7 महीने पुराने विवाद से भड़का था करणी सेना का गुस्सा, अब राष्ट्रीय अध्यक्ष जीवन सिंह शेरपुर की गिरफ्तारी के बाद लाठीचार्ज और बवाल

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Karni Sena Protest: मध्य प्रदेश के हरदा और रतलाम में करणी सेना के कार्यकर्ताओं पर पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया. राष्ट्रीय अध्यक्ष जीवन सिंह शेरपुर की गिरफ्तारी के विरोध में सड़कों पर उतरे थे. इस दौरान पुलिस ने कार्यकर्ताओं को खदेड़ने के लिए आंसू गैस और वाटर कैनन का इस्तेमाल भी किया. दरअसल, करणी सेना के कार्यकर्ता एक पुराने मामले में पुलिस पर पैसे लेकर आरोपी को बचाने का आरोप लगाने को लेकर प्रदर्शन कर रहे थे.

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हरदा में करणी सेना का प्रदर्शन, पुलिस ने किया लाठीचार्ज
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Karni Sena Protest: मध्य प्रदेश के हरदा और रतलाम में करणी सेना के कार्यकर्ताओं और पुलिस के बीच तनाव जारी है. करणी सेना के कार्यकर्ताओं ने राष्ट्रीय अध्यक्ष जीवन सिंह शेरपुर की गिरफ्तारी के विरोध में चक्का जाम और प्रदर्शन कर रहे थे. इसी बीच प्रदर्शन ने अचानक हिंसक मोड़ ले लिया. इसके जवाब में पुलिस को लाठीचार्ज, आंसू गैस और वाटर कैनन का इस्तेमाल करना पड़ा.

दरअसल, शनिवार को हरदा में पुलिस धोखाधड़ी के मामले में एक आरोपी को कोर्ट में पेश कर रही थी. इस बीच करणी सेना के कार्यकर्ता वहां प्रदर्शन करने लगे. कार्यकर्ताओं का आरोप था कि पुलिस ने पैसे लेकर आरोपी को बचाया है. इस दौरान करणी सेना के जिला अध्यक्ष सुनील सिंह राजपूत और पुलिस के बीच तीखी नोकझोंक हो गई. स्थिति बिगड़ता देख पुलिस ने बल प्रयोग कर दिया. इसके बाद पुलिस ने करणी सेना के जिलाध्यक्ष सुनील सिंह सहित कई कार्यकर्ताओं को हिरासत में लेकर जेल भेज दिया.

राष्ट्रीय अध्यक्ष को किया गिरफ्तार

इस बीच रविवार को करणी सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष जीवन सिंह शेरपुर हरदा पहुंचे गए. उन्होंने सुनील सिंह की गिरफ्तारी के विरोध में प्रदर्शन शुरू कर दिया. इस दौरान पुलिस को स्थिति नियंत्रित करने के लिए लाठीचार्ज, आंसू गैस और वाटर कैनन का इस्तेमाल करना पड़ा. पुलिस ने प्रदर्शन कर रहे जीवन सिंह सहित 50 से अधिक कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार कर लिया. प्रदर्शनकारियों का पुलिस पर आराेप है कि पुलिस ने बिना चेतावनी के बर्बरता की और शांतिपूर्ण प्रदर्शन को कुचल दिया.

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रतलाम में भी भड़का आक्रोश

वहीं, हरदा की घटना के विरोध में रतलाम में भी करणी सेना के कार्यकर्ताओं ने चक्का जाम किया. पुलिस ने यहां भी बल प्रयोग करते हुए प्रदर्शनकारियों को खदेड़ा. कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाया कि पुलिस ने निर्दोष लोगों पर लाठियां बरसाईं और उन्हें गुंडों की तरह पीटा. उधर रतलाम पुलिस ने कहा कि कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए न्यूनतम बल का इस्तेमाल किया गया और चक्का जाम के खिलाफ केस दर्ज किया जा रहा है.

क्यों शुरू हुआ विवाद?

दरअसल, ये मामला 7 महीने पुराना बताया जा रहा है. जानकारी के अनुसार, हरदा के रहने वाले आशीष राजपूत ने अपनी घरेलू और व्यापारिक समस्याओं के समाधान के लिए पंडित को कुंडली दिखाई थी. इस दाैरान पंडित ने उन्हें हीरा पहनने की सलाह दी. इस बीच मोहित वर्मा नामक युवक ने उनसे संपर्क कर बताया कि उसके पास 1.52 कैरेट का हीरा है, जिसकी कीमत ₹18 लाख है. आशीष ने मोहित से ये सौदा कर लिया. मोहित ने बताया कि वह एक हफ्ते बाद इंदौर से हीरा लेकर आएगा. इसके बाद आशीष इंदौर पहुंचा. यहां मोहित और विक्की लोधी ने उसकी मुलाकात उपेश तपानिया से कराई. उमेश ने हिरे की जांच कराई तो वो असली निकला. लेकिन बाद में आरोपियों ने फोन कर बताया कि हीरे के दाम बढ़ गए हैं और यदि खरीदना है तो फिर से आ जाओ.

इसके बाद वो मुंबई गया. यहां एक दुकान में असली हीरे की जगह उसे नकली हीरा दे दिया. इस पर आशीष की मोहित और उमेश से कहासनी हुई. मोहित ने उसे ₹10 और ₹13 लाख का चेक दे दिया. लेकिन बैंक में जमा करने पर दोनों चेक बाउंस हो गए. इसके बाद उन्होंन पुलिस ने शिकायत की और मामला दर्ज कराया. पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ जांच शुरू की और शनिवार को आरोपी को कोर्ट में चालान के साथ पेश किया. लेकिन, इसी कारवाई से नाराज होकर करणी सेना ने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया. इस बीच पुलिस से उनकी नोकझोंक हो गई. मामला इतना बढ़ गया कि  पुलिस को लाठी चार्ज करना पड़ा.

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