CM शिवराज के गृह जिले में किसान कर रहे आवासीय पट्‌टे के लिए विरोध प्रदर्शन

नवेद जाफरी

SEHORE NEWS: मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के गृह जिले सीहोर में किसानों का एक वर्ग उनसे नाराज है. इसी के चलते ग्राम चंदेरी के किसानों ने औद्योगिक क्षेत्र बढ़िया खेड़ी में पहुंचकर विरोध प्रदर्शन किया. किसानों ने औद्योगिक क्षेत्र में पहुंचकर सड़क जाम कर दी और सड़क पर बैठकर व नारेबाजी करके अपना […]

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SEHORE NEWS: मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के गृह जिले सीहोर में किसानों का एक वर्ग उनसे नाराज है. इसी के चलते ग्राम चंदेरी के किसानों ने औद्योगिक क्षेत्र बढ़िया खेड़ी में पहुंचकर विरोध प्रदर्शन किया. किसानों ने औद्योगिक क्षेत्र में पहुंचकर सड़क जाम कर दी और सड़क पर बैठकर व नारेबाजी करके अपना विरोध जाहिर किया. दरअसल किसान इस औद्योगिक क्षेत्र के लिए हुए भूमि आबंटन और अधिगृहण प्रक्रिया से नाराज हैं. वे यहां पर आवासीय पट्‌टे देने की मांग लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं.

हाथो में तख्ती लेकर सड़क पर बैठे किसानों की मांग है कि औद्याेगिक क्षेत्र बढ़िया खेड़ी में 10 एकड़ भूमि आवासीय घोषित की जाए और आवासविहीन किसानों को यहां पर घर बनाने के लिए जमीन के पट्‌टे दिए जाएं. किसानों का कहना है कि ग्राम चंदेरी से इस औद्योगिक क्षेत्र के लिए 150 एकड़ भूमि अधिगृहित की गई थी.

लेकिन अधिगृहण और आबंटन की प्रकिया गलत तरीके से हुई, जिसके कारण किसानों को अब गांव से बाहर जाने के लिए निकलने को रास्ता तक नहीं बचा है.किसानों की मांग है कि इसी औद्योगिक क्षेत्र की 150 एकड़ जमीन में से सिर्फ 10 एकड़ जमीन सरकार आवासीय घोषित कर उसके पट्‌टे किसानों को दे, जिससे गांव के लोगों को यहां पर घर बनाने की सुविधा मिल सके.

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किसानों ने बोला उनका गांव ही औद्योगिक क्षेत्र के अंदर है
विरोध प्रदर्शन कर रहे किसान घनश्याम मेवड़ा ने बताया ‘ग्राम चंदेरी औद्योगिक क्षेत्र के अंदर बसा हुआ है.जो भी मकान बने हैं, वह बीएसआई की जमीन पर बने हुए हैं. अब आबादी बढ़ रही है तो ऐसे में मकान बनाने के लिए कोई जगह नही बची है. यह 150 एकड़ जमीन शासकीय भूमि है, जो औद्योगिक क्षेत्र के लिए आबंटित कर दी गई है. हमें इसमें से सिर्फ 10 एकड़ जमीन चाहिए. जिस पर प्रशासन द्वारा आवासीय भूमि घोषित कर उसके पट्‌टे स्थानीय किसानों को घर बनाने के लिए दिए जाएं’. किसानों ने चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांगों को नजरअंदाज किया गया तो वे उग्र आंदोलन करने पर भी उतर सकते हैं.

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