ये हैं भगवान विष्णु के प्रसिद्ध मंदिर जहां दर्शन मात्र से पूरी होती है मुरादें!
भगवान विष्णु के अनेक मंदिर देशभर में स्थापित हैं. इनमें से कुछ मंदिर अपनी भव्यता, प्राचीनता और चमत्कारों के लिए विशेष रूप से प्रसिद्ध हैं. आइए भगवान विष्णु के कुछ प्रमुख मंदिरों के बारे में बताते हैं जहां दर्शन मात्र से मन्नतें पूरी होने की मान्यता है.
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भगवान विष्णु, हिंदू धर्म में त्रिदेवों में से एक, पालनकर्ता और सृष्टि के रक्षक के रूप में पूजे जाते हैं. उनके अनेक भक्त हैं और उनके अनेक मंदिर भी भारत भर में स्थापित हैं. इनमें से कुछ मंदिर अपनी भव्यता, प्राचीनता और चमत्कारों के लिए विशेष रूप से प्रसिद्ध हैं. आइए भगवान विष्णु के कुछ प्रमुख मंदिरों के बारे में बताते हैं जहां दर्शन मात्र से मिन्नतें पूरी होने की मान्यता है.
श्री रंगम मंदिर, आंध्र प्रदेश
यह मंदिर भगवान विष्णु के रंगनाथ स्वरूप को समर्पित है. यह दुनिया का सबसे बड़ा विष्णु मंदिर है और 10वीं शताब्दी का है. यहाँ भगवान विष्णु लेटने की मुद्रा में विशाल मूर्ति में विराजमान हैं. मंदिर परिसर में 22 तीर्थ हैं, जिनमें से श्री रंगम को सबसे पवित्र माना जाता है. मंदिर में कई अन्य मंदिर और मंडप भी हैं, जैसे कि रंगमणि मंडप, रंग विलास मंडप, और नृसिंह मंडप. आप मंदिर परिसर में घूमने के लिए नाव यात्रा भी कर सकते हैं. आपको बता दें, मंदिर साल भर खुला रहता है, लेकिन सुबह जल्दी या शाम को दर्शन करने का सबसे अच्छा समय होता है.
जगन्नाथ मंदिर, ओडिशा
जगन्नाथ मंदिर, ओडिशा के तटीय शहर पुरी में स्थित है. यह भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और उनकी बहन सुभद्रा को समर्पित एक विशाल और भव्य मंदिर परिसर है. 12वीं शताब्दी में निर्मित, यह मंदिर अपनी वार्षिक रथ यात्रा उत्सव और विशिष्ट देव विग्रहों के लिए दुनिया भर में प्रसिद्ध है. इसके ऊंचे शिखर, जटिल नक्काशी और विशाल प्रांगण आगंतुकों को मंत्रमुग्ध कर देते हैं. जगन्नाथ मंदिर का सबसे प्रसिद्ध उत्सव रथ यात्रा है. यह उत्सव हर साल भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा की विशाल रथों में यात्रा के साथ मनाया जाता है. हजारों भक्त उत्सव में भाग लेते हैं और रथों को खींचते हैं. यह मंदिर वैष्णव संप्रदाय के लिए एक महत्वपूर्ण तीर्थस्थान है. साल भर हजारों श्रद्धालु दर्शन के लिए आते हैं.
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बद्रीनाथ मंदिर, उत्तराखंड
उत्तराखंड राज्य के चमोली जिले में स्थित, भगवान विष्णु के बद्रीनाथ स्वरूप को समर्पित एक हिंदू मंदिर है. यह 7वीं-9वीं शताब्दी का मंदिर अलकनंदा नदी के तट पर स्थित है और चार धाम यात्रा का एक महत्वपूर्ण पड़ाव है. बर्फ से ढके पहाड़ों और मनोरम दृश्यों से घिरा, बद्रीनाथ मंदिर अपनी भव्यता, धार्मिक महत्व और प्राकृतिक सुंदरता के लिए जाना जाता है. बद्रीनाथ मंदिर को एक अत्यंत शक्तिशाली और आध्यात्मिक स्थान माना जाता है. ऐसा माना जाता है कि यहां दर्शन करने से मोक्ष प्राप्त होता है. बद्रीनाथ मंदिर केवल अप्रैल से जून और सितंबर से नवंबर के बीच खुला रहता है. आप इस दौरान बद्रीनाथ की यात्रा कर सकते हैं.
त्रिवेंद्रम मंदिर, केरल
त्रिवेंद्रम मंदिर, जिसे अब पदमनाभस्वामी मंदिर के नाम से जाना जाता है, भारत के केरल राज्य की राजधानी तिरुवनंतपुरम में स्थित है. यह भगवान विष्णु के अनंतपद्मनाभ स्वरूप को समर्पित एक प्राचीन और भव्य हिंदू मंदिर है. 8वीं शताब्दी का माना जाने वाला यह मंदिर, केरल और द्रविड़ वास्तु शैली का एक अद्भुत उदाहरण है, और इसे दुनिया के सबसे धनी मंदिरों में से एक माना जाता है. बता दें, मंदिर में फोटोग्राफी की अनुमति नहीं है. मंदिर के पास ही तिरुवनंतपुरम का प्रसिद्ध पुरातात्विक संग्रहालय है, जहाँ आप केरल के इतिहास और संस्कृति के बारे में अधिक जान सकते हैं.