भारत में Apple का बड़ा दांव, ट्रंप को नजरअंदाज कर iPhone बनाने वाली Foxconn का भारत में ₹12,800 करोड़ निवेश
2025 की जून तिमाही में अमेरिका में बिकने वाले अधिकांश iPhone भारत में बने होंगे. चीन अब मुख्य रूप से अन्य बाजारों के लिए उत्पादन करेगा, जबकि Apple अन्य उत्पादों जैसे iPad, Mac, Apple Watch और AirPods के लिए वियतनाम को तरजीह दे रही है.
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जब अमेरिका में यह बहस तेज़ हो रही है कि Apple को iPhone भारत में नहीं बल्कि अमेरिका में बनाना चाहिए, उसी समय ऐपल के आईफोन बनाने वाली फॉक्सकॉन कंपनी ने भारत में एक बड़ा दांव खेल दिया है. बीते पांच दिनों में कंपनी ने भारत में 1.48 अरब डॉलर (करीब 12,800 करोड़ रुपये) का निवेश कर डाला है.
तमिलनाडु में हुआ बड़ा निवेश
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फॉक्सकॉन ने यह निवेश सिंगापुर स्थित अपनी यूनिट के जरिए तमिलनाडु की युजान टेक्नोलॉजी (इंडिया) प्राइवेट लिमिटेड में किया है. यह निवेश 14 से 19 मई के बीच किया गया, ऐसे समय में जब अमेरिका में iPhone मैन्युफैक्चरिंग को लेकर सियासी बयानबाज़ी तेज़ है.
अमेरिका की राजनीति बनाम ग्राउंड रियलिटी
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का यह बयान कि "iPhone अब भारत में नहीं बल्कि अमेरिका में बनना चाहिए" एक तरफ चर्चा का विषय रहा, वहीं Apple की रणनीति बिलकुल अलग दिशा में जाती दिख रही है. ट्रंप का तर्क है कि इससे अमेरिका में नौकरियों के अवसर बढ़ेंगे, लेकिन वास्तविकता कुछ और ही इशारा कर रही है. Apple ने भले ही अमेरिका में अगली चार वर्षों में 500 अरब डॉलर निवेश करने और नौकरियों में इजाफे का वादा किया हो, लेकिन कंपनी आज भी अमेरिका में एक भी iPhone नहीं बनाती. इसकी वजहें स्पष्ट हैं अमेरिका में निर्माण लागत अधिक है, उत्पादन धीमा है और राजनीतिक वातावरण भी लगातार अस्थिर बना हुआ है.
भारत बन रहा है iPhone मैन्युफैक्चरिंग का नया केंद्र
टिम कुक पहले ही साफ कर चुके हैं कि 2025 की जून तिमाही में अमेरिका में बिकने वाले अधिकांश iPhone भारत में बने होंगे. चीन अब मुख्य रूप से अन्य बाजारों के लिए उत्पादन करेगा, जबकि Apple अन्य उत्पादों जैसे iPad, Mac, Apple Watch और AirPods के लिए वियतनाम को तरजीह दे रही है.
भारत में अब फॉक्सकॉन के अलावा टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स और पेगाट्रॉन भी iPhone निर्माण कर रही हैं. यही नहीं, भारत से iPhone का एक्सपोर्ट भी रिकॉर्ड बना रहा है. बीते एक साल में करीब 22 अरब डॉलर के iPhone निर्यात किए गए है.
ट्रंप की अपील को किया गया नजरअंदाज़?
फॉक्सकॉन के इस निवेश से साफ है कि Apple अमेरिकी राजनीतिक दबावों की परवाह किए बिना अपनी वैश्विक सप्लाई चेन को रणनीतिक रूप से री-ऑर्गनाइज़ कर रहा है. अमेरिका-चीन व्यापार युद्ध के बीच भारत Apple के लिए एक स्थायी और भरोसेमंद विकल्प बनकर उभरा है.
फॉक्सकॉन का यह भारी निवेश एक सीधा संकेत है कि Apple भारत में अपने विनिर्माण नेटवर्क को मजबूत करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है. अमेरिकी राजनीतिक दबाव के बावजूद, भारत के पक्ष में कंपनी की योजना साफ झलक रही है. यह न केवल भारत की आर्थिक दृष्टि से बड़ी जीत है, बल्कि ग्लोबल मैन्युफैक्चरिंग मैप पर उसकी तेजी से बढ़ती स्थिति का भी प्रमाण है.