MP में यहां आदि शंकराचार्य की देश की सबसे ऊंची प्रतिमा ‘स्टेच्यू ऑफ वननेस’ तैयार, जानें इसकी खूबियां

जय नागड़ा

Omkareshwar News:  तीर्थनगरी ओम्कारेश्वर में जगतगुरु आदि शंकराचार्य की 108 फीट ऊंची प्रतिमा “स्टेच्यू ऑफ़ वननेस” का कार्य अंतिम चरण में है. नर्मदा किनारे देश का चतुर्थ ज्योतिर्लिंग ओम्कारेश्वर शंकराचार्य की दीक्षा स्थली है. जहां वे अपने गुरु गोविंद भगवत्पाद मिले और यहीं 4 वर्ष रहकर उन्होंने विद्या अध्ययन किया. 12 वर्ष की उम्र में […]

ADVERTISEMENT

Statue of Oneness, 108 feet high statue of Adi Shankaracharya, pilgrimage site Omkareshwar, Omkareshwar, Omkar Parvat, Advaita Vedanta Peeth, Shivraj Singh Chauhan, CM Shivraj Singh Chauhan, Omkareshwar of Khandwa district, Mandhata Parvat of
Statue of Oneness, 108 feet high statue of Adi Shankaracharya, pilgrimage site Omkareshwar, Omkareshwar, Omkar Parvat, Advaita Vedanta Peeth, Shivraj Singh Chauhan, CM Shivraj Singh Chauhan, Omkareshwar of Khandwa district, Mandhata Parvat of
social share
google news

Omkareshwar News:  तीर्थनगरी ओम्कारेश्वर में जगतगुरु आदि शंकराचार्य की 108 फीट ऊंची प्रतिमा “स्टेच्यू ऑफ़ वननेस” का कार्य अंतिम चरण में है. नर्मदा किनारे देश का चतुर्थ ज्योतिर्लिंग ओम्कारेश्वर शंकराचार्य की दीक्षा स्थली है. जहां वे अपने गुरु गोविंद भगवत्पाद मिले और यहीं 4 वर्ष रहकर उन्होंने विद्या अध्ययन किया. 12 वर्ष की उम्र में ओंकारेश्वर से ही अखंड भारत में वेदांत के लोकव्यापीकरण के लिए प्रस्थान किया. इसलिए ओम्कारेश्वर के मान्धाता पर्वत पर 12 वर्ष के आचार्य शंकर की प्रतिमा की स्थापना की जा रही है. यह पूरी दुनिया में शंकराचार्य की सबसे ऊंची प्रतिमा होगी. जिसका लोकार्पण मुख्यमंत्री शिवराज सिंह 18 सितम्बर को करेंगे.

मध्यप्रदेश की करीब दो हजार करोड़ रुपयों की धार्मिक एवं आध्यात्मिक योजना खण्डवा जिले के तीर्थस्थल ओम्कारेश्वर में आकार ले रही है. जिसमे ओंकार पर्वत पर 28 एकड़ में अद्वैत वेदांत पीठ और आदि शंकराचार्य की 108 फीट ऊंची भव्य प्रतिमा स्थापित की जा रही है. 

Loading the player...

आठ साल की उम्र में ओमकारेश्वर पहुंचे थे शंकराचार्य

इस योजना के प्रथम चरण में आदि शंकराचार्य की 108 फीट ऊंची प्रतिमा ” स्टेच्यू ऑफ़ वननेस” बनकर तैयार हो चुकी है, जबकि शेष कार्यो का भूमिपूजन होना है. सनातन धर्म के पुनरुद्धारक, सांस्कृतिक एकता के देवदूत व अद्वैत वेदांत दर्शन के प्रखर प्रवक्ता ‘आचार्य शंकर’ के जीवन और दर्शन के लोकव्यापीकरण के उद्देश्य के साथ मध्य प्रदेश शासन द्वारा ओंकारेश्वर को अद्वैत वेदांत के वैश्विक केंद्र के रूप में विकसित किया जा रहा है. आदि शंकराचार्य मात्र 8 वर्ष की उम्र में अपने गुरु को खोजते हुए केरल से ओमकारेश्वर आये थे, और यहां गुरु गोविंद भगवत्पाद से दीक्षा ली.  यही से उन्होंने फिर पूरे भारतवर्ष का भ्रमण कर सनातन की चेतना जगाई. इसलिए ओम्कारेश्वर के मान्धाता पर्वत पर यह 108 फीट ऊंची बहुधातु की प्रतिमा है, जिसमें आदि शंकराचार्य जी बाल स्वरूप में है.

ये भी पढ़ें: MP Election: मध्य प्रदेश के CM बनने के सवाल पर ज्योतिरादित्य सिंधिया ने दिया चौंकाने वाला जवाब

यह भी पढ़ें...

मूर्ति अपने अंतिम स्वरूप में

ओंकारेश्वर में मान्धाता पर्वत पर एकात्मधाम प्रोजेक्ट के अंतर्गत आदि गुरु शंकराचार्य जी की 108 फीट ऊंची प्रतिमा की स्थापना का काम चल रहा है. इसमें 54 फीट ऊंचा पेडस्टल था और 108 फीट ऊंची प्रतिमा है , मूर्ति निर्माण का काम अंतिम स्तर पर है. कल शाम तक मूर्ति पूरी तरह तैयार हो जाएगी. इस मूर्ति के अनावरण का कार्य 18 सितम्बर को आयोजित किया जायेगा. इसमें देश के तमाम कोने से साधू संत आयेंगे.

Statue of Oneness, 108 feet high statue of Adi Shankaracharya, pilgrimage site Omkareshwar, Omkareshwar, Omkar Parvat, Advaita Vedanta Peeth, Shivraj Singh Chauhan, CM Shivraj Singh Chauhan, Omkareshwar of Khandwa district, Mandhata Parvat of Omkareshwar, Khandwa Collector, famous painter Vasudev Kamat Omkareshwar, the fourth Jyotirlinga of the country on the banks of Narmada
फोटो- एमपी तक

कैसा रहेगा आगे का प्रोग्राम

18 तारीख को दो प्रोग्राम होंगे, जो फर्स्ट हाफ में प्रोग्राम होगा वह मान्धाता पर्वत पर होगा और सेकंड हॉफ में प्रोग्राम सिद्धवरकूट में होगा. मान्धाता पर्वत पर अभी भी एक पूजा चल रही है और आज से भी एक पूजा आरम्भ होगी, जो निरंतर तीन दिन जारी रहेगी. सिद्धवरकूट में भी 2-3 हजार साधु संत रहेंगे और वहां भी धार्मिक अनुष्ठान होंगे. अद्वैत्य लोक का भूमिपूजन होगा तो इसमें म्यूज़ियम, मेडिटेशन सेंटर, नौका विहार और 500 लोगों की क्षमता वाला थिएटर रहेगा.  इसके अलावा इसमें अन्नपूर्णा और शिल्पग्राम भी बनेंगे. टेंडर खुलने पर डिटेल जानकारी मिल पाएगी.

बाल शंकर का चित्र मुंबई के विख्यात चित्रकार वासुदेव कामत ने वर्ष 2018 में बनाया गया था. जिसके आधारपर यह मूर्ति सोलापुर महाराष्ट्र के प्रसिद्ध मूर्तिकार भगवान रामपुर द्वारा उकेरी गई.

ये भी पढ़ें: सिंधिया ने राहुल गांधी से जुड़ी किस बात पर कहा- मैं राजनीति में विराट कोहली की तरह खेलता हूं?

    follow on google news
    follow on whatsapp