जींद में नेपाली नौकर ने कैसे एक सरपंच के घर 50 लाख की चोरी को अंजाम दिया? हैरान कर देगी कहानी!

जींद में सरपंच आजाद सिंह के घर 50 लाख की बड़ी डकैती हुई. घर के नेपाली नौकर दंपति ने साथियों के साथ मिलकर परिवार को दूध में नशीला पदार्थ देकर सुला दिया. सरपंच की नींद खुली तो हाथापाई हुई और उन्हें बांधकर चोर नकदी, गहने और सीसीटीवी डीवीआर लेकर फरार हो गए. पुलिस जांच जारी है.

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हरियाणा के जींद जिले के निर्जन गांव में सरपंच आजाद सिंह के घर पर एक बड़ी चोरी की वारदात ने इलाके को हिला दिया है. करीब 50 लाख रुपये के गहने, नकदी और फोन चोरों ने लूट लिए. सबसे हैरान करने वाली बात यह है कि इस डकैती को अंजाम घर में काम करने वाले नौकरों ने ही दिया.

सरपंच आजाद सिंह बताते हैं कि उनका स्थायी नौकर छुट्टी पर था. इसी बीच, नेपाली दंपति को अस्थायी काम के लिए रखा था. यह दंपति बहादुर नाम के व्यक्ति के जरिए आया था. सरपंच को शक नहीं हुआ. 

सरपंच ने बताया कि यह दंपति कुछ ही दिन पहले काम पर आया था और उन्हें परमानेंट नहीं रखना था, इसलिए उनका कोई आईडी प्रूफ या पुलिस वेरिफिकेशन भी नहीं कराया गया था.

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चोरी का चौंकाने वाला तरीका

चोरों ने पूरी योजना बनाकर इस वारदात को अंजाम दिया. चोरी की रात करीब रात 12 बजे का वक्त था. चोरों ने पहले दूध में नशीला पदार्थ मिलाकर पूरे परिवार को सुला दिया. सरपंच की पत्नी ने ज्यादा दूध पिया, इसलिए उनकी गहरी नींद आ गई. सरपंच ने कम पिया, तो उनकी आंख खुल गई. उन्हें घर में शोर सुनाई दिया. बाहर निकले तो चार-पांच चोर अलमारी तोड़ रहे थे.

सरपंच ने चोरों से भिड़ने की कोशिश की. हाथापाई हुई. लेकिन चोरों ने उन्हें दबोच लिया. हाथ-पैर और मुंह रस्सी से बांध दिया. चोरों ने नकदी, सोने-चांदी के गहने, तीन महंगे मोबाइल फोन और सीसीटीवी का डीवीआर भी लूट लिया. डीवीआर ले जाने से फुटेज भी गायब हो गई. चोरों ने सब कुछ प्लानिंग से किया. वे शातिर थे. भागते वक्त कोई निशान नहीं छोड़ा.

सुबह 4 बजे पड़ोसी की मदद से पुलिस बुलाई

सुबह करीब 4 बजे सरपंच ने जैसे-तैसे दरवाजे तक पहुंचकर चिल्लाया. पड़ोस की एक महिला लेबर ने आवाज सुनी. उसने 112 पर कॉल किया. पुलिस तुरंत पहुंची. सरपंच की पत्नी को अस्पताल में भर्ती किया गया. उनका मेडिकल परीक्षण हुआ. पुलिस ने जांच शुरू की. सरपंच के परिवार के बयान दर्ज किए.

पुलिस अब बहादुर से पूछताछ कर रही है. वह दंपति को भेजने वाला था. सरपंच बताते हैं कि दंपति ने कोई आईडी प्रूफ नहीं दिया. वेरिफिकेशन भी नहीं हुआ. वे सिर्फ 10-15 दिनों के लिए थे. दंपति खाना बनाते और सफाई का काम करते थे. सरपंच को कभी शक नहीं हुआ. वे लगते भी सामान्य थे.

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