'रंगों से दिक्कत है तो घर से मत निकलिए..' मध्य प्रदेश के कैबिनेट मंत्री का होली मनाने को लेकर बड़ा बयान
MP News: मध्य प्रदेश के कैबिनेट मंत्री विश्वास सारंग ने रतलाम के शहर काजी की अपील पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि आपको रंगों से कोई दिक्कत है तो घर से मत निकलिए... कोई जबरदस्ती घर में रंग लगाने थोड़ी न आ रहा है.
ADVERTISEMENT

MP Holi Guidelines: 'बहुसंख्यक समाज को चिढ़ाने की जरूरत नहीं है. जबरदस्ती तनाव की पैदा करने की कोशिश न करें. सोहागपुर के वातावरण में टंगड़ी लगाने की कोशिश न करें. बिना बात के विभव संख्या में समाज को चढ़ाया नहीं जाए. अगर आपको होली या रंग से दिक्कत है तो आप उस समय घर से मत निकलये कोई आपके घर में आकर तो जोर जबरदस्ती नहीं कर रहा है...' ये बात मध्य प्रदेश के कैबिनेट मंत्री विश्वास सारंग ने रतलाम के शहर काजी की अपील पर प्रतिक्रिया दे रहे थे.
उन्होंने आगे कहा- "क्या जरूरत है दिशा निर्देश देने की? क्या कोई तनाव है क्या किस तरीके की चर्चा आपके वर्ग में हो रही है इस तरह से सेंसेशन पैदा करना यह ठीक नहीं है."
रंग में भंग मत डालिए...
रतलाम शहर काजी के पत्र पर मंत्री विश्वास कैलाश सारंग ने कहा, "बहुसंख्यक समाज को चिढ़ाने की कोशिश नहीं होना चाहिए. होली का त्योहार हमारी संस्कृति से जुड़ा हुआ वह पर्व है जिसको हर धर्म और हर समाज के लोग मनाते हैं. आपको कोई निमंत्रण नहीं दे रहा है कि आप होली होली खेलिए ही. मगर कोई अगर होली खेल रहा है उसके रंग में भंग भी मत डालिए."
यह भी पढ़ें...
बता दें कि रतलाम के शहर काजी मौलवी सय्यद अहमद अली ने मुसलमानों से बड़ी अपील करते हुए एक पत्र जारी किया था. उन्होंने लिखा था कि "इस बार होली और जुम्मा एक ही दिन है. इस बात को ध्यान में रखते हुए अगर होली के दिन किसी हिंदू भाई से गलती से रंग पड़ जाए तो उसका बुरा न मानें."
मुस्लिम अवाम से खास अपील
"आने वाली 14 मार्च को जुमा और होली एक ही दिन है. इस बात के मद्देनजर आप मुस्लिम अवाम से खास अपील है कि अगर आप पर गलती से किसी हिंदू भाई से रंग पड़ जाय तो उसका बगैर बुरा मानें मुस्कुराकर अखलाक ए एहसन का मुजाहैरा करते हुए आगे बढ़ जाएं. अगर जान बूझकर भी आप पर कोई रंग डाल दे तो आप अपनें आका के एक मशहूर वाकये को याद करें. आप जब मदीने की गलियों से गुजरा करते थे तो एक बूढ़ी आप पर गंदा कचरा फेंका करती थी." हालांकि शहर काजी ने बाद में उन्होंने संशोधन करते हुए एक नया पत्र जारी किया और अपनी गलती को स्वीकार किया है.