समुदाय से ताल्लुक रखने वाले मोर सिंह ने एक ऐसा कदम उठाया, जिसने सबको हैरान कर दिया. मोर सिंह खुद निरक्षर हैं और खेती-बाड़ी कर अपने आठ सदस्यों वाले परिवार का गुजारा करते हैं. उनकी आर्थिक स्थिति कमजोर है लेकिन उनका दिल इतना बड़ा है कि उन्होंने अपने पुश्तैनी पक्के मकान को स्कूल के लिए दान कर दिया. इस मकान में पहले उनका परिवार रहता था लेकिन अब यह बच्चों की पढ़ाई का केंद्र बन चुका है.

मोर सिंह ने शिक्षा विभाग को कहा, "जब तक नया स्कूल भवन नहीं बन जाता, तब तक बच्चे मेरे घर में पढ़ सकते हैं. समय की कोई पाबंदी नहीं है." आज उनके दो कमरों वाले घर में स्कूल की घंटी बजती है.

झोपड़ी में रहने लगा मोर सिंह का परिवार

अपना घर स्कूल को देने के बाद मोर सिंह अपने परिवार के साथ खेत में तिरपाल और लकड़ी से बनी एक छोटी सी झोपड़ी में रहने चले गए. बारिश और गर्मी की मार झेल रहे मोर सिंह के चेहरे पर कोई पछतावा नहीं है. वे कहते हैं, "अगर गांव के बच्चे पढ़-लिखकर आगे बढ़ जाएंगे, तो यही मेरे लिए सबसे बड़ी खुशी होगी." 

सामाजिक बदलाव की मिसाल

मोर सिंह की कहानी सोशल मीडिया और न्यूज पेपर में छाई हुई है. लोग उनके जज्बे को सलाम कर रहे हैं. यह कहानी सिर्फ एक व्यक्ति की नहीं, बल्कि उस सोच की है, जो शिक्षा को सबसे ऊपर मानती है. प्रशासन ने भी पीपलोदी में नए स्कूल भवन के लिए 10 बीघा जमीन आवंटित की है, जिस पर स्कूल का निर्माण होगा. तब तक मोर सिंह का घर बच्चों की पढ़ाई का सहारा बना रहेगा. बता दें, राजस्थान के झालावाड़ में 25 जुलाई को स्कूल की बिल्डिंग गिरने से 7 बच्चों की मौत हो गई थी. छत गिरने से कई बच्चे नीचे दब गए थे. 

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