6th पे कमीशन बनेगा फिटमेंट फैक्टर का आधार, जानें अब कितनी बढ़ेगी सैलरी, एक्सपर्ट ने बताया पूरा गणित
8th Pay Commission को लेकर कर्मचारियों की बड़ी उम्मीदें जुड़ी हैं. एक्सपर्ट्स का कहना है कि अगर फिटमेंट फैक्टर 2.64 से ज्यादा नहीं हुआ तो 6th Pay Commission जैसी खुशी दोबारा नहीं मिल पाएगी.

केंद्र सरकार के कर्मचारियों के बीच इस वक्त सबसे बड़ा सवाल यही है 8th Pay Commission आएगा तो इसमें सैलरी कितनी बढ़ेगी? फिटमेंट फैक्टर क्या होगा? और क्या यह कर्मचारियों की उम्मीदों पर खरा उतरेगा?
इसी सभी सवालों के जवाब पाने के लिए न्यूजतक ने ऑल इंडिया एनपीएस इंप्लॉय फेडरेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष मंजीत सिंह पटेल से बात की. इस बातचीत में एक्सपर्ट्स ने खुलकर अपने विचार रखे और बताया कि 6th Pay Commission से बहुत कुछ सीखा जा सकता है.
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जब उनसे पूछा गया कि आखिर 6th पे कमीशन को इतना सफल क्यों माना जाता है, तो उन्होंने साफ कहा, “6th Pay Commission एक माइलस्टोन था. उस समय सैलरी इनफ्लेशन, डियरनेस और इकोनॉमी तीनों को ध्यान में रखकर तय की गई थी. ग्रोथ फैक्टर लगभग 50% तक था, जबकि 7th Pay Commission में यह घटकर 24% रह गया.”
यानी आसान तरीके से कहा जाए तो 6th और 7th पे कमीशन के बीच फिटमेंट फैक्टर में जमीन-आसमान का फर्क था. 6th पे कमीशन ने कर्मचारियों को राहत दी, जबकि 7th पे कमीशन से वह उत्साह नहीं मिल पाया.
एक्सपर्ट मंजीत सिंह ने आगे कहा, “जब तक 6th पे कमीशन से कुछ बेहतर नहीं होगा, तब तक उसे ही आदर्श माना जाएगा. वह एक नजीर बन चुका है.”
मोदी सरकार से क्या उम्मीदें हैं?
उन्होंने कहा कि अब उम्मीद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से है, जिन्होंने अब तक कई बड़े और ऐतिहासिक फैसले लिए हैं. उनका कहना था कि पहले तो यह भी चर्चा थी कि शायद 8th पे कमीशन बनेगा ही नहीं, लेकिन अब इसका गठन हो चुका है.
मंजीत कहते हैं कि, “मोदी जी बड़े दिल वाले हैं. भरोसा है कि इस बार वो 6th पे कमीशन से भी बेहतर कुछ देंगे, ताकि इतिहास में यह भी एक माइलस्टोन की तरह याद किया जाए.”
कितना होना चाहिए फिटमेंट फैक्टर?
फिलहाल कर्मचारियों की न्यूनतम सैलरी 18,000 रुपये है और 7th Pay Commission में फिटमेंट फैक्टर 2.57 तय किया गया था. एक्सपर्ट ने साफ कहा, “अगर फिटमेंट फैक्टर 2.64 से ज्यादा रखा जाए तो उसे जस्टिफाइड कहा जा सकता है. नहीं तो कर्मचारियों में असंतोष रहेगा.”
जब उनसे पूछा गया कि शिव गोपाल मिश्र जी तो 3.5 से लेकर 3.86 तक फिटमेंट फैक्टर की बात कर चुके हैं, तो उन्होंने कहा, “देखिए, जो हकीकत है, वही बोलनी चाहिए. जब सरकार 18 महीने का DA एरियर जो लगभग 3000 करोड़ रुपये का है, चार साल में भी नहीं दे पाई तो 3 के ऊपर का फिटमेंट फैक्टर देना थोड़ा मुश्किल लगता है. पहले छोटी बातें पूरी हों, फिर बड़े दावे किए जाएं.”
कर्मचारियों की उम्मीदें अब भी बरकरार
हालांकि सरकार पर सवाल उठाते हुए भी उन्होंने कहा कि कर्मचारियों को उम्मीद रखनी चाहिए. अगर सरकार 8th Pay Commission को सही सोच और पारदर्शिता से लागू करती है तो कर्मचारियों की आर्थिक स्थिति में सुधार हो सकता है.
फिटमेंट फैक्टर 2.64 से ऊपर होना ही चाहिए
अंत में उन्होंने कहा, “सरकार अगर वास्तव में कर्मचारियों के हित में सोचती है, तो फिटमेंट फैक्टर 2.64 से ऊपर होना ही चाहिए. तभी कर्मचारी इसे ‘बेहतर’ कह पाएंगे, वरना फिर वही पुरानी शिकायतें दोहराई जाएंगी.”
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