खान सर ने शादी करने से पहले माता-पिता के सामने रखी थी ये गजब की शर्त! जानकर हर कोई चौंक रहा

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Khan Sir Marriage: मशहूर शिक्षक खान सर ने शादी कर ली है लेकिन उनकी शादी की कहानी बेहद फिल्मी है. भारत-पाकिस्तान तनाव के बीच, बिना मेहमानों के और एक खास शर्त पर हुए इस विवाह ने सबको हैरान कर दिया.

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Khan Sir Marriage: अपने पढ़ाने के खास अंदाज और बेबाक बोल के लिए मशहूर खान सर इन दिनों फिर सुर्खियों में हैं. लेकिन इस बार वजह कोई क्लास नहीं, बल्कि उनकी शादी है. जब उनकी शादी की खबर सामने आई, तो सोशल मीडिया पर हलचल मच गई. हर कोई जानना चाहता था कि आखिर खान सर की दुल्हनिया कौन है. पर अब जो बात सबसे ज्यादा चर्चा में है, वो है कि उन्होंने यह शादी एक खास शर्त पर की.

क्लास में खोला शादी का राज़

खान सर ने अपनी शादी का खुलासा भी अपने ही अंदाज में किया. अपनी क्लास के दौरान जब उन्होंने कहा, "मैंने आपको एक बात नहीं बताई, जब भारत-पाकिस्तान के बीच युद्ध जैसा चल रहा था, उसी समय मेरी शादी हुई," तो पूरी क्लास खुशी से झूम उठी. छात्रों की तालियों और शोर के बीच खान सर के लिए अपनी बात पूरी करना मुश्किल हो गया. इसके बाद उन्होंने अपनी शादी की ऐसी कहानी सुनाई, जिसने सबको भावुक भी किया और मुस्कुराने पर भी मजबूर कर दिया.

भारत-पाक तनाव के बीच हुआ विवाह

खान सर ने बताया कि उनकी शादी मई की शुरुआत में हुई थी, लेकिन उन्होंने इसे जानबूझकर गुप्त रखा. इसकी वजह थी उस समय भारत और पाकिस्तान के बीच चल रहा सैन्य तनाव. उनका कहना था कि ऐसा लग रहा था कि कभी भी युद्ध छिड़ सकता है. ऐसे माहौल में धूमधाम से शादी करना उन्हें ठीक नहीं लगा. देश की हालत देखकर वे खुद सोच में थे कि शादी करें या नहीं.

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सैनिकों के साथ खड़े होने की थी ख्वाहिश

खान सर ने बताया कि जब देश की सीमाओं पर तनाव चरम पर था, तो उनका मन कर रहा था कि शादी टालकर सीमा पर जाकर सैनिकों की मदद करें. उन्होंने कहा, "मैं सोच रहा था कि शादी रद्द कर दूं और बॉर्डर पर जाकर किसी तरह देश के जवानों के साथ खड़ा हो जाऊं." लेकिन उनके माता-पिता ने शादी की सारी तैयारियां कर ली थीं और वे बहुत दुखी थे. वे उन्हें दुख नहीं देना चाहते थे.

शर्त: शादी होगी पर कोई निमंत्रण नहीं

हालात और माता-पिता की भावनाओं को समझते हुए आखिरकार उन्होंने शादी के लिए हां कर दी, लेकिन एक शर्त रखी - किसी को भी शादी में नहीं बुलाया जाएगा. खान सर बताते हैं, "मैंने पाकिस्तानियों को उनके अचानक हमले के लिए कोसा और शादी के लिए तैयार हुआ, लेकिन यह तय किया कि इस शादी में कोई समारोह नहीं होगा."

"मेरी पहचान मेरे छात्रों से है"

शादी में किसी को भी निमंत्रण न देने के पीछे खान सर की सोच ने सबका दिल जीत लिया. उन्होंने कहा, "मेरी पहचान मेरे छात्रों से है. अगर कोई समारोह होता और उसमें मेरे छात्र शामिल नहीं होते, तो ऐसा समारोह मेरे लिए अधूरा होता. मैं नहीं चाहता था कि ऐसा कोई आयोजन हो जहां वो न हों."

6 जून को होगी दावत 

अब जब हालात सामान्य हो गए हैं और भारत-पाक तनाव भी शांत है, तो खान सर ने अपने छात्रों से दावत का वादा किया है. उन्होंने कहा, "अब जबकि युद्ध जैसी कोई बात नहीं रही, तो मैं आप सभी को दावत देने का वादा करता हूं, जो कि 6 जून को होगी."
 

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