बिहार: वोटर अधिकार यात्रा में अखिलेश की एंट्री, जानें सीतामढ़ी सीट को ही क्यों किया टारगेट?

माहिरा गौहर

राहुल गांधी-तेजस्वी के साथ अखिलेश यादव भी 28 अगस्त को सीतामढ़ी से जुड़ेंगे. जानें क्यों सीतामढ़ी विधानसभा सीट बनी सियासी टारगेट और क्या है इसका जातीय समीकरण.

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Rahul Gandhi Tejashwi and Akhilesh Yadav rally in Bihar
सीतामढ़ी से वोटर अधिकार यात्रा में शामिल होंगे अखिलेश
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बिहार में वोट चोरी के खिलाफ राहुल गांधी की यात्रा और दमदार होने जा रही है. वोटर अधिकार यात्रा में अब राहुल गांधी-तेजस्वी के साथ समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव भी अब बिहार में मोर्चा संभालते नजर आएंगे. अखिलेश 28 अगस्त को सीतामढ़ी में इस यात्रा में शामिल होंगे. इसकी जानकारी कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X(पहले ट्विटर) पर एक पोस्ट के माध्यम से दी. लेकिन इसमें सबसे बड़ा सवाल है कि अखिलेश ने सीतामढ़ी को ही क्यों चुना और आखिर क्या है इस सीट का समीकरण. आइए विस्तार से समझते है इस पूरी कहानी को.

केसी वेणुगोपाल ने पोस्ट में क्या कुछ लिखा?

कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X(पहले ट्विटर) पर पोस्ट कर साझा करते हुए इसकी जानकारी दी. पोस्ट में वेणुगोपाल ने बताया कि 28 अगस्त को अखिलेश यादव बिहार के सीतामढ़ी जिले में वोटर अधिकार यात्रा में जुडेंगे. वेणुगोपाल ने पोस्ट में आगे यह भी लिखा कि अखिलेश यादव के जुड़ने से इस जनांदोलन को और मजबूती मिलेगी.

यहां देखें केसी वेणुगोपाल का ट्विट

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सीतामढ़ी से ही क्यों जुड़ रहे अखिलेश यादव?

आपको बता दें कि बिहार में इसी साल चुनाव होने वाले है और सीतामढ़ी विधानसभा सीट बिहार की VVIP सीटों में शामिल रही है. इसी महिने 8 अगस्त को अमित शाह ने सीतामढ़ी के पुनौर धाम में मा जानकी के मंदिर का शिलान्यास किया. मां सीता की जन्मस्थली पुनौराधाम में शिलान्यास के दौरान गृहमंत्री अमित शाह के साथ मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और NDA के कई बड़े नेता मौजूद थे. 

आगामी विधानसभा चुनाव में एनडीए के बड़े मुद्दों में सीतामढ़ी का भव्य सीता मंदीर भी शामिल है. सीतामढ़ी की ऐतिहासिक सीट पर कांग्रेस, जनता दल, सीपीआई और बीजेपी जैसी पार्टियां अपनी उपस्थिति दर्ज कराती रही हैं. हालांकि 2003 के बाद से बीजेपी का दबदबा बढ़ा है. ऐसे में वो इस सीट पर महागठबंधन की छवि को सुधारने और वोट बैंक मजबूत करने की कोशिश करेंगे.

सीतामढ़ी का जातीय समीकरण

सीतामढ़ी विधानसभा क्षेत्र में जातीय समीकरण चुनाव के जीत हार में बड़ी भूमिका निभाता है. यहां मुस्लिम, ब्राह्मण-राजपूत और यादव मतदाता निर्णायक भूमिका में हैं. अखिलेश यादव का सीतामढ़ी यात्रा में शामिल होना NDA के वोट बैंक पर असर डाल सकता है, वहीं महागठबंधन के वोट बैंक को फायदा पहुंच सकता है.

मौजूदा परिस्थिति को देखते हुए कहा जा सकता है की सीतामढ़ी दोनो ही गठबंधन के लिए महत्तपूर्ण सीट बन गई है. हालांकि इस समय में बीजेपी के मिथिलेश कुमार यहां से विधायक हैं. 2020 के चुनाव में उन्होंने आरजेडी के सुनील कुमार को लगभग 11,500 वोटों के अंतर से हराया था.

क्या है वोटर अधिकार यात्रा?

बिहार में विधानसभा चुनाव से पहले राहुल गांधी वोट चोरी का मुद्दा उठा रहे है. इसी कड़ी में राहुल-तेजस्वी समेत तमाम महागठबंधन के नेता वोटर अधिकार यात्रा निकाल रहे है. 17 अगस्त से शुरू हुई इस यात्रा का आज पांचवां दिन(20 अगस्त को विश्राम था) है. यह यात्रा 1 सितंबर को पटना के गांधी मैदान में एक बड़ी रैली के आयोजन  के साथ समाप्त हो जाएगी. राहुल इस यात्रा के दौरान SIR की प्रक्रिया के तहत वोटर लिस्ट से हटाए गए लोगों से मुलाकात कर रहें है.

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