नीतीश कैबिनेट में जदयू और बीजेपी के इन 10 नेताओं को मिल सकती है जगह, प्लान तैयार!
Nitish cabinet expansion: बिहार में नीतीश कुमार कैबिनेट के विस्तार को लेकर बड़ा सियासी अपडेट सामने आया है. जनवरी 2026 में मंत्रिमंडल विस्तार की तैयारी लगभग पूरी मानी जा रही है, जिसमें जदयू के 6 और बीजेपी के 4 नए नेताओं को मंत्री पद मिल सकता है. जानिए किन 10 नेताओं को मिल सकती है जगह और क्यों अभी हो रहा है विस्तार.

बिहार में चुनाव के बाद भी सियासी गलियारों में हलचल थमने का नाम नहीं ले रही है. नया साल आने से पहले मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर एक बार फिर सियासी पारा गर्म हो गया है. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, साल 2026 के पहले महीने जनवरी में एक बार फिर मंत्रिमंडल का विस्तार होगा, जिसमें इस बार नए चेहरों को मौका मिल सकता है. इन चर्चाओं को हवा तब मिली जब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार दिल्ली दौरे पर गए और वहां उन्होंने पीएम मोदी और अमित शाह से मुलाकात की थी. माना जा रहा है कि खरमास के बाद अब पूरी तरह से मंत्रिमंडल का विस्तार हो जाएगा और खाली पड़े 10 पद(4 बीजेपी और 6 जदयू) को मंत्रियों के बीच बांट दिया जाएगा. अब सवाल है कि अभी ही क्यों हो रहा है ये विस्तार और किन-किन मंत्रियों को मौका मिल सकता है? तो आइए विस्तार से जानते है पूरी बात.
6 जदयू और 4 बीजेपी नेताओं को मिलेगा मौका
मौजूदा नीतीश सरकार की बात करें तो इस सरकार में 26 मंत्री है. नियमों के मुताबिक राज्य में मुख्यमंत्री समेत अधिकतम 36 मंत्री बनाए जा सकते हैं यानी कुल 10 पद अभी भी खाली है. एनडीए में मंत्रिपरिषद के लिए तय किए गए फॉर्मूले की बात करें तो बीजेपी के हिस्से में 17, जदयू के हिस्से में 15(मुख्यमंत्री के साथ), एलजेपी के हिस्से में 2 और आरएलएम-हम के हिस्से में 1-1 पद की बात तय हुई थी.
नई सरकार के शपथ ग्रहण के बाद नीतीश कुमार की पहली कैबिनेट में 26 मंत्री बनाए गए, जिसमें सबसे ज्यादा भाजपा के 14 नेता मंत्री बने. लेकिन बीते कुछ दिनों पहले नितीन नवीन ने इस पद से इस्तीफा दे दिया. यानी भाजपा के कुल 13 मंत्री है. वहीं जदयू के 9 नेता, एलजेपी के 2 और आरएलएम-हम से 1-1 नेता मंत्री बनाए गए है. अब नए विस्तार में बीजेपी के 4 और जदयू के 6 नेता मंत्री बनेंगे.
यह भी पढ़ें...
नए मंत्रिमंडल को कैसे बांटा जाएगा?
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक नए मंत्रिमंडल का विस्तार जो होगा उसमें जातिगत, सामाजिक और राजनीतिक बैलेंस का खास ध्यान रखा जाएगा. आपको बता दें कि जब टिकट का भी बंटवारा हुआ था तब जदयू और बीजेपी दोनों ने ही इन्हीं समीकरणों के आधार पर टिकट बांटा था. इसी के आधार पर जदयू अपने 6 सीटों पर कुशवाहा और अन्य पिछड़ा वर्ग को जगह दे सकती है जिससे की आने वाले दिनों में उन्हें फायदा मिलें. वहीं बीजेपी भी हर समीकरण को समझते हुए ही इस बार आगे बढ़ने के मूड में है.
जदयू के किसे बनाया जा सकता है मंत्री?
सूत्रों की मानें तो इस बार जदयू प्रयोग करने के मूड में है, इसलिए वह नए चेहरों के साथ-साथ पुराने चेहरों का पूरा मिश्रण रखेगी.
1.उमेश सिंह कुशवाहा: नीतीश कैबिनेट के इस नए विस्तार में जदयू की ओर से उमेश सिंह कुशवाहा को मौका मिल सकता है. उमेश जदयू के लिए नया चेहरा है और कुशवाहा समाज से आते है. इनकी दावेदारी सबसे ज्यादा मजबूत मानी जाती है और विधानसभा चुनाव में उन्होंने राजद उम्मीदवार को 38558 वोटों से हराया था.
2. महेश्वर हजारी: जदयू की ओर से बनने वाले मंत्री में दूसरा नाम महेश्वर हजारी का आ रहा है. महेश्वर हजारी भी आज तक नीतीश सरकार में मंत्री नहीं है. उन्होंने इस चुनाव में सीपीआई एमएल उम्मीदवार को 38586 वोटों से चुनाव हराया था. फिलहाल वे समस्तीपुर जिले के कल्याणपुर सीट से विधायक है.
