जीतू पटवारी के आरोप ‘CM शिवराज सिंह चौहान और गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा के बीच छिड़ी है जंग’! स्पीकर अपनी बात पर अड़े
MP POLITICAL NEWS: विधानसभा की कार्रवाई 13 मार्च तक के लिए स्थगित होने के बाद विधायक जीतू पटवारी के बंगले पर कांग्रेस के सभी विधायक पहुंचे और उन्होंने एक लंबी मंत्रणा की. जिसमें तय हुआ कि पीसीसी चीफ कमलनाथ के भोपाल में आने के बाद उनकी सहमति लेकर कांग्रेस 13 या 14 मार्च को बड़ा […]
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MP POLITICAL NEWS: विधानसभा की कार्रवाई 13 मार्च तक के लिए स्थगित होने के बाद विधायक जीतू पटवारी के बंगले पर कांग्रेस के सभी विधायक पहुंचे और उन्होंने एक लंबी मंत्रणा की. जिसमें तय हुआ कि पीसीसी चीफ कमलनाथ के भोपाल में आने के बाद उनकी सहमति लेकर कांग्रेस 13 या 14 मार्च को बड़ा आंदोलन करेगी. पीसीसी चीफ कमलनाथ इस पर निर्णय लेकर तारीख तय करेंगे. जीतू पटवारी ने मीडिया से बात करने के दौरान सीएम शिवराज सिंह चौहान और गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा पर सनसनीखेज आरोप भी लगाए.
जीतू पटवारी ने कहा कि ‘इस पूरे विवाद की असल वजह सीएम शिवराज सिंह चौहान और गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा के बीच चल रही सत्ता की लड़ाई है. इन दोनों की आपसी लड़ाई के चक्कर में ये पूरा विवाद पैदा हुआ’. उधर विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम भी अपनी बात पर अड़े हैं. उन्होंने शुक्रवार को विधानसभा में प्रस्तुत किए गए अविश्वास प्रस्ताव को मानने से ही इनकार कर दिया.
क्या बोले जीतू पटवारी?
जीतू पटवारी ने कहा कि ‘गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने सीएम शिवराज सिंह चौहान के खिलाफ अंदर ही अंदर राजनीतिक लड़ाई छेड़ रखी है. उसी का नतीजा है कि उन्होंने विधानसभा के अंदर इस विवाद को हवा दी. इन दोनों की लड़ाई के चक्कत में ही मेरा विधानसभा से निलंबन हुआ और इन दोनों के कारण ही विधानसभा के अध्यक्ष गिरीश गौतम ने निष्पक्ष तरीके से दायित्वों का निर्वहन न करते हुए एक बीजेपी कार्यकर्ता की तरह काम किया’. जीतू पटवारी ने कहा कि ’13 या 14 मार्च को कांग्रेस बड़े पैमाने पर इस मुद्दे को लेकर आंदोलन करने सड़कों पर उतरेगी. अंतिम निर्णय पीसीसी चीफ कमलनाथ ही करेंगे’. जीतू पटवारी का कहना है कि ‘मैंने विधानसभा में कुछ भी गलत नहीं कहा. गलत होता तो खेद व्यक्त कर देता’. जीतू पटवारी के इन नए आरोपों पर राजनीतिक गलियारों में नए सिरे से चर्चा शुरू हो गई है.
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विधानसभा अध्यक्ष क्या बोले?
विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम ने कहा कि ‘शुक्रवार को कोई अविश्वास प्रस्ताव मेरे समक्ष नहीं आया. मैं आसंदी की ओर जाने लगा तब ये लोग प्रस्ताव पेश कर रहे थे जबकि प्रस्ताव पेश करने का समय सुबह 7.30 से 10 बजे तक देना होता है. तब तक कोई प्रस्ताव आया ही नहीं है. नियमानुसार प्रस्ताव लेकर आएं तो उस पर सुनवाई के लिए तारीख तो हम ही सुनिश्चित करेंगे. जब अविश्वास प्रस्ताव पर तारीख निश्चित हो जाएगी तब मेरी जगह कोई अन्य पीठासीन अधिकारी बनेगा’.
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विधानसभा अध्यक्ष ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि ‘जीतू पटवारी को विधानसभा में बोलने के लिए 1 घंटे से अधिक का वक्त दिया. इतना समय तो नेता सदन और नेता प्रतिपक्ष को नहीं मिलता है. संसदीय कार्य मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने निलंबन का प्रस्ताव दिया था लेकिन हमने विधायक जीतू पटवारी से कहा कि वे अपनी बात पर खेद व्यक्त कर दें तो मामला शांत हो जाता. लेकिन वे आरोप पे आरोप लगा रहे हैं और पटल पर कानूनी भाषा में कुछ अन्य तथ्य रख रहे हैं’.
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अध्यक्ष गिरीश गौतम ने कहा कि ‘यदि आपके आरोपों में सत्यता है तो उन्हें ही पटल पर रखना चाहिए था. इसलिए उनके खिलाफ निलंबन की कार्रवाई की. विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम ने कई उदाहरणों के जरिए बताया कि यह कोई अंतिम निर्णय नहीं है. यदि नियम कानून से चलेंगे तो इस निर्णय पर रिव्यू किया जा सकता है. निलंबन की कार्रवाई को समाप्त भी किया जा सकता है लेकिन इसके लिए उनको खेद व्यक्त करना होगा और विधानसभा की कार्रवाई को नियमानुसार चलाने में सहयोग देना होगा’.
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