लोकसभा चुनाव से पहले बड़ा फेरबदल, विक्रांत भूरिया की जगह इस नेता को बनाया यूथ कांग्रेस का अध्यक्ष

रवीशपाल सिंह

पिता के लोकसभा चुनाव का हवाला देते हुए विक्रांत भूरिया ने यूथ कांग्रेस के अध्यक्ष के पद से इस्तीफा दे दिया है. भूरिया की जगह नया अध्यक्ष बनाय गया है.

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Lok Sabha Election 2024: लोकसभा चुनाव से ठीक पहले मध्य प्रदेश यूथ कांग्रेस के अध्यक्ष विक्रांत भूरिया (Vikrant Bhuria) ने पार्टी को बड़ा झटका दिया है. पिता के लोकसभा चुनाव का हवाला देते हुए विक्रांत भूरिया ने यूथ कांग्रेस के अध्यक्ष के पद से इस्तीफा दे दिया है. भूरिया की जगह ग्वालियर के मितेन्द्र सिंह (Mitendra Singh) को यूथ कांग्रेस के अध्यक्ष का पद सौंपा गया है. मितेंद्र सिंह के पिताजी लंबे समय तक जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष पद पर रहे हैं.

कौन हैं यूथ कांग्रेस के नए अध्यक्ष?

यूथ कांग्रेस के नए अध्यक्ष मितेंद्र सिंह र्व जिलाध्यक्ष स्वर्गीय दर्शन सिंह के पुत्र हैं. वे ग्वालियर चम्बल अंचल में युवा नेता के तौर पर जाने जाते हैं. मितेंद्र सिंह शारीरिक सौष्ठव चैम्पियनशशिप में कई मैडल हासिल कर चुके हैं. अध्यक्ष बनने से पहले वे युवक कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव के पद पर रहकर काम कर चुके हैं. 
 

विक्रांत भूरिया का इस्तीफा अच्छा संकेत नहीं? 

लोकसभा चुनाव से पहले मध्य प्रदेश में कांग्रेस के एक के बाद एक कई झटके लगे हैं. पार्टी के कई दिग्गज नेताओं ने चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस का दामन छोड़ भाजपा का दामन थाम लिया है. अब विक्रांत भूरिया का यूथ कांग्रेस के पद से इस्तीफा देना अच्छा संकेत नहीं माना जा रहा है. हालांकि भूरिया ने पिता के चुनाव की वजह से व्यस्तता का हवाला देकर इस्तीफा दिया है. 

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रतलाम से उम्मीदवार हैं पिता कांतिलाल

विक्रांत भूरिया के पिता कांतिलाल भूरिया कांग्रेस के दिग्गज नेता हैं. कांतिलाल भूरिया को कांग्रेस ने रतलाम से लोकसभा चुनाव का टिकट दिया है. उनका मुकाबला भाजपा की अनिता नागर सिंह चौहान से है. विक्रांत भूरिया ने पिता के चुनावी अभियान के लिए यूथ कांग्रेस के अध्यक्ष का पद छोड़ दिया है. 

विक्रांत भूरिया ने इस्तीफे की पेशकश करते हुए लंबी पोस्ट में लिखा- 'पिछले कई दिनों से मैं इस बात पर मंथन कर रहा हूं कि लोकसभा चुनाव के दौरान पिताजी का भी चुनाव होने के कारण मैं मध्य प्रदेश युवा कॉंग्रेस संगठन में समय नहीं दे पा रहा हूं. ऐसे में मेरा व्यक्तिगत मानना है कि यह संगठन और संगठन के साथियों के साथ न्याय नहीं होगा.'

 

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