108 फीट ऊंची ‘स्टेच्यू ऑफ वननेस’ तैयार, आदि शंकराचार्य का ओंकारेश्वर से है ये खास कनेक्शन
Omkareshwar News: तीर्थनगरी ओंकारेश्वर (Omkareshwar) में जगतगुरु आदि शंकराचार्य (Adishankaracharya) की सबसे ऊंची प्रतिमा “स्टेच्यू ऑफ़ वननेस” बनकर लगभग तैयार है. इस मूर्ति की ऊंचाई 108 फीट है, जो ओंकारेश्वर के मंधाता पर्वत पर बनाई गई है. ओंकारेश्वर शंकराचार्य की दीक्षा स्थली है, इसलिए इसे एकात्म धाम के रूप में विकसित किया जा रहा है. […]
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Omkareshwar News: तीर्थनगरी ओंकारेश्वर (Omkareshwar) में जगतगुरु आदि शंकराचार्य (Adishankaracharya) की सबसे ऊंची प्रतिमा “स्टेच्यू ऑफ़ वननेस” बनकर लगभग तैयार है. इस मूर्ति की ऊंचाई 108 फीट है, जो ओंकारेश्वर के मंधाता पर्वत पर बनाई गई है. ओंकारेश्वर शंकराचार्य की दीक्षा स्थली है, इसलिए इसे एकात्म धाम के रूप में विकसित किया जा रहा है. आइए आदि शंकराचार्य और ‘स्टेच्यू ऑफ वननेस’ के बारे में खास बातें जानते हैं.
मध्यप्रदेश की करीब 2 हजार करोड़ रुपये की महत्वाकांक्षी धार्मिक और आध्यात्मिक योजना ओंकारेश्वर में आकार ले रही है. ओंकार पर्वत पर 28 एकड़ में अद्वैत वेदांत पीठ और आदि शंकराचार्य की 108 फीट ऊंची भव्य प्रतिमा स्थापित की जा रही है. इस योजना के प्रथम चरण में आदि शंकराचार्य की 108 फीट ऊँची प्रतिमा “स्टेच्यू ऑफ़ वननेस” बनकर तैयार हो चुकी है, जबकि शेष कार्यो का भूमिपूजन होना है.
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ओंकारेश्वर में क्यों बन रही स्टेच्यू ऑफ वननेस?
आदि शंकराचार्य मात्र 8 वर्ष की उम्र में अपने गुरु को खोजते हुए केरल से ओंकारेश्वर पहुंचे थे. उन्होंने यहीं नर्मदा किनारे काली गुफ़ा में गुरु गोविंद भगवत्पाद से दीक्षा ली. इसके बाद पूरे भारतवर्ष का भ्रमण कर, सनातन की चेतना जगाई. चारों धाम की स्थापना करने वाले शंकराचार्य की मूल भावना थी कि जीव -जगत सभी आत्मा एक ही हैं, उसी क्रम में यहां एकात्म धाम की स्थापना हो रही है. और शंकराचार्य की दीक्षा स्थली ओंकारेश्वर को आदि शंकराचार्य के जीवन और दर्शन के लोकव्यापीकरण के उद्देश्य से ओंकारेश्वर को अद्वैत वेदांत के वैश्विक केंद्र के रूप में विकसित किया जा रहा है.
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शंकराचार्य की मूर्ति की खासियत
ओंकारेश्वर के मंधाता पर्वत पर शंकराचार्य के बाल रूप की प्रतिमा स्थापित की जा रही है. बाल शंकर का चित्र मुंबई के विख्यात चित्रकार वासुदेव कामत द्वारा वर्ष 2018 में बनाया गया था. जिसके आधार पर यह मूर्ति सोलापुर महाराष्ट्र के प्रसिद्ध मूर्तिकार भगवान राम पुर द्वारा उकेरी गई. मूर्ति को बनाने में कई धातुओं का इस्तेमाल किया गया है. मूर्ति निर्माण के लिए 2017-18 में संपूर्ण मध्य प्रदेश में एकात्म यात्रा निकाली गई थी, जिसके माध्यम से 27,000 ग्राम पंचायतों से मूर्ति निर्माण हेतु धातु संग्रहण व जनजागरण का अभियान चलाया गया था.
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कब होगा अनावरण?
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह 18 सितंबर को एकात्मता की प्रतिमा का अनावरण करेंगे. इसके लिए पूरे देश के कोने -कोने से दो हजार से ज्यादा संत ओंकारेश्वर पहुंच रहे हैं. 15 तारीख से तीन दिवसीय अनुष्ठान में ये संत हिस्सा लेंगे, जिसकी पूर्णाहुति 18 सितम्बर को होगी. मुख्यमंत्री इसी दिन इस परियोजना के दूसरे चरण की आधारशिला भी रखेंगे जिसमें ‘अद्वैत लोक’ नाम का एक संग्रहालय तथा आचार्य शंकर अंतर्राष्ट्रीय अद्वैत वेदान्त संस्थान की स्थापना की जाएगी. शंकर संग्रहालय के अंतर्गत आचार्य शंकर के जीवन दर्शन व सनातन धर्म पर विभिन्न वीथिकाएं, दीर्घाएं, लेजर लाइट वॉटर साउंड शो, आचार्य शंकर के जीवन पर फिल्म, सृष्टि नाम का अद्वैत व्याख्या केंद्र, एक अद्वैत नर्मदा विहार, अन्नक्षेत्र, शंकर कलाग्राम आदि प्रमुख आकर्षण रहेंगे. अद्वैत लोक के साथ ही 36 हेक्टेयर में अद्वैत वन नाम का एक संघन वन विकसित किया जा रहा है
आचार्य शंकर अंतर्राष्ट्रीय अद्वैत वेदान्त संस्थान के अंतर्गत दर्शन, विज्ञान, सामाजिक विज्ञान तथा कला पर केंद्रित चार शोध केंद्रों के अलावा ग्रंथालय, विस्तार केंद्र तथा एक पारंपरिक गुरुकुल भी होगा. संपूर्ण निर्माण पारंपरिक भारतीय मंदिर स्थापत्य शैली में किया जा रहा है. खास बात ये है कि यह प्रकल्प पर्यावरण अनुकूल होगा.
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