कूनो में चीतों की मौत केस में सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को दी बड़ी राहत, जानें
Cheetah Project MP: मध्य प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क (Kuno National Park) में चीतों की मौत का मामले में सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) से केंद्र को बड़ी राहत दी है. सुप्रीम कोर्ट ने चीता प्रोजेक्ट (Cheetah Project MP) पर सोमवार को सुनवाई करते हुए अब इस मामले को केंद्र पर छोड़ दिया है. इसके साथ […]
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Cheetah Project MP: मध्य प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क (Kuno National Park) में चीतों की मौत का मामले में सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) से केंद्र को बड़ी राहत दी है. सुप्रीम कोर्ट ने चीता प्रोजेक्ट (Cheetah Project MP) पर सोमवार को सुनवाई करते हुए अब इस मामले को केंद्र पर छोड़ दिया है. इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र की दलीलों को स्वीकार कर लिया है. साथ ही कहा कि केंद्र की दलीलों पर भरोसा ना करने की कोई वजह नहीं है. केंद्र विशेषज्ञों की राय पर भी विचार करे. इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने चीतों को लेकर दाखिल याचिका पर सुनवाई बंद कर दी है. कोर्ट ने कहा कि हमें केंद्र पर अविश्वास क्यों करना चाहिए?
बता दें कि कूनो में 9 चीतों की मौतों का मामला सुप्रीम कोर्ट में सोमवार यानि 7 अगस्त को फिर से उठा. केंद्र की तरफ से अतिरिक्त साॅलिसिटर जनरल ऐश्वर्य भाटी ने शीर्ष अदालत को बताया कि हर साल 12 से 14 नए चीते लाए जाएंगे. कुछ समस्याएं जरूर हैं, लेकिन चिंता करने जैसा कुछ भी नहीं है. दुनिया में चीतों की डेट रेट भारत से ज्यादा है. कूनो में चीतों का बसाने का प्रोजेक्ट अपने आप में अनोखा और दुर्लभ श्रेणी में आता है, क्योंकि ये इंटरकॉन्टिनेटल प्रोजेक्ट है, जिसमें चीतों को पुर्नस्थापित किया जा रहा है.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ये केंद्र का विशेषाधिकार है कि वो विशेषज्ञों की राय को शामिल करे या नहीं. जस्टिस बीआर गवई, जस्टिस पी एस नरसिम्हा और जस्टिस प्रशांत मिश्रा की पीठ ने आदेश में कहा कि 11 एक्सपर्ट कमेटी काम कर रही है. इनमें चार विशेषज्ञ भी है. एक विशेषज्ञ प्रक्रिया पर आपत्ति जताई है कि दुनिया भर में चीता संरक्षण के विशेषज्ञों से सलाह नहीं ली जा रही है. कोर्ट ने कहा कि किस विशेषज्ञ की राय को शामिल किया जाए ये केंद्र सरकार का विशेषाधिकार है. हम आग्रह करते हैं कि सरकार विशेषज्ञों की राय पर भी विचार करें.
केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट से कहा- चिंता की बात नहीं
असिस्टेंट सॉलिसिटर जनरल ऐश्वर्या भाटी ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि 20 में से 6 वयस्क चीतों की मौत हुई है. एक मादा चीता ने चार शावकों को जन्म दिया था, उनमें से तीन की मौत हुई है. चीतों की मौत दुनिया के अन्य हिस्सों के मुकाबले काफी कम है. केंद्र सरकार ने कहा कि इन्फेक्शन और डिहाइड्रेशन भी चीतों के मौत का बड़ा कारण है.
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नामीबिया और अफ्रीका से लाए गए 20 चीते
दरअसल, मध्य प्रदेश के कूनो राष्ट्रीय पार्क में एक साल के भीतर नौ चीतों की मौत हुई है. उनमें तीन शावक भी शामिल हैं. कूनो में नामीबिया और दक्षिण अफ्रीका से 20 वयस्क चीतों को लाया गया था. तब से वहां चार शावकों का जन्म हो चुका है. 1952 में चीते देश से विलुप्त हो गए थे. चीता प्रोजेक्ट के तहत चीतों को फिर से मध्य प्रदेश के कूनो में बसाने की योजना शुरू की गई है.
इनपुट- दिल्ली से संजय शर्मा