दिल्ली में कांग्रेस छोड़ बीजेपी में आए दो दिग्गज नेताओं की बल्ले-बल्ले, चेयरमैन पद के साथ मिला कैबिनेट मंत्री का दर्जा
Delhi News: दिल्ली की रेखा गुप्ता सरकार में कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में आए दो नेताओं को बड़ी जिम्मेदारी मिली है. इनमें से एक विधायक को यमुना पार विकास बोर्ड तो दूसरे विधायक को ग्रामीण विकास बोर्ड का चेयरमैन बनाया गया है.
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Delhi News: कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में आए दिल्ली के दो पूर्व मंत्रियों और वर्तमान में विधायकों का बीजेपी सरकार ने बड़ा पद दिया है. दिल्ली की रेखा सरकार में दोनों विधायकों को अलग-अलग बोर्डों का चेयरमैन बनाया गया है. ऐसे में दोनों को कैबिनेट मंत्री का दर्जा मिलने के साथ ही इस पद पर मिलने वाले सुविधाएं मिलेंगी. इसका फैसला दिल्ली सचिवालय में सीएम रेखा गुप्ता और बीजेपी विधायकों की बैठक में लिया गया.
इनमें अरविंदर सिंह लवली और राजकुमार चौहान का नाम शामिल है. बता दें कि ये दोनों ही नेता दिल्ली की शीला दीक्षित वाली कांग्रेस सरकार के दौरान मंत्री रह चुके हैं. लेकिन दिल्ली विधानसभा चुनाव से ठीक पहले ये दोनों नेताओं ने बीजेपी का दामन थाम लिया था.
बनाया गया बोर्ड का चैयरमैन
इनमें से पहला नाम दिल्ली के गांधीनगर से विधायक अरविंदर सिंह लवली का है और दूसरा नाम मंगोलपुरी से विधायक राजकुमार चौहान है. बताया जा रहा है कि अरविंदर सिंह लवली को यमुना पार विकास बोर्ड और राजकुमार चौहान को ग्रामीण विकास बोर्ड का चेयरमैन बनाने का फैसला लिया गया है.
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अरविंदर सिंह लवली कौन हैं?
अरविंदर सिंह लवली को जमीनी नेता माना जाता हैं. वे शीला सरकार में परिवहन और शिक्षा जैसे बड़े मंत्रालयों की जिम्मेदारी संभाल चुके हैं. ऐसे माना जा रहा है कि बीजेपी सरकार ने उनके अनुभवों का फायदा उठाने के लिए ट्रांस यमुना के विकास कार्यों के लिए गठित यमुना विकास बोर्ड की जिम्मेदारी अरविंदर सिंह लवली को दी है.
कौन हैं MLA राजकुमार?
वहीं, राजकुमार चौहान भी कांग्रेस सरकार में मंत्री रहे हैं. लेकिन तीन बार कांग्रेस के टिकट पर चुनाव हारने के बाद वे 2025 विधानसभा चुनावों से पहले बीजेपी में आ गए थे. लेकिन अब बीजेपी ने उन पर भरोसा जताते हुए उन्हें ग्रामीण विकास बोर्ड के चेयरमैन की जिम्मेदारी दी है. बताया जा रहा कि इनके पास बाहरी दिल्ली के ग्रामीण क्षेत्रों में विकास कार्यों को पूरा करने की जिम्मेदारी होगी.
कैबिनेट बैठक में हुआ फैसला
सूत्रों ने के अनुसार, कांग्रेस से आए इन दानों नेताओं की नियुक्ति को लेकर हाल ही में हुई कैबिनेट की बैठक में निर्णय लिया गया. बताया जा रहा है कि बीजेपी सरकार का मानना है कि दोनों नेताओं का अनुभव सरकार के काम आएगा.