'सीटी की आवाज आई, फिर ब्लास्ट...सबकुछ खत्म हो गया', स्थानीय व्यापारी भूपेंद्र ने सुनाई धराली हादसे की आंखों देखी

न्यूज तक

उत्तरकाशी के धराली गांव में खीर गंगा नदी में आए सैलाब ने इलाके में सबकुछ तहस नहस कर दिया है. इस बीच अब एक स्थानीय चश्मदीद ने कैमरे पर आपबीती सुनाई है. वे इस घटना के दौरान वहीं पर मौजूद थे.

ADVERTISEMENT

उत्तरकाशी में बादल फटने के बाद तबाही जैसे हालात (Photo: ITG)
चश्मदीद ने सुनाई आपबीती (Photo: ITG)
social share
google news

उत्तरकाशी (Uttarkashi) के धराली गांव में बादल फटने के बाद से वहां फंसे लोगाें को रेस्क्यू किया जा रहा है. हादसे के बाद से इलाके की सड़क मार्ग से कनेक्टिविटी टूट चुकी है. ऐसे में बचाव दल हेलीकाप्टर के जरिए लोगों को निकाल रहा है. अब तक रेस्क्यू ऑपरेशन में 274 लोगों को सुरक्षित स्थानाें पर पहुंचाया जा चुका है.

वहीं, इस हादसे ने स्थानीय लोगों के दुकाने और होटल पूरी तरह से तबाह हो चुके हैं. इस बीच एक स्थानीय कारोबारी ने भूपेंद्र 'आज तक' से बात करते हुए घटना के दिन की आंखों देखी साझा की है. भूपेंद्र का कहना है कि घटना से एक मिनट पहले तक वो वही पुल पर खड़े होकर बात कर रहे थे. 

कुछ ही सेकंड में सब कुछ खत्म हो गया

भूपेंद्र ने बताया कि हाइदे वाले दिन मौसम सामान्य था और हल्की बारिश हो रही थी. लेकिन अचानक कुछ ही सेकंड में हालात भयावह हो गए. लोगों को संभालने तक का मौका तक नहीं मिला. उन्होंने कहा कि 2013 की आपदा में भी उन्होंने ऐसा मंजर देखा था, लेकिन उस समय लोगों को संभलने और सुरक्षित जगहों पर जाने का समय मिल गया था. इस बार ऐसा मौका नहीं मिला. भूपेंद्र बताते है कि 

यह भी पढ़ें...

"उस मैं बिल्कुल बीच मार्केट में खड़ा था और जैसे सिटी की आवाज सुनी तो हम लोग दौड़े पड़े. इसके बाद फिर अचानक से एक ब्लास्ट हुआ और इस बीच वे मार्केट सेंटर से उत्तरकाशी की तरफ दाैड़ पड़े."

हादसे से कुछ मिनट पहले ही पुल पर थे खड़े

भूपेंद्र ने बताया कि इस घटना से ठीक एक मिनट पहले वो पुल के ऊपर खड़े होकर अपनी पत्नी से बात कर रहे थे. उन्होंने अपनी पत्नी से कहा था कि नदी में आज पानी ज्यादा आ रहा. लेकिन पत्नी ने कहा कि उन्हें कुछ सुनाई नहीं दे रहा है. वे कहते है कि  इसके कुछ उन्होंने एक बकरी वाले को भी ऊपर से आते हुए देखा था और उसे भी पानी बढ़ने की बात कही. इस पर बकरी वाले ने कहा ऐसा कुछ नहीं है. बतौर इसके एक मिनट बाद ही भूपेंद्र सीटी की आवाज आई फिर ब्लास्ट हुआ. इसके बाद सब कुछ खत्म हो गया.

यहां देखें वीडियो

रोजगार का जरिया पूरी तरह नष्ट

भूपेंद्र के कहा कि उनके गांव ने अधिकतकर लोग होटल और गेस्ट हाउस चलाते हैं. इस हादसे के बाद से उनके रोजगार खत्म कर चुके हैं. उन्होंने कहा कि अब उनके पास कुछ भी नहीं बचा है. बतौर भूपेंद्र इस हादसे में उनका खुद की कॉटेज भी पूरी तरह से मलबे में दब गया है. भूपेंद्र ने बताया कि कुछ लोग इस लिए भी बच गए क्योंकि बाढ़ का बहाव थोड़ा बंटा हुआ था. वे कहते हैं कि अगर बाढ़ का पानी सीधा गांव की तरफ आता तो मरने वालों की संख्या और भी बढ़ सकती थी.

(रिपोर्ट- ओंकार बहुगुणा)

ये भी पढ़ें: Flash Flood: उत्तरकाशी में तबाही मचाने वाला रहा है Flash Flood क्या होता है? जानें कैसे ये सामान्य बाढ़ से होता है अलग

 

    follow on google news