MP में मॉनसून बना मौत का साया: 252 लोगों और 432 जानवरों की गई जान, हजारों राहत शिविरों में रहने को मजबूर
मध्य प्रदेश में लगातार हो रही भारी बारिश और बाढ़ से अब तक 252 लोगों और 432 जानवरों की मौत हो चुकी है. राज्य सरकार ने 28.49 करोड़ रुपये की राहत राशि वितरित की है और 3628 लोगों को रेस्क्यू किया गया है.
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मध्यप्रदेश में भले ही पिछले दो दिनों से कई इलाकों में बारिश का दौर थमा हुआ है लेकिन पिछले 40 दिनों से राज्य के अलग-अलग जिलों में हुई झमाझम बारिश ने ऐसे आंकड़े पेश किए हैं जिसे देखकर डरना लाजमी है.
दरअसल प्रदेश सरकार ने बताया है कि मॉनसून के इस सीजन में अबतक 252 लोगों की मौत हो चुकी है. जबकि कुल 432 जानवर इस बारिश में अपनी जान गवां चुके हैं. वहीं 3600 से ज्यादा लोगों का अब तक रेस्क्यू किया जा चुका है.
इन आकंड़ों का जिक्र जिला कलेक्टरों ने मुख्यमंत्री मोहन यादव से वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए हुई एक बैठक किया है. दरअसल पिछले राज्य में लगातार हो रही बारिश और बाढ़ के कारण जो हालात बन रहे थे उसे देखते हुए राहत एवं बचाव के संबंध में सीएम ने जिला कलेक्टरों से वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए बैठक की थी.
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इस बैठक में बताया गया कि अब तक 3628 नागरिकों का रेस्क्यू किया जा चुका है. वहीं राज्य सरकार की तरफ से 53 राहत शिविरों में 3065 प्रभावित लोगों को रखकर उन्हें सभी तरह की जरूरी मदद जैसे खाना-पीना, दवाइयां, कपड़े आदि मुहैया कराई जा रही है.
28.49 करोड़ रुपए राहत राशि वितरित
इस बैठक में सीएम मोहन यादव ने सभी जिलों के अफसरों को निर्देश दिया है कि बारिश ने जिन भी जिलों और गांवों को प्रभावित किया हैं वहां के लोगों को किसी भी तरह की कठिनाई न आने पाये और जल्द ही सर्वे पूरा कर पीड़ितों को उनके नुकसान की समुचित भरपाई की जाए.
इसी बैठक के बाद सीएम डॉ. यादव कहते हैं कि अतिवृष्टि वाले जिलों के कलेक्टर ने इन 40 दिनों में 28.49 करोड़ रुपए राहत राशि वितरित की जा चुकी है.
वहीं अब तक लगभग 3600 करोड़ रुपए की व्यवस्था राहत मदद में की गई है. सीएम मोहन यादव ने बताया कि राज्य में जिस हिसाब से लगातार बारिश हो रही है उसे देखते हुए NDRF की टीमों को भोपाल, ग्वालियर, जबलपुर और धार में तैनात किया गया है जबकि SDRF को राज्य भर में संवेदनशील स्थानों पर तैनात किया गया.
200 से ज्यादा लोगों की मौत
एमपी सरकार के अनुसार इस मॉनसून सीजन अबतक कुल 252 लोगों मारे जा चुके हैं. इनमें से भारी बारिश के कारण 47 लोगों की जान गई, नदी-नाले में दुर्घटनावश डूबने के कारण 132 लोग मरें वहीं आकाशीय बिजली से 60 और दीवार/मकान/पेड़ गिरने से 13 लोगों की मौत दर्ज हुई है.
इतना ही नहीं सराकारी आंकड़ों के अनुसार 432 पशु हानि और 1200 मुर्गियां भी इस प्राकृतिक आपदा का शिकार हो चुकी हैं. राज्य में तैनात बचाव और राहत दलों ने अब तक 432 रेस्क्यू ऑपरेशन चलाए, जिसमें 3628 नागरिकों और 94 मवेशियों को जीवित बचाया गया है.
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