वोट चोरी और SIR विवाद पर EC की सफाई कितनी असरदार? वोट वाइब के सर्वे में सामने आई जनता की चौंकाने वाली राय

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चुनाव आयोग ने हाल ही में वोट चाेरी और SIR के आरोपों का जवाब देते हुए एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी. अब आयोग के इस प्रेस कॉन्फ्रेंस को लेकर वोट वाइब की ओर एक सर्वे में कराया गया है. इसमें आयोग के जवाबों को लेकर लोगों से कई सवाल पूछे गए हैं. इस दौरान उनकी मिली-जुली प्रतिक्रिया सामने आई है.

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वोट वाइब के सर्वे में सामने आई जनता की चौंकाने वाली राय
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भारतीय चुनाव आयोग (ECI) ने हाल ही में बिहार में SIR और 'वोट चोरी' के आरोपों को लेकर एक प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की थी. इस दौरान मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने विपक्ष के आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया. अब ECI की इस प्रेस कॉन्फ्रेंस को लेकर जनता की राय जानने के लिए वोट वाइब ने एक सर्वे किया.

इस सर्वे में 1000 से अधिक लोगों की राय ली गई. सर्वे बिहार रैंडम डिजिट डायलिंग (RDD) मेथड का इस्तेमाल किया गया. इस सर्वे में चुनाव आयोग की प्रेस कॉन्फ्रेंस को लेकर लोगों की मिली-जुली प्रतिक्रियाएं सामने आई हैं.

34% लोगों ने आरोपों को किया खारिज

इस सर्वे में 34% लोगों ने राय व्यक्त करते हुए कहा कि विपक्ष के द्वारा लगाए गए वोट चोरी और विशेष पुनरीक्षण (SIR) के सभी आरोपों को पूरी तरह से खारिज कर दिया. इस आंकड़ा पता चलता है कि जनता का एक बड़ा हिस्सा चुनाव आयोग के स्पष्टीकरण से संतुष्ट है.

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28% लोगों ने आयोग को विफल माना

वहीं, सर्वे में 28% लोगों ऐसे भी थे जिनका मानना है कि चुनाव आयोग अपने ऊपर लगने वाले आरोपों का जवाब देने में विफल रहा. इससे मालूम होता है कि कि जनता का एक महत्वपूर्ण हिस्सा अभी भी आयोग के जवाबों से पूरी तरह से संतुष्ट नहीं है.

20% लोगाें ने कहा कह नहीं सकते

सर्वे में 18% लोगों का कहना है कि आयोग ने कुछ सवालों के जवाब तो दिए लेकिन कुछ सवाल अभी भी बाकी हैं. इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि कुछ लोग चुनाव आयोग के जवाबों से अभी पूरी तरह से संतुष्ट नहीं हैं और आगे स्पष्टीकरण की उम्मीद रखते हैं. इसके अलावा, 20% लोग ऐसे भी थे जिन्होंने इस विषय पर कोई भी राय देने से इनकार कर दिया और कहा कि वे कुछ नहीं कह सकते.

चुनाव आयोग ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में क्या कहा

भारतीय चुनाव आयोग (ECI) ने हाल ही में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा थी कि उस पर लगाए जा रहे ‘वोट चोरी’ जैसे झूठे आरोपों से न तो आयोग डरता है और न ही मतदाता. इस दौरान आयोग ने लोगों से अपील की कि वे संविधान में मिले अधिकार का इस्तेमाल करे और वोट जरूर करें. इसके साथ ही ECI कहा कि पोलिटिकल पार्टियों का रजिस्ट्रेशन चुनाव आयोग ही करता है. ऐसे में उसकी नजर में न कोई पक्ष है, न विपक्ष है, सभी समकक्ष हैं.

वोटर लिस्ट में गड़बड़ी को लेकर विपक्ष के आरोपों पर आयोग ने सख्त रुख अपनाते हुए जानकारी दी कि अब तक 28,370 मतदाता अपने दावे और आपत्तियां दर्ज करा चुके हैं. इसके लिए समयसीमा 1 अगस्त से 1 सितंबर तक तय की गई है.

SIR का विपक्ष कर रहा है विराेध

बिहार विधानसभा चुनाव से कुछ महीने पहले चुनाव आयोग ने मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) की शुरुआत की है.  इसे लेकर विपक्षी दल  कड़ा विरोध कर रहे हैं. इस मुद्दे ने संसद के मानसून सत्र में खूब हंगामा मचाया और बात सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गई है.

चुनाव आयोग का दावा है कि SIR का उद्देश्य केवल ये सुनिश्चित करना है कि हर योग्य नागरिक का नाम वोटर लिस्ट में शामिल हो और अपात्र या संदिग्ध नाम हटाए जाएं. वहीं, विपक्ष का आरोप है कि इस प्रक्रिया से दस्तावेजों की कमी के चलते लाखों पात्र वोटर उनके वोटिंग अधिकार से वंचित वंचित हो सकते हैं. 

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