'जबरदस्ती पकड़कर पीटा...बाहर निकला' बागेश्वर धाम में महिलाओं के साथ क्या हुआ? सामने आई सच्चाई
बागेश्वर धाम से जुड़ा महिलाओं के साथ मारपीट और जबरन ले जाने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है. जांच में सामने आया कि अपहरण का आरोप झूठा था, महिलाएं लंबे समय से धाम में रह रही थीं और उन्हें वापस घर भेजा जा रहा था.
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पिछले कुछ दिनों से सोशल मीडिया पर एक वीडियो जमकर वायरल हो रहा है. इस वीडियो कुछ महिलाएं छतरपुर के बागेश्वर धाम के सेवादारों पर मारपीट और जबरदस्ती कहीं ले जाने का गंभीर आरोप लगाती नजर आ रही हैं.
इन महिलाओं का कहना था कि उनके बाल खींचे गए और उन्हें उनकी मर्जी के बिना किसी अनजान जगह ले जाया जा रहा था.
वीडियो में महिलाएं बेहद परेशान दिख रही है. हालांकि बागेश्वर धाम की तरफ से अब तक इस मामले को लेकर कोई ठोस बयान सामने नहीं आया.
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इलाके में हड़कंप
इस वीडियो के वायरल होने के बाद इलाके में काफी हड़कंप मच गया. गढ़ा गांव के लोग इन महिलाओं पर चोरी और अभद्र भाषा इस्तेमाल करने के आरोप लगा कर नाराजगी जाहिर करते हुए पुलिस के पास पहुंच गए.
गांव वालों ने इन महिलाओं को तुरंत धाम से हटाया जाने की मांग की है. उनका कहना है कि ये महिलाएं चोरी और अन्य गलत गतिविधियों में लिप्त हैं.
जांच में जुटी पुलिस
पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच शुरू कर दी है. अधिकारियों की मानें तो जांच पूरी होने के बाद ही किसी तरह का बयान दिया जाएगा. वहीं, धाम के सेवादारों का कहना है कि वहां लगातार चोरी की घटनाएं हो रही थीं, जिसके कारण 70-80 लोगों पर निगरानी रखी जा रही थी.
इन महिलाओं को घर भेजने की भी कई बार समझाइश दी गई, लेकिन जब वे नहीं मानीं तो धाम के एंबुलेंस से रेलवे स्टेशन छोड़ने का फैसला लिया गया.
नहीं किया गया महिलाओं का अपहरण
लवकुश नगर के एसडीओपी नवीन कुमार दुबे ने कहते हैं कि महिलाओं का अपहरण नहीं किया गया है. यह महिलाएं लंबे समय से धाम पर रह रही थीं और वहां चोरी की घटनाओं में संलिप्त पाई गई थीं.
यही कारण है कि प्रशासन ने उन्हें महोबा भेजने का फैसला किया था. उनका कहना था कि महिलाओं की पहचान भी नहीं हो पाई थी और वायरल वीडियो में दिखाई गई बातें झूठी निकलीं.
नहीं आया कोई आधिकारिक बयान
हालांकि इस मामले में अभी तक बागेश्वर धाम प्रबंधन की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है. उम्मीद की जा रही है कि महिलाओं के झूठे आरोप का पर्दाफाश हो जाएगा.
यह मामला दिखाता है कि सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो की वजह से कई बार आधी-अधूरी जानकारी से गलतफहमियां फैल जाती हैं. प्रशासन और पुलिस ने मामले को गंभीरता से लेते हुए जांच शुरू कर दी है और जल्द ही पूरे मामले की सच्चाई सामने आ जाएगी.
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