Delhi Cash Scandal: सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की जस्टिस यशवंत वर्मा की याचिका, आगे की कार्रवाई का रास्ता साफ!
Delhi Cash Scandal: सुप्रीम कोर्ट ने कैश कांड मामले में दिल्ली हाई कोर्ट के जस्टिस यशवंत वर्मा की याचिका को खारिज कर दिया है.
ADVERTISEMENT

Delhi Cash Scandal: सुप्रीम कोर्ट ने कैश कांड मामले में दिल्ली हाई कोर्ट के जस्टिस यशवंत वर्मा की याचिका को खारिज कर दिया है. जस्टिस वर्मा ने अपनी याचिका में जांच प्रक्रिया की वैधता और तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश (CJI) संजीव खन्ना द्वारा उन्हें पद से हटाने की सिफारिश को चुनौती दी थी.
जस्टिस दीपांकर दत्ता और जस्टिस ए.जी. मसीह की पीठ ने यह कहते हुए याचिका खारिज कर दी कि जांच समिति ने तय प्रक्रियाओं का पूरी तरह से पालन किया है. पीठ ने कहा, जस्टिस वर्मा का आचरण विश्वास पैदा करने वाला नहीं था. इसलिए उनकी याचिका पर विचार नहीं किया जा सकता. इसके साथ कहा कि तत्कालीन सीजेआई संजीव खन्ना ने इस मामले में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जो पत्र भेजा था वह पूरी तरह से संवैधानिक था.
क्या है पूरा मामला?
पूरा मामला जस्टिस यशवंत वर्मा के लुटियंस दिल्ली स्थित सरकारी आवास में लगी आग से जुड़ा है. 14 मार्च की रात को उनके घर में आग लग गई थी. हालांकि उस समय वे घर पर मौजूद नहीं थे. दिल्ली फायर ब्रिगेड की टीम ने आग पर काबू पाया. इसके बाद मीडिया में यह खबर फैल गई कि आग बुझाने के दौरान जस्टिस वर्मा के घर से भारी मात्रा में कैश बरामद हुआ है.
यह भी पढ़ें...
आगे की कार्रवाई का रास्ता साफ!
- CJI संजीव खन्ना ने तीन हाईकोर्ट जजों की आंतरिक जांच समिति बनाई. इस समिति ने जस्टिस वर्मा पर आरोपों की जांच की. जिसमें उन्हें कदाचार (misconduct) का दोषी ठहराया गया.
- जांच रिपोर्ट के आधार पर CJI ने प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति को पत्र लिखकर जस्टिस वर्मा को पद से हटाने की अनुशंसा की. इसके बाद इलाहाबाद हाईकोर्ट में उनका ट्रांसफर करने का प्रस्ताव भी आया.
- जस्टिस वर्मा ने इनहाउस समिति की रिपोर्ट, जांच प्रक्रिया और CJI की राष्ट्रपति व प्रधानमंत्री को सिफारिश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की. उन्होंने आरोप लगाया कि रिपोर्ट बिना उन्हें पूरी तरह से सुने, जल्दबाजी में बनाई गई. सुप्रीम कोर्ट ने समिति और प्रक्रिया को उचित और वैधानिक मानते हुए उनकी याचिका खारिज कर दी.