प्रशांत किशोर का ऐलान, जेल से जारी रहेगा अनशन, थप्पड़ कांड पर किया बड़ा खुलासा

माहिरा गौहर

आज सुबह 4 बजे के आसपास प्रशांत किशोर को गांधी मैदान से गिरफ्तार करने के बाद पुलिस उन्हें पटना के एम्स ले गई. पटना एम्स में पीके का मेडिकल कराया गया. इसके बाद पुलिस पीके को लेकर सिविल कोर्ट पहुंची.

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तस्वीर: बिहार तक.
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जनसुराज के सूत्रधार प्रशांत किशोर चार दिनों से  BPSC अभ्यर्थियों के साथ आमरण अनशन पर बैठे थे. पीके गांधी मैदान में गांधी मूर्ति के समक्ष  BPSC Re Exam को लेकर आयोग के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं. सोमवार सुबह साढ़े तीन बजे पुलिस ने प्रशांत किशोर को धरना स्थल से जबरन हटाया और एंबुलेंस से एम्स ले गई. इसके बाद पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया. प्रशांत किशोर को गिरफ्तार करते के साथ ही पुलिस ने गांधी मैदान को भी खाली करा दिया है. इस दौरान पुलिस और प्रदर्शन कर रहे अभ्यर्थियों के बीच ठन गई. झड़प के दौरान पुलिस थप्पड़ मारती दिखी. पहले दावा किया गया की पुलिस ने पीके को थप्पड़ मारा है, लेकिन बाद में पीके ने खुद कहा कि उन्हें पुलिस ने थप्पड़ नहीं मारा है. 

सुबह 4 बजे के आसपास प्रशांत किशोर को गांधी मैदान से गिरफ्तार करने के बाद पुलिस उन्हें पटना के एम्स ले गई. पटना एम्स में पीके का मेडिकल कराया गया. इसके बाद पुलिस पीके को लेकर सिविल कोर्ट पहुंची. कोर्ट ने उन्हें 25 हजार रुपए के मुचलके पर सशर्त जमानत दे दी, लेकिन पीके ने कंडिशनल बेल बांड भरने से इनकार कर दिया.  

इसके बाद उनको न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया है. फिलहाल  कोर्ट ने उन्हें 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेजा है.  इस दौरान पीके पटना स्थित बेउर जेल में रहेंगे. पीके ने साफ तौर घोषणा की है कि वो जेल में भी अपना अनशन जारी रखेंगे. 

थप्पड़ कांड का असली सच पीके ने बताया 

प्रशांत किशोर ने मीडिया से बातचीत के दौरान खुलासा किया कि पुलिस ने उन्हें किसी तरह का कोई नुकसान नहीं पहुंचाया और ना ही उन्हें थप्पड़ मारा है. उन्होंने कहा कि पुलिस उन्हें गांधी मैदान से AIIMS लेकर गई. वहां तक पुलिस का व्यवहार उनके साथ एकदम ठीक था. सुबह 5 बजे से 11 बजे तक पुलिस उन्हें एंबुलेंस में बैठाकर कर अलग-अलग जगहों पर घुमाती रही.  इस दौरान पुलिस ने नहीं बताया कि वो पीके को कहां लेकर जा रहे हैं. पीके ने आगे कहा- 5 घंटे के बाद पुलिस फतुहा के समुदायिक केंद्र में लेकर गई. वहां पर डॉक्टरों से उनका परीक्षण कराकर सर्टिफिकेट लेना चाहा पर पीके के विरोध पर वहां के डॉक्टरों ने उनका साथ दिया और सर्टिफिकेट देने से इनकार कर दिया.

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पीके के वकील शिवानंद गिरि बताई ये बात 

पीके के वकील शिवानंद गिरि ने बिहार तक से बातचीत में बताया कि अदालत से जमानत मिल गई है, लेकिन प्रशांत किशोर सशर्त जमानत लेने के लिए तैयार नहीं हैं.  शिवानंद ने कहा कि पीके पीआर बॉन्ड पर साइन नहीं कर रहे हैं. साइन नहीं करने की मुख्य वजह अदालत का निर्देश है, जिसे पीके मानने के लिए तैयार नहीं हैं. पीके अदालत के निर्देश का विरोध कर रहे हैं.

दरअसल अदालत ने कहा है कि पीके आगे से ऐसा कोई भी काम नहीं करें जिसकी वजह से आम लोगों को दोबारा परेशानियों का सामना करना पड़े. हलांकि पीके  BPSC परीक्षा फिर से कराने की मांग को लेकर अभ्यर्थियों के साथ डटे हुए हैं. खबर है कि प्रशांत किशोर 4 दिनों से केवल पानी पर गुजारा कर रहे हैं. अब देखना होगा कि पीके का ये अटूट साथ BPSC अभ्यर्थियों के लिए क्या हल लेकर आता है.

गौरतलब है कि 18 दिसंबर से बीपीएससी की 70वीं संयुक्त (प्रारंभिक) परीक्षा रद्द करने की मांग को लेकर बीपीएससी के परीक्षार्थी पटना के गर्दनीबाग में धरने पर बैठे हैं. बिहार लोक सेवा आयोग की 70वीं संयुक्त प्रतियोगिता परीक्षा के लिए आयोग को 4.83 लाख आवेदन प्राप्त हुए हैं. आवेदन की आखिरी तिथि 4 नवंबर थी और आयोग की माने तो अंतिम दो दिनों में डेढ़ लाख से अधिक आवेदन प्राप्त हुए हैं.
बीपीएससी ने प्रारंभिक परीक्षा के दौरान सिर्फ बापू परीक्षा परिसर में गड़बड़ी को स्वीकार किया था. इस केन्द्र के 12 हजार परीक्षार्थियों के लिए दोबारा 4 जनवरी को परीक्षा हुई . मांग है कि बीपीएससी की परीक्षा दोबारा से बिहार के सभी 912 केन्द्रों में करवाई जाए. 

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