जदयू के 6 और बीजेपी के 4 चेहरे नीतीश कैबिनेट में हो सकते हैं शामिल, खरमास के बाद होगा मंत्रिमंडल का विस्तार!

Nitish Cabinet Expansion: खरमास के बाद जनवरी में नीतीश कुमार मंत्रिमंडल का विस्तार संभव है. जदयू के 6 और बीजेपी के 4 मंत्री पद फिलहाल खाली हैं, जिन पर नए चेहरों को मौका मिल सकता है. सूत्रों के अनुसार जातिगत और राजनीतिक संतुलन के साथ विभागों का बंटवारा होने की बात कही जा रही है.

Nitish cabinet expansion
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बिहार की सियासी गलियारों में नया साल आते-आते एक नई चर्चा ने जन्म ले लिया है, जिससे की हलचल तेज हो गई है. हालांकि यह चर्चा किसी खेला या फेरबदल को लेकर नहीं बल्कि मंत्रिपरिषद विस्तार को लेकर हो रही है. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, नए साल के पहले महीने यानी जनवरी में खरमास बाद यह विस्तार किया जा सकता है. हाल ही में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार दिल्ली दौरे पर आए थे, जहां उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से भी मुलाकात की थी. इन मुलाकातों ने मंत्रिपरिषद के विस्तार को नई हवा दे दी है. 

कितने मंत्री पद है खाली?

मौजूदा वक्त की बात करें तो नीतीश मंत्रिपरिषद में कुल 10 पद खाली है और इन्हीं सीटों को लेकर खूब चर्चा हो रही है. बिहार में मुख्यमंत्री समेत अधिकतम 36 मंत्री बनाए जा सकते है. अब एनडीए के अंदर बंटवारे के फॉर्मूला की बात करें तो बीजेपी के हिस्से में 17, जदयू के हिस्से में 15(मुख्यमंत्री सहित), एलजेपी के हिस्से में दो और हम-आरएलएम को एक-एक सीटें तय हुई थी. इस लिहाजे से अब तक हुए बंटवारे में बीजेपी के 4 और जदयू के 6 पद खाली है.

अब किस वर्ग को मिल सकती है जगह?

सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, जनवरी के महीने में हो सकते मंत्रिमंडल विस्तार में जातिगत, सामाजिक और राजनीतिक संतुलन को खास ध्यान में रखा जाएगा. जदयू के पास जो 6 पद खाली है उन पर कुशवाहा और अति पिछड़ा वर्ग से आने वाले नेताओं को मंत्री बनाया जा सकता है. इसके पीछे की वजह आने वाली राजनीतिक चुनौतियों और सामाजिक समीकरणों को मजबूत करना बताया जा रहा है.

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मंत्रियों का भार होगा काम

दरअसल पहले हुए मंत्रिमंडल विस्तार में एक ही नेता को कई विभागों की जिम्मेदारी दे दी गई थी, जिससे की उनपर अतिरिक्त प्रभार आ गया था. जदयू के बिजेंद्र प्रसाद यादव के पास पांच विभाग, विजय चौधरी के पास चार 4 विभाग और श्रवण कुमार-सुनील कुमार के पास दो-दो विभाग है. इसी तरह भाजपा कोटे से मंत्री बनाए गए विजय सिंह, मंगल पांडेय और अरुण शंकर प्रसाद के पास भी दो-दो विभाग है. माना जा रहा है कि अगर जनवरी में विस्तार हो जाता है तो नए मंत्रियों को कुछ विभाग सौंप दिए जाएंगे, जिससे की इन मंत्रियों का कार्यभार पहले के मुताबिक कम हो जाएगा.

सूत्र यह भी बता रहे हैं कि इस विस्तार में जदयू के पास नए चेहरों को मौका देने की पर्याप्त गुंजाइश है. पार्टी संगठन और सरकार के बीच समन्वय बनाने के लिए भी कुछ ऐसे नेताओं को आगे ला सकती है, जो अब तक सत्ता से दूर ही रहे है.

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