3. शालिनी मिश्रा: लगातार दूसरी बार विधायक बनीं शालिनी मिश्रा का भी नाम सामने आ रहा है. मोतिहारी जिले के केसरिया विधानसभा सीट से विधायक चुनी गईं शालिनी ने वीआईपी उम्मीदवार को 16340 वोटों से इस चुनाव में हराया था. शालिनी एक राजनीतिक परिवार से आती है और उनके परिवार की क्षेत्र में मजबूत पकड़ भी है.
4. नचिकेता: इस लिस्ट में नचिकेता का भी नाम सामने आ रहा है. कहा जाता है कि नचिकेता ललन सिंह के काफी करीबी है और दोनों में संबंध काफी अच्छे है. इस चुनाव में भी उन्होंने बेहतर प्रदर्शन किया और IIP उम्मीदवार को 36228 वोटों से हरा दिया.
5. रत्नेश सदा: नीतीश कुमार अपनी कैबिनेट में नए चेहरों के साथ कुछ पुराने चेहरे भी जोड़ सकते है. ऐसे में रत्नेश सदा का नाम सबसे पहले आ रहा है. रत्नेश सहा सोनवर्षा सीट से लगातार चौथी बार चुनाव जीते है और विधायक बने. वे पहले उत्पाद, मद्य निषेध एवं निबंधन मंत्री रह चुके है. कहा जा रहा कि इस कैबिनेट में भी उन्हें मंत्री पद मिल सकता है.
6. जयंत राज: रत्नेश के अलावा जदयू जयंत राज को भी फिर से मंत्री बना सकती है. जयंत 2020 में पहली बार विधायक बने थे और उन्हें भवन निर्माण विभाग दिया गया था. इस चुनाव में जयंत ने कांग्रेस उम्मीदवार को 33221 वोटों से चुनाव हराया था.
बीजेपी के किस विधायक को बनाया जा सकता है मंत्री?
1. संजय मयूख: भाजपा की ओर से सबसे पहला नाम संजय मयूख का आ रहा है. कहा जा रहा कि नितिन नवीन के जाने की वजह से जो मंत्री पद की खाली हुआ है, वहीं संजय को दिया जाएगा. संजय कायस्थ समाज से आते है और वे भाजपा शीर्ष नेतृत्व के काफी करीबी है. संजय का क्षेत्र में भी काफी मजबूत पकड़ है.
2. संजीव चौरसिया: इस लिस्ट में दूसरा नाम संजीव चौरसिया का आ रहा है, जिन्होंने चुनाव में दिवंगत एक्टर सुशांत सिंह राजपूत की ममेरी बहन दिव्या गौतम को हराया था. आपको बता दें कि दिव्या गौतम के लिए खुद राजद सुप्रीमो लालू यादव ने रोड शो किया था, लेकिन फिर भी संजीव सीट निकाल ले गए. संजीव के पिता भी भाजपा के बड़े नेताओं में से एक है.
3. नीरज कुमार बबलू: 2005 से लगातार चुनाव जीतने वाले नीरज कुमार बबलू भी मंत्री बनने की रेस में शामिल है. भले ही उन्होंने जदयू से अपना राजनीतिक सफर शुरू किया हो लेकिन अब वह भाजपा के भरोसेमंद नेताओं में गिने जाते है. नीरज ने पहले भी कई मंत्रालय संभाला है और कहा जा रहा कि वे एक बार मंत्री बन सकते है.
4. नीतीश मिश्रा: बिहार भाजपा के अंदर नीतीश मिश्रा शीर्ष नेतृत्व के काफी करीबी माने जाते है. कहा जा रहा कि उन्हें ब्राह्मण कोटे से मंत्री बनाए जा सकता है. साथ ही इस चुनाव में नीतीश मिश्रा ने भाजपा की ओर से तीसरी सबसे बड़ी जीत (54849 वोट) हासिल की है.
क्यों हो रहा है ये विस्तार?
अब एक सवाल आता है कि यह विस्तार अभी क्यों हो रहा है? तो असल में नई सरकार में गठन के बाद विभागों को बंटवारा हुआ, जिसमें कई नेताओं पर अतिरिक्त प्रभार दे दिया गया है. जैसे बीजेपी के विजय सिंह, मंगल पाण्डेय और अरुण शंकर प्रसाद के पास दो-दो विभाग है. वहीं जदयू में बिजेंद्र यादव के पास 5 विभाग, विजय चौधरी के पास 4 और श्रवण कुमार-सुनील कुमार के पास दो-दो विभाग है. कहा जा रहा है कि इन अतिरिक्त प्रभार की वजह से सही से काम नहीं हो पा रहे. नए मंत्रिमंडल के विस्तार के साथ ही नए मंत्रियों को कुछ-कुछ विभाग सौंप दिए जाएंगे और फिर इन मंत्रियों का भार कम हो जाएगा.
यह खबर भी पढ़ें: भोजपुरी इंडस्ट्री में छिड़ी 'रंगबाज' की जंग, पवन सिंह और खेसारी लाल यादव के बाद अक्षरा सिंह का तगड़ा पलटवार










