बाड़मेर में रेलवे स्टेशन पर एयर स्ट्राइक के बाद अफरा-तफरी, कलेक्टर टीना डाबी ने मॉक ड्रिल के दौरान यूं संभाली पूरी स्थिति 

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Barmer Mock Drill: देश भर में मॉक ड्रिल चल रही है. लोगों को हमले के दौरान सावधानी बरतनी की सलाह दी जा रही है. साथ ही लोगों को किस तरह की सावधानी रखनी है. इसके बारे में भी प्रशासन की तरफ से जगह-जगह मॉक ड्रिल के माध्यम से बताया जा रहा है. अलवर में उसे समय लोगों की सांसे थम गई.

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Barmer Mock Drill
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Barmer Mock Drill: भारत ने पहलगाम हमले का बदला लेते हुए पाकिस्तान में 9 ठिकानों पर एयर स्ट्राइक की. इसके बाद पूरे देश में तनावपूर्ण हालात हैं. सेना व पुलिस, प्रशासन व सरकारों की तरफ से पूरी सावधानी बरती जा रही है. ऐसे में अगर युद्ध होता है, तो इस दौरान क्या सावधानी बरतनी हैं. इसको लेकर पूरे देश में मॉक ड्रिल चल रही है. ऐसे में राजस्थान के कई जिलों से मॉक ड्रिल की गई. 

बाड़मेर में भी किस तरह हुई मॉक ड्रिल

बाड़मेर की जिला कलेक्टर टीना डाबी ने बताया शाम 3:58 बजे चार एयर स्ट्राइक की सूचना मिली. इसके बाद, चेतावनी के रूप में पीला सायरन और फिर खतरे का संकेत देने वाला लाल सायरन बजाया गया. विभिन्न आपातकालीन सेवाओं ने तुरंत प्रतिक्रिया दी और घटनास्थल पर पहुंचीं. घायलों को तेजी से अस्पताल पहुंचाने और आग को बुझाने के लिए अभ्यास किया गया. घनी आबादी वाले बाजार क्षेत्र में यातायात को मोड़ने और दुकानों को बंद करने का अभ्यास किया गया.

टीना डाबी ने बताया कि इस मॉक ड्रिल का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना था कि आपातकालीन स्थिति में सभी एजेंसियां तेजी से और प्रभावी ढंग से काम कर सकें. प्रत्येक एजेंसी के प्रतिक्रिया समय और कमियों का आकलन किया जाएगा. इस अभ्यास के बाद एक समीक्षा बैठक आयोजित की जाएगी, जिसमें कमियों को दूर करने के लिए योजना बनाई जाएगी.

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जिला कलेक्टर ने जनता से अपील की कि वे भविष्य में होने वाले ऐसे मॉक ड्रिल में सहयोग करें. उन्होंने बाजार बंद करने और शाम के समय ब्लैकआउट में सहयोग करने का अनुरोध किया. उन्होंने कहा कि इस तरह के अभ्यास से आपातकालीन स्थितियों में बेहतर प्रतिक्रिया देने में मदद मिलेगी.

अलवर में कैसे हुई मॉक ड्रिल  

अलवर में डी मार्ट के बाहर में एयर स्ट्राइक की सूचना पर अफरा तफरी मच गई. घटना में 15 लोग घायल हो गए. घायलों को एंबुलेंस की मदद से तुरंत अस्पताल में भर्ती कराया गया. इस दौरान प्रशासन की टीम लोगों को जागरूक करती हुई भी दिखाई दी. 

अलवर के स्कीम 8 स्थित एक हाई राइजिंग बिल्डिंग के पास डी मार्ट मार्केट में एयर स्ट्राइक की सूचना मिली और पता चला कि 15 लोग घायल हो गए हैं. इस दौरान तुरंत सायरन की आवाज सुनाई दी. सायरन बजते ही पुलिस प्रशासन की टीम डी-मार्ट पहुंची और वहां घायलों को निकालकर स्ट्रेचर की मदद से एंबुलेंस से अस्पताल में भर्ती करवाया साथ ही पुलिस के साथ मौजूद फायर ब्रिगेड कर्मियों ने एयर स्ट्राइक के दौरान लगी आग को बुझाया. लेकिन कुछ घंटे बाद वहां मौजूद लोगों ने उसे समय राहत की सांस ली. जब उनको पता लगा कि यहां मॉक ड्रिल चल रही है. 

मौके पर मौजूद अलवर जिला कलेक्टर अर्पिता शुक्ला ने कहां की मॉक ड्रिल सरकार व प्रशासन के निर्देश पर हुई. 15 मिनट का ब्लैकआउट भी रखा जाएगा. इस दौरान लोगों से खुद ही ब्लैकआउट करने की सलाह दी गई है. प्रशासन की तरफ से विद्युत कटौती नहीं काटी जाएगी. मॉक ड्रिल के दौरान करीब 200 से ज्यादा सिविल डिफेंस एनडीआरफ एसडीआरएफ बिजली निगम पुलिस प्रशासन के अधिकारी कर्मचारी मौजूद रहे. 

तीन जोन में बांटा गया राजस्थान

राजस्थान के 28 शहरों को तीन श्रेणियां में बांटा गया. गृह मंत्रालय के निर्देश अनुसार रावतभाटा चित्तौड़गढ़ न्यूक्लियर प्लांट और यूरेनियम भंडार के कारण व कोटा रावतभाटा से निकटता और सामरिक मेहता के कारण सबसे संवेदनशील क्षेत्र में माना गया. इसके बाद मध्य संवेदनशील क्षेत्र में थल सेना वायु सेवा व अन्य सामरिक महत्व के प्रतिष्ठान जैसे जयपुर, अजमेर, अलवर, भरतपुर, जोधपुर बीकानेर, सूरतगढ़, श्रीगंगानगर, जैसलमेर, उदयपुर, सीकर सहित 18 शहर शामिल है. इसके अलावा कम संवेदनशील श्रेणी की बात करें. तो उसमें फुलेरा, ब्यावर, जालौर, नागौर, पाली सहित आठ शहर शामिल है. 

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