इंदौर के सबसे बड़े हॉस्पिटल की हालत खराब, NICU में भर्ती नवजातों को चूहों ने कुतरा!

इंदौर के एमवाय अस्पताल में बड़ी लापरवाही सामने आई, जहां एनआईसीयू में भर्ती दो नवजातों को चूहों ने काट लिया. इस घटना ने अस्पताल की सुरक्षा और स्वच्छता व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं.

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अस्पताल में चूहे से परेशान
अस्पताल में चूहे से परेशान
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इंदौर के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल एमवाय (MY Hospital) से एक बेहद चौंकाने वाली और दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है. यहां के एनआईसीयू यानी नवजात गहन चिकित्सा इकाई में भर्ती दो मासूम नवजात बच्चों पर चूहों ने हमला कर दिया. 

मिली जानकारी के अनसुार चूहों ने बच्चों के हाथ तक कुतर डाले. इस घटना के बाद अस्पताल में हड़कंप मच गया और परिजनों ने जमकर हंगामा किया.

क्या है मामला 

दरअसल, दोनों इन दोनों बच्चों का जन्म कुछ दिन पहले ही हुआ था और उन्हें गंभीर हालत के चलते पीडिएट्रिक सर्जिकल आईसीयू में भर्ती किया गया था, यहां खासतौर पर उन नवजातों को रखा जाता है जिन्हें हार्ट डिजीज या अन्य गंभीर बीमारियां होती हैं. लेकिन यहां तो बच्चों की जान बचाने के बजाय, उनकी सुरक्षा ही खतरे में पड़ गई.

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एक के बाद एक हमला

सबसे पहले रविवार को एक नवजात को चूहे ने काटा था लेकिन डॉक्टरों ने इसे किसी इन्फेक्शन का असर समझा. लेकिन जब सोमवार को एक और बच्चे को चूहे ने काटा और सीसीटीवी फुटेज खंगाले गए, तो सच्चाई सामने आई. चूहों के हमले की तस्वीरें CCTV में रिकॉर्ड हो गईं, जिससे यह साफ हो गया कि बच्चों को किसी संक्रमण ने नहीं, बल्कि चूहों ने नुकसान पहुंचाया है.

अस्पताल प्रशासन ने पल्ला झाड़ा, नेता विपक्ष ने सरकार को घेरा

इस दुखद घटना से अस्पताल प्रशासन की लापरवाही भी उजागर हुई है. अधिकारियों का कहना है कि वे समय-समय पर फ्यूमिगेशन और पेस्ट कंट्रोल कराते हैं, लेकिन फिर भी ये हादसा कैसे हुआ, इसका कोई साफ जवाब नहीं मिल पाया.

इस बीच नेता प्रतिपक्ष शुभमंग सिंघार ने सोशल मीडिया  एक्स पर सरकार को घेरते हुए लिखा, "नवजातों पर तो रहम करो सरकार. एमवाय अस्पताल में मासूमों को चूहे कुतर रहे हैं और बीजेपी सरकार पेस्ट कंट्रोल तक नहीं करा पा रही है। यह लापरवाही नहीं, नरसंहार है."

जिम्मेदार कौन?

इस घटना ने केवल अस्पताल की लापरवाही को उजागर नहीं किया, बल्कि अस्पतालों की स्वच्छता व्यवस्था और बच्चों की सुरक्षा पर भी बड़े सवाल खड़े कर दिए हैं. जब राज्य के सबसे बड़े अस्पताल की ये हालत है, तो बाकी जगहों की क्या स्थिति होगी?

फिलहाल जिन बच्चों को चूहों ने काटा है, उन्हें डॉक्टर्स की कड़ी निगरानी में रखा गया है. वहीं दूसरी तरफ अस्पताल प्रशासन अब पेस्ट कंट्रोल और सुरक्षा उपायों की बात कर रहा है, लेकिन यह सब तब क्यों नहीं किया गया जब इसकी सबसे ज्यादा जरूरत थी?

इस पूरे मामले ने साफ कर दिया है कि सरकारी सिस्टम में गड़बड़ियां अब इंसानी जिंदगी को भी निगलने लगी हैं. अब देखना ये होगा कि दोषियों पर क्या कार्रवाई होती है या फिर हमेशा की तरह ये मामला भी फाइलों में दब जाएगा.

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