आदिवासी CM पर हीरालाल अलावा ने चंद्रशेखर रावण को किया खारिज, कहा- ‘बातों से नहीं बहुमत से तय होता है सीएम’

चंद्रभान सिंह भदौरिया

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Hiralal Alava rejected Chandrashekhar Ravan tribal CM in MP CM is decided by majority
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MP Tak Exclusive Interview: जय आदिवासी युवा शक्ति संगठन यानी जयस के राष्ट्रीय संरक्षक और मनावर से कांग्रेस विधायक डॉक्टर हीरालाल अलावा ने कहा है कि जयस के युवा आगामी विधानसभा चुनावों 2023 में प्रदेश की 80 सीटों पर चुनाव लड़ेंगे और जीतकर विधानसभा में आदिवासी समुदाय के हक की आवाज बुलंद करेंगे. हालांकि कांग्रेस या भाजपा से गठबंधन करने की बात पर उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया.

हीरालाल अलावा ने बीते दिनों भोपाल में भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर रावण के आदिवासी मुख्यमंत्री बनाने के दावे को केवल सियासी बयान बताकर खारिज कर दिया. उन्होंने कहा कि सीएम कुछ बातों से नहीं, बहुमत से तय होता है. झाबुआ में आदिवासी अधिकार यात्रा लेकर पहुंचे हीरालाल अलावा का MP Tak ने Exclusive इंटरव्यू लिया. पढ़िए बातचीत के अंश…

सवाल: भीम आर्मी चीफ मध्य प्रदेश में आदिवासी बनाने की बात कह रहे हैं?
जवाब: मध्य प्रदेश में आदिवासी मुख्यमंत्री बनाना बातों से तय नहीं हाेगा बल्कि यह बहुमत से तय होता है.
सवाल: जयस के संस्थापकों में से कुछ सदस्य नाराज चल रहे हैं? ऐसे में खुद बटी हुई जयस कैसे लड़ेगी?
जवाब: जयस एक है. कुछ मुद्दों पर कुछ साथियों को नाराजगी है और मैं उन साथियों से आव्हान करता हूं हम सभी एक साथ बैठें-संवाद करें और मेरी ग़लती भी हो तो बताए. हम सब मिलकर मतभेद दूर कर सकते हैं.
सवाल: आदिवासी अधिकार यात्रा निकालने की जरूरत क्यों पड़ी?
जवाब: मध्यप्रदेश में आदिवासियों की राशि में हेराफेरी हो रही है. मध्यप्रदेश में पेसा एक्ट ठीक से लागू नहीं किया गया है. आदिवासियों पर अत्याचार हो‌ रहे हैं. मध्यप्रदेश की धरती पर जेलो‌ं में सबसे ज्यादा आदिवासी बंद हैं. मनरेगा की राशि में कटौती केंद्र सरकार कर रही है. इसलिए वे पूरे मध्यप्रदेश में आदिवासी अधिकार यात्रा निकाल रहे हैं. इस अधिकार यात्रा के मुद्दों पर ही हम अगले विधानसभा चुनाव लड़ेंगे.
सवाल: जयस का विधानसभा चुनाव लड़ने का क्या प्लान है?
जवाब: जयस मध्य प्रदेश की 80 सीटों पर चुनाव लड़ेगी.
सवाल: जयस किसी पार्टी के साथ विधानसभा चुनावों में गठबंधन करेगी क्या?
जवाब: इस पर हीरालाल अलावा ने कोई स्पष्ट जवाब नहीं दिया है. इसी तरह जब उनसे पूछा गया कि आप कांग्रेस से चुनाव लड़ेंगे या निर्दलीय? इस पर भी अलावा ने कोई स्पष्ट जवाब नहीं दिया.

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कितना है जयस का प्रभाव
मध्यप्रदेश में आदिवासी समुदाय और किसानों के मुद्दों को लेकर जयस 2013 से लगातार आंदोलन कर रही है. राज्य में आदिवासी समुदाय की आबादी करीब 21% है. राज्य विधानसभा की कुल 230 सीटों में से 47 सीटें आदिवासी वर्ग के लिए आरक्षित हैं. इसके अलावा करीब 30 सीटें ऐसी मानी जाती हैं, जहां पर्याप्त संख्या में आदिवासी आबादी है और उनका प्रभाव है.

6 जिलों में जयस का प्रभाव
2013 के विधानसभा चुनाव में आदिवासियों के लिए आरक्षित 47 सीटों में से बीजेपी को 32 और कांग्रेस को 15 सीटें मिली थीं, हालांकि आदिवासियों का जनाधार 2018 के चुनावों में फिर से कांग्रेस की तरफ आया और कांग्रेस ने 31 सीटें जीत लीं. जयस के प्रभाव की बात है तो सबसे मजबूत आधार मालवा और निमाड़ के कुछ जिलों में है. इनमें से रतलाम, झाबुआ, धार, खंडवा, बड़वानी और खरगोन जिले शामिल हैं. इन क्षेत्रों में हीरालाल अलावा जयस के उम्मीदवारों को मैदान में उतारना चाहते हैं.

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