बिहार में बिजली खपत का रिकॉर्ड, अब गांव-गांव में दिख रही आधुनिक जिंदगी
20 साल में बिहार की प्रति व्यक्ति बिजली खपत 75 यूनिट से बढ़कर 363 यूनिट हुई. गांव-गांव तक बिजली पहुंचने से जीवन स्तर और सम्पन्नता में बदलाव.
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बिहार में बिजली की खपत में आई तेज बढ़ोतरी अब सिर्फ आंकड़ों की कहानी नहीं, बल्कि बदलते जीवनस्तर और आर्थिक सम्पन्नता की तस्वीर भी है. 20 साल पहले जहां एक व्यक्ति औसतन सालाना 75 यूनिट बिजली खर्च करता था, आज यह बढ़कर 363 यूनिट हो गया है. यह आंकड़ा इस बात का प्रमाण है कि राज्य में लोगों की आय और खर्च करने की क्षमता दोनों में जबरदस्त इजाफा हुआ है. आइए जानते हैं कैसे ये बिहार की संपन्नता का प्रमाण है.
इस जीवन स्तर पर होता था 75 यूनिट प्रति का व्यक्ति खर्च
एक आंकड़े की मानें तो बिहार का एक आम परिवार आमतौर पर दो से तीन बल्ब और दो पंखे का उपयोग किया करता था. तब बिहार में आम तौर पर कूलर, फ्रिज, ऐसी विलासिता मानी जाती थी. ये दौर 2005 से पहले का था. तब गिने चुने घरों में ही टीवी, वाशिंग मशीन और दूसरे होम अप्लाइंसेज (घरेलू उपकरण) हुआ करते थे. उस पर से बिजली की कटौती, जिसका नतीजा था कि बिहार में प्रति व्यक्ति बिजली का खर्च 75 यूनिट हुआ करता था.
घरों में बढ़े बिजली से चलने वाले आधुनिक उपकरण
2005 तक बिहार के अधिकांश घरों की बिजली खपत का यही पैटर्न था. लेकिन आज खपत पांच गुना बढ़ गई है, जो 363 यूनिट प्रति व्यक्ति पहुंच चुकी है. ये इस बात का संकेत है कि अब सामान्य बिहारी परिवारों घरों में सिर्फ रोशनी और पंखा ही नहीं, बल्कि टीवी, फ्रिज, वॉशिंग मशीन, कूलर, गीजर, माइक्रोवेव और एयरकंडीशन जैसे अन्य उपकरण भी हैं, जिसके लिए बिजली की जरूरत होती है.
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यानी 20 सालों में बिहार के लोगों के जीवन स्तर में सुधार आया है. ये बिहार की संपन्नता और यहां के लोगों लीविंग स्टैंडर्ड में आए सुधार का भी प्रमाण है.
गांव में भी बदला जीवनस्तर
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गांव के लोगों के जीवन स्तर में सुधार के लिए कई योजनाएं चलाईं. ‘हर घर बिजली’ योजना और व्यापक विद्युतीकरण के जरिए गांव के हर घर तक बिजली पहुंचाई गई. नतीजतन ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के जीवन में सुधार आया. ये अलग बात थी कि पहले बिजली की उपलब्धता कम थी, लेकिन जैसे-जैसे उपलब्धता बढ़ी गांव के लोगों के जीवन स्तर में व्यापक सुधार आया.
आज बिहार के गांवों में 22 से 23 घंटे की बिजली सप्लाई मिल हो रही है. जिसका नतीजा ये है गांवों में बिजली से चलने वाले घर के आधुनिक उपकरणों का चलन बढ़ा है. अब गांव में शहर जैसी जीवनशैली देखने को मिल रही है जो बडे़ बदलाव का प्रतीक है.
सीएम नीतीश कुमार का विजन
बिहार में बिजली क्षेत्र में 20 साल में अभूतपूर्व क्रांति आई है. अब राज्य में न सिर्फ पर्याप्त बिजली सप्लाई हो रही है बल्कि 125 यूनिट तक मुफ्त बिजली देकर उपभोक्ताओं को राहत भी दे रहा है. इसके अलावा आने वाले पांच सालों में बिहार ने अक्षय ऊर्जा उत्पादन के क्षेत्र में भी काम करने फैसला ले लिया है.
यानी आने वाले दिनों में बिजली और सस्ती होगी और उपलब्धता भी पर्याप्त होगी. बताते चलें कि सीएम नीतीश कुमार का विजन ये कि आने वाले दिनों में बिहार बिजली का केवल उपभोक्ता नहीं रहेगा बल्कि सप्लायर बन कर खड़ा होगा